व्यवस्था के आगे दम तोड़ गई चार जिदगियां, ना समय पर एंबुलेंस मिली और ना ही उपचार
संवाद सूत्र समैन गांव समैन के पास वीरवार दोपहर को सड़क हादसे में चार लोगों की जान चली ग
संवाद सूत्र, समैन:
गांव समैन के पास वीरवार दोपहर को सड़क हादसे में चार लोगों की जान चली गई और 10 लोग घायल हो गए। अकाल काल का ग्रास बने चार लोगों की जान बचाई जा सकती थी अगर गांव समैन में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होतीं। गांव की जनसंख्या 10 हजार से अधिक है। ऐसे में यहां पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी बना दिया गया। यहां पर दो डाक्टरों की पोस्ट होने के बावजूद पद रिक्त हैं। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाएं कैसे मिले। अगर यहां पर एंबुलेंस होती तो घायल को समय पर इलाज मिल सकता था। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस और भी ध्यान नहीं दिया। जिले में एंबुलेंस की कोई कमी नहीं है। फतेहाबाद में दो एंबुलेंस खड़ी भी हुई हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि बड़े गांवों व मुख्य सड़क पर बने प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में एंबुलेंस की सुविधा मिले। अगर इलाज नहीं मिलता तो सड़क हादसे में घायल होने वाले लोग समय पर अस्पताल तो पहुंच सके। व्यवस्था के आगे वीरवार को चार लोगों ने दम तोड़ दिया।
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30 मिनट में पहुंची एंबुलेंस
सड़क हादसा 12 बजे हुआ। लोगों ने टोहाना एंबुलेंस को फोन भी किया। लेकिन एंबुलेंस पहुंचने में 30 मिनट लग गए। ऐसे में एक महिला सुमित्रा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जो तीन लोग गंभीर रूप से घायल थे। देरी से इलाज मिलने के कारण उनकी मौत भी हो गई। मौके पर मौजूद अनेक लोगों ने आरोप भी लगाया है कि उन्होंने फोन किया तो आधे घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची। करीब 15 किलोमीटर का सफर तय कर एंबुलेंस पहुंची थी। ऐसे में संभावित है कि समय भी लगेगा। अगर गांव समैन में एंबुलेंस मिलती तो घायलों को उपचार भी मिलता।
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समाजसेवी संस्था ने दी थी एंबुलेंस
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस की सुविधा अब नहीं है। गांव समैन की ग्राम विकास सेवा समिति द्वारा स्वास्थ्य विभाग को तीन साल पहले एंबुलेंस दी गई थी। ग्रामीणों ने सोचा कि यहां प एंबुलेंस रहेगी तो इलाज में काम आएगी। लेकिन दो साल पहले सड़क हादसे में एंबुलेंस क्षतिग्रस्त हो गई। उसके बाद यह एंबुलेंस अस्पताल के कबाड़ में पड़ी है। जिसकी सुध आजतक अस्पताल प्रबंधक ने नहीं ली है।
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गांव समैन के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की दो पोस्ट है। इसके अलावा एक नर्स की पोस्ट भी है। एक डाक्टर ने पिछले कुछ दिन पहले ही ज्वाइन किया है। इसके अलावा एक डाक्टर व स्टाफ की पोस्ट खाली है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जो घायल होते है उनका इलाज संभव नहीं है। ऐसे में उन्हें रेफर ही करना पड़ता है।
डा. सुशील
एसएमओ, जाखल