व्यवस्था के आगे दम तोड़ रही स्वास्थ्य सेवाएं, इलाज के नाम पर मिल रही रेफर की स्लिप
विनोद कुमार फतेहाबाद सितंबर महीने में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है। लेकिन अस्पत
विनोद कुमार, फतेहाबाद :
सितंबर महीने में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है। लेकिन अस्पताल में जो व्यवस्था है वो भी हैरान व चिता में डालने वाली है। अगर यहां पर कोई अधिक बीमार मरीज आ जाए तो उसे जिला अस्पताल में इलाज नहीं मिलेगा बल्कि उसे रेफर कर दिया जाएगा। जिस व्यक्ति को कोरोना हो रहा है और वह स्वस्थ है उसे ही कोविड-19 सेंटर में रखा जा रहा है। कागजों में संस्थान भी दिखाए जा रहे है कि सबकुछ है। लेकिन इसका प्रयोग कब करेंगे ये तो डाक्टरों को खुद ही नहीं पता।
पिछले दिनों कोविड-19 सेंटर से कुछ वीडियो भी वायरल हुआ है। उसमें मरीजों का कहना था कि वो सेंटर में आइसोलेट है लेकिन यहां पर सुविधा तक नहीं है। गर्म पानी की व्यवस्था नहीं है। दवा के नाम पर उसे केवल पेरासिटामोल टेबलेट दी जा रही है। आरोप तो यहां तक लगाए गए है कि टेस्ट के नाम पर उससे रुपये की मांग भी की गई।
---------------------------------------------------- जिले में बनाए दो कोविड-19 सेंटर
जिले में अप्रैल महीने में कोरोना का पहला मरीज आ गया था। जिसके बाद नागरिक अस्पताल के अंदर ही कोविड-19 सेंटर बनाया गया। लेकिन जैसे-जैसे मरीज बढ़ते गए वैसे ही कोविड-19 सेंटर को धर्मशाला में शिफ्ट कर दिया। इस समय रामसेवा समित धर्मशाला व अग्रवाल धर्मशाला को कोविड-19 सेंटर बनाया गया है। यहां पर मरीज इलाज भी ले रहे है। वहीं अस्थाई तौर पर बीघड़ रोड पर सामुदायिक केंद्र में 100 बेड का अस्पताल भी बना दिया है। इसके अलावा सभी निजी अस्पतालों को आदेश दिए गए है कि 15 फीसद अपने अस्पतालों में बेड मरीजों के लिए रखे। ऐसे में मरीजों के इलाज के लिए व्यवस्था तो ठीक है।
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वेंटिलेटर व आइसीयू वार्ड, मरीज एक भी भर्ती नहीं
करीब एक महीने पहले नागरिक अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र बन कर कोविड-19 का आइसीयू केंद्र बना दिया गया। यहां पर वेंटिलेटर भी लगा दिए गए। लेकिन मरीजों को यहां भर्ती नहीं किया जा रहा है। बीमार होने पर उन्हें अग्रोहा रेफर कर दिया गया है। सबसे बड़ी हकीकत तो ये है कि दान के सहारे ही 10 वेंटिलेटर मिले थे लेकिन चलाने के लिए विशेषज्ञ नहीं है। हालांकि पिछले दिनों के कुछ कर्मचारियों को ट्रेनिग दी गई थी। लेकिन ट्रेनिग प्राप्त कर्मचारी व विशेषज्ञ में दिनरात का फर्क है। ऐसे में स्थानीय डाक्टर रिस्क लेने की बजाए मरीजों को रेफर किया जा रहा है।
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सामान्य ओपीडी हो रही प्रभावित
नागरिक अस्पताल में डाक्टरों के 42 पद स्वीकृत है। लेकिन यहां पर केवल 17 ही डाक्टर है। जिसमें अधिकतर डाक्टरों की ड्यूटी कोविड-19 में लगी हुई है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि दंत चिकित्सक से लेकर फिजिशियन की ड्यूटी कोरोना में है। सबसे अधिक मरीज भी इसी बीमारी के आ रहे है। ऐसे में नागरिक अस्पताल में सामान्य ओपीडी प्रभावित हो रही है। डाक्टर खुद मान रहे है कि वो 10 से 15 घंटे तक ड्यूटी कर रहे है। अब आपातकालीन स्थिति में ही मरीजों का इलाज सरकारी अस्पताल में हो रहा है।
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एंबुलेंस की स्थिति है संतोषजनक
