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सैंपलिग के नाम पर की गई खानापूर्ति

कल रक्षा बंधन पर्व है। भाई बहन के इस पवित्र रिश्ते में मिठास भरने के लिए मिठाई का इस्तेमाल होना लाजमी है। लिहाजा मिष्ठान भंडारों पर मिठाई खरीदने वालों का तांता लगा हुआ है। अब सवाल ये है कि आमजन को दुकानों पर शुद्ध मिठाई मुहैया हो रही है नहीं? मिठाई की गुणवत्ता जांच में ही साफ हो सकती थी लेकिन खाद्य पदार्थो की जांच करने का जिम्मेदार खाद्य सुरक्षा विभाग का रवैया उदासीन नजर आ रहा है। होना तो यूं था कि रक्षा बंधन पर्व के मद्देनजर विभाग कई दिन पहले ही मिठाई दुकानों से सैंपलिग करता ताकि आमजन को शुद्ध मिठाइयां मिलतीं।।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 11:30 PM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 11:30 PM (IST)
सैंपलिग के नाम पर की गई खानापूर्ति
सैंपलिग के नाम पर की गई खानापूर्ति

संवाद सूत्र, कुलां

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कल रक्षा बंधन पर्व है। भाई बहन के इस पवित्र रिश्ते में मिठास भरने के लिए मिठाई का इस्तेमाल होना लाजमी है। लिहाजा मिष्ठान भंडारों पर मिठाई खरीदने वालों का तांता लगा हुआ है। अब सवाल ये है कि आमजन को दुकानों पर शुद्ध मिठाई मुहैया हो रही है नहीं? मिठाई की गुणवत्ता जांच में ही साफ हो सकती थी, लेकिन खाद्य पदार्थो की जांच करने का जिम्मेदार खाद्य सुरक्षा विभाग का रवैया उदासीन नजर आ रहा है। होना तो यूं था कि रक्षा बंधन पर्व के मद्देनजर विभाग कई दिन पहले ही मिठाई दुकानों से सैंपलिग करता, ताकि आमजन को शुद्ध मिठाइयां मिलतीं।।

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खबर लगने के बाद विभाग ने की खानापूर्ति

क्षेत्र में राशन सामग्री में भी मिलावट का खेलजारी है। सैपलिग व चैकिग के नाम पर होने वाली कार्रवाई खानापूर्ति से आगे नहीं बढ पा रही है। क्षेत्र में मिलावटी व नकली खाद्य पदार्थो की बिक्री का मुद्दा दैनिक जागरण की ओर से 13 अगस्त के अंक में शीर्षक 'मिष्ठान भंडारों पर बिक रहा मीठा जहर' समाचार प्रकाशित कर उठाया था। जिसके बाद हालांकि औचारिकता पूरी करते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने 18 अगस्त को कुलां में दबिश दी, परंतु इस दौरान खास बात ये देखने को मिली कि त्योहारी सीजन के मद्देनजर भी टीम ने किसी भी मिष्ठान भंडार से सैंपल लेना मुनासिब नहीं समझा। भले ही टीम द्वारा उस दौरान दो किराना दुकानों से चाय पत्ती व नमक के सैंपल लिए, लेकिन विभाग की ये कार्रवाई भी सवालों के घेरे में हैं। लोगों का कहना है कि करियाना के सामान की दुकानों पर आम तौर पर इस्तेमाल किए जाते तेल व घी में सबसे अधिक मिलावट की जाती है, परंतु विभाग द्वारा इनके नमूने लेने की अपेक्षा चाय पत्ती व नमक के सैंपल लेकर खानापूर्ति की है। विभाग द्वारा ऐसा कर दुकानदारों को बचाने का प्रयास किया गया है। चाय पत्ती व नमक के सैंपल फेल भी पाएं जाते हैं तो इसकी गाज निर्माता कंपनी पर ही गिरेगी।

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राशन सामग्री में मिलावट का खेल

खाद्य विभाग की अनदेखी के चलते क्षेत्र में मिलावटखोर मुनाफे के लिए लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कुछ दुकानों पर मिलावटी खाद्य तेलों व घी की बिक्री हो रही है। दुकानों पर तेल में पाम आयल मिलाकर बेचा जाता है, वहीं नकली देसी घी भी धड़ल्ले से बिक रहा हे। इसके अलावा मसालों तक में मिलावट का खेल जारी है।

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मेरे पास फतेहाबाद सहित दो जिलों का कार्यभार है। सभी जगह समयबद्ध तरीके से कार्रवाई की जा रही है। बीते दिनों मैंने अपनी टीम के साथ कुलां में दबिश दी थी। उस दौरान ज्यादातर दुकानदार दुकानें बंद कर चले गए थे, उस वक्त हमें दो दुकानें खुली मिली थी, जिनसे सैंपल लिए गए हैं। बाकी दुकानों से भी शीघ्र ही सैंपल लेने का अभियान चलाया जाएगा। मिठाई की दुकानों से भी सैंपल लिए जाएंगे। मिलावटखोरों को बख्शा नहीं जाएगा

सुरेंद्र पूनिया, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, फतेहाबाद


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