जिले में 10 महीनों से नहीं हुई कष्ट निवारण समिति की बैठक, फरियादी कर रहे इंतजार
जनसंपर्क एवं जन परिवाद समिति के नाम के अनुरूप काम नहीं हो रहे। नाम बेशक सरकार ने शानदार रखा हो। लेकिन मंत्री बैठक लेने के लिए जिले में नहीं आते। ऐसे में फरियादी अपनी शिकायत लेकर भटकते रहते है। लेकिन सुनवाई करने वाला कोई नहीं मिलता।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : जनसंपर्क एवं जन परिवाद समिति के नाम के अनुरूप काम नहीं हो रहे। नाम बेशक सरकार ने शानदार रखा हो। लेकिन मंत्री बैठक लेने के लिए जिले में नहीं आते। ऐसे में फरियादी अपनी शिकायत लेकर भटकते रहते है। लेकिन सुनवाई करने वाला कोई नहीं मिलता।
आमजन की सुनवाई हो। सरकार का भी लोगों से संपर्क बना रहे। इसके लिए प्रदेश सरकार हर बार प्रत्येक जिले में जनसंपर्क एवं जन परिवाद समिति का गठन किया हुआ है। वैसे इस बार भी सरकार के गठन होने के बाद मंत्रियों को जिले आवंटित कर दिए थे। फतेहाबाद जिले के मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला को बनाया गया। लेकिन वे इस समिति की बैठक को लेकर अभी तक गंभीर नहीं हुई। वजह है कि पिछले 10 महीनों से समिति की बैठक ही नहीं हुई। अंतिम बैठक 28 जनवरी को आयोजित हुई थी। उस बैठक की कई शिकायत अब भी लंबित है। ऐसे में लोग मंत्री की बाट जोह रहे है। लेकिन मंत्री अपनी जिम्मेदारी के अनुरूप आने का तैयार नहीं। पिछले प्लान में तीन बदले मंत्री, फिर भी हुई थी 11 बैठकें :
भाजपा सरकार के पिछले प्लान में जनसंपर्क एवं जन परिवाद समिति की बैठक का नाम भी बदल दिया था। पहले इसका नाम सिर्फ जिला जनपरिवाद की बैठक थी। भाजपा सरकार ने इसमें जनसंपर्क नाम और जोड़ दिया। इतना ही नहीं सरकार के पिछले प्लान में तीन मंत्री बदले गए। उसके बाद में जिले में 5 साल में महज 11 बैठक हुई। इस बार अभी तक मंत्री तो नहीं बदले गए है, लेकिन बैठक फिर भी नहीं हो रही। सांसद दुग्गल तीन बार ले चुकी हैं बैठक :
कोरोना काल में जिला जनसंपर्क एवं परिवाद समिति की बेशक बैठक नहीं हो रही हो। लेकिन सांसद सुनीता दुग्गल इस दौरान 3 बार बैठक लेकर केंद्र संचालित द्वारा योजनाओं की समीक्षा की है। जिसका असर यह हुआ है कि योजना सही से लागू होने लगी। इसका लाभ आमजन को मिल रहा है। लेकिन बिजली मंत्री रणजीत सिंह प्रदेश सरकार की गठित जिला जनसंपर्क एवं परिवाद समिति की बैठक लेने नहीं आ रहे। ये शिकायत अभी भी लंबित :
जिला जनसंपर्क एवं परिवाद समिति की 28 जनवरी को हुई बैठक में 15 मामले रखे गए थे। जिनमें से 11 का निपटान हुआ था। 4 अभी तक लंबित हैं। उनमें से हंक मार्केट का अतिक्रमण की समस्या शामिल है। इस समस्या के चलते दो बार हंस मार्केट में इसी महीने लड़ाई हो चुकी है। लेकिन शिकायत पर समाधान नहीं हुआ। इसी तरह गांव सहनाल के शिकायतकर्ता के मकान की मरम्मत के नाम रुपये लेने का आरोप था। जिसमें शिकायतकर्ता की मौत हो गई। लेकिन जिला कल्याण सिंह विभाग से मदद नहीं मिली। वहीं गांव बोस्ती से संबंधित एक शिकायत चार साल से लंबित है। शिकायतकर्ता भूमालिक पर गाली गलौच करने का आरोप लगाते हुए कई बार शिकायत दी है। हालांकि बैठक में आरोपित खुद को पीड़ित बताते है। वहीं एक अन्य शिकायत में गांव चाननवाली के गोविद की शिकायत थी कि उसने एफडी करवाने के लिए बैंक में फार्म भरा था, परंतु बैंक कर्मचारी ने उसकी बीमा पॉलिसी कर दी। इसकी जांच भी अभी तक लंबित है।