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फतेहाबाद के पुनीत नारंग ने रचा इतिहास, 7 बार किया नेट पास; इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड 2024 में नाम दर्ज

हरियाणा के फतेहाबाद के रहने वाले पुनीत नारंग ने अपना इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड 2024 में दर्ज किया गया है। पुनीत ने एक नहीं दो नहीं लगातार 7 बार नेट पास किया है। पुनीत की इस उपलब्धि से उनके परिवार और गांव में खुशी की लहर है। आइए इस लेख के जरिए जानते हैं सात बार नेट पास करने वाले पुनीत नारंग के बारे में।

By Amit Kumar Edited By: Gurpreet Cheema Published: Wed, 06 Mar 2024 02:29 PM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2024 02:29 PM (IST)
फतेहाबाद के पुनीत नारंग लगातार 7 बार पास किया नेट

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। ‘जीवन लक्ष्य पाने को, धुन हो शीश सवार, फिर देखे जिस ओर तू, खुले सफलता के द्वार...’ इन कविताओं को चरितार्थ कर दिखाया है कि फतेहाबाद के प्रमुख फिजिक्स टीचर पुनीत नारंग ने।

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गांव भोडियाखेड़ा निवासी पुनीत नारंग पुत्र रतन लाल नारंग का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड 2024 में दर्ज किया गया है। उन्हें यह उपलब्धि वर्ष 2019 से 2022 तक लगातार 7 बार नेट यानि नेशनल एलीजिबिलिटी टेस्ट पास करने पर प्राप्त हुआ है। पुनीत नारंग को मिली इस सफलता से शिक्षा जगत में खुशी का माहौल है और फतेहाबाद के शिक्षाविद, गांव भोडियाखेड़ा के सरपंच व अन्य ग्रामीणों ने इस उपलब्धि पर पुनीत नारंग को बधाई दी है।

गदगद हुआ पुनीत का परिवार

इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड 2024 में नाम दर्ज होने पर पुनीत व उनके परिवार में खुशी की लहर है। पुनीत नारंग अपने प्रयासों से फतेहाबाद में शिक्षा को एक अलग मुकाम पर ले जा रहे हैं। वे फतेहाबाद के एमएम कॉलेज में कई वर्षों तक फिजिक्स के प्रोफेसर के पद पर कार्य कर चुके हैं।

इसके अलावा उन्होंने शहर के कई नामी शिक्षण संस्थानों में भी शिक्षक के पद पर अपनी सेवाएं दी हैं। हाल ही में रोड सेफ्टी को लेकर आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में क्विज मास्टर की अहम भूमिका निभाने पर पुनीत नारंग को हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर द्वारा पंचकूला में विशेष तौर पर सम्मानित किया गया था।

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने पर पुनीत नारंग ने इस उपलब्धि का श्रेय अपने गुरूजनों और माता-पिता को दिया। उन्होंने कहा कि वे फतेहाबाद शहर को एक एजुकेशन हब के रूप में विकसित करना चाहते हैं। उनका प्रयास है कि यहां के बच्चों को नीट, आईआईटी-जेईई, फाउंडेशन जैसे कोर्स की पढ़ाई करने के लिए कोटा-दिल्ली जैसे शहरों में ना जाना पड़े।

पुनीत नारंग ने कहा कि मार्गदर्शन की कमी के कारण ही बच्चे सही करियर नहीं चुन पाते और सफलता पाने से पिछड़ जाते हैं, इसलिए उन्होंने यहां गुरूकुल मार्ग इंस्टीट्यूट की भी शुरूआत की है ताकि फिजिक्स, कैमिस्ट्री जैसे कठिन विषयों के साथ वे बच्चों को कैरियर गाइडेंस प्रदान कर सके।

पुनीत नारंग का कहना है कि शहर का कोई भी विद्यार्थी अगर अपने कैरियर को लेकर असमंजस की स्थिति में है तो वे ऐसे बच्चे की नि:शुल्क काउंसलिंग करने की तैयार है। उनका प्रयास है कि यहां के विद्यार्थी आगे चलकर फतेहाबाद का नाम रोशन कर सकें।

लाखों विद्यार्थी करते हैं प्रयास

बता दें कि नेट की परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती है। इस परीक्षा को पास करने के लिए लाखों विद्यार्थी हर बार प्रयास करते हैं। यह परीक्षा कॉलेज/यूनिवर्सिटी स्तर पर प्रोफेसर लगने के लिए बेहद जरूरी है। पुनीत नारंग ने यह परीक्षा 1-2 बार नहीं, लगातार 7 पास पास की है। उनकी इसी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें यह अवार्ड प्रदान किया गया है।


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