जिले में वैसे एंबुलेंस की कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन कोविड-19 सेंटर में केवल दो एंबुलेंस लगाई गई है। एक मरीजों को ले जाने व छोड़ने के लिए है। वहीं एक एंबुलेंस कोरोना से मौत होने पर उसके शव को लेकर आने के लिए लगाई है। इसके अलावा जिले में 10 एंबुलेंस है जो काम कर रही है। वहीं पीएचसी केंद्रों पर अब भी एंबुलेंस की दिक्कत है। लेकिन नागरिक अस्पताल व सीएचसी में एंबुलेंस में कमी नहीं है। पहले कोरोना मरीज मिलने के बाद उसे ले जाने से लेकर छोड़ने का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग का था। लेकिन अब कोविड-19 सेंटर में मरीज ठीक होने के बाद उसे घर बिना एंबुलेंस भेजा रहा है। अगर वह एंबुलेंस लेकर जाएगा तो उसे किराया देना पड़ेगा।
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जिले में डाक्टरों की कमी
फतेहाबाद जिला बनने के बाद से ही यहां पर डाक्टरों की कमी रही है। यहां पर डाक्टर आना नहीं चाहते। यहां पर स्कॉप कम होने के कारण डाक्टर बड़े शहरों में ट्रांसफर करवा लेते है या फिर छोड़ जाते है। पिछले दिनों जिले से 5 डाक्टर छोड़कर भी चले गए है। इसके अलावा अनेक डाक्टर लंबी छुट्टी पर चल रहे है। ऐसे में जो डाक्टर रह गए है वो कोरोना सैंपल लेने में व्यस्त है। अगर आने वाले समय में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ेगी तो सभी को इलाज मिले इसकी गारंटी कोई नहीं ले रहा है। ऐसे में लोगों को अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी खुद लेनी होगी।
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अस्पताल स्वीकृत पद कार्यरत खाली
नागरिक अस्पताल फतेहाबाद 42 17 25
पॉलीक्लीनिक हुडा 2 1 1
सिविल अस्पताल टोहाना 13 6 7
सिविल अस्पताल रतिया 13 2 11
सीएचसी भट्टूकलां 7 2 5
सीएचसी बड़ोपल 7 1 6
सीएचसी जाखल 7 4 3
सीएचसी भूना 7 1 6 यह है मौजूदा स्थिति
मनोरोग विशेषज्ञ : सप्ताह में चार दिन की ओपीडी, दो दिन रतिया डयूटी
हड्डी रोग विशेषज्ञ : डाक्टर तक नहीं
फिजिशियन : कोरोना में डयूटी
दंत चिकित्सक : कोरोनो में ड्यूटी
चर्म रोग विशेषज्ञ : छुट्टी पर
बाल रोग विशेषज्ञ : छुट्टी पर यह भी जानें
जिले की जनसंख्या : साढ़े 10 लाख
नागरिक अस्पताल : 3
सीएचसी : 6
पीएचसी : 21
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अब जाने ये हैं व्यवस्था
कोविड-19 बेड : 80
ऑक्सिजन बेड : 68
आइसीयू बेड : 33
वेंटिलेटर : 10
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:::आंकड़ों से समझें कोरोना की स्थिति ::::
जिले में अब तक हुए कोरोना के टेस्ट : 44000
विदेश से आए लोग : 193
आरटीपीआर टेस्ट : 26500
एंटीजन टेस्ट : 17000
टूयूनेट टेस्ट : 500
कुल मरीज : 000
निजी अस्पताल में इलाज ले रहे : 57
होम आइसोलेट हुए : 1401
घर पर रहते ठीक हुए मरीज : 895
घर पर ले रहे इलाज : 505
डोर-टू-डोर हुआ सर्वे : चार बार
जिले में अब तक हुई मौत : 26
सबसे ज्यादा टोहाना में हुई मौत : 08
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हमारी कोशिश रहती है कि हर मरीज को इलाज मिले वो मिल भी रहा है। कहीं कोई शिकायत आती है तो उसे दुरुस्त किया जा रहा है। जिले में डाक्टरों की कमी है इसे नकारा नहीं जा सकता। विभाग की तरफ से उच्चाधिकारियों को अवगत भी करवाया जा चुका है। जिले में व्यवस्था है उससे अधिक इलाज भी दिया जा रहा है।
डा. हनुमान सिंह
कोरोना इंचार्ज व डिप्टी सिविल सर्जन, फतेहाबाद।