किसान नैनो यूरिया के बारे में किया जागरूक, इफको ने लगाया शिविर
जागरण संवाददाता फतेहाबाद इफको द्वारा नैनो यूरिया का फसल उत्पादन में महत्व विषय पर विचार
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
इफको द्वारा नैनो यूरिया का फसल उत्पादन में महत्व विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन गांव पीलीमंदोरी में किया गया। इस दौरान किसानों को बताया गया कि किसान यूरिया की कमी से परेशान न हो। नैनो यूरिया का प्रयोग करते हुए किसान अच्छा उत्पादन ले सकते है।
कार्यक्रम में कृषि विभाग के उप निदेशक डा. राजेश सिहाग मुख्य अतिथि रहे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता इफको के निदेशक प्रहलाद सिंह ने की। केवीके के वरिष्ठ मृदा वैज्ञानिक डा. संतोष कुमार ने कहा कि अधिक रसायनिक खादों के प्रयोग के कारण मृदा स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर दिख रहा है। किसानों को अभी से सजग करते हुए उन्होंने कहा कि जैव उर्वरक सागरिका एवं नैनो यूरिया का प्रयोग करते हुए रसायनिक खादों की 50 प्रतिशत मात्रा कम की जा सकती है। इसके कारण मृदा स्वास्थ्य में सुधार एवं खर्च में कमी तथा उत्पादन में वृद्धि होगी जिससे उत्पादित अनाज की भी गुणवत्ता में भी सुधार होगा। उन्होंने किसानों को मृदा परीक्षण आधार पर फसल में उर्वरक डालने की सलाह दी। इफको के अधिकारी बहादुर सिंह ने इफको के नैनो यूरिया तरल के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी देते हुए इसे एक क्रांतिक अविष्कार बताया और किसानों को यूरिया कम करके नैनो यूरिया इस्तेमाल करने की सलाह दी। वहीं इफको के निदेशक प्रहलाद सिंह ने सहकार से समृद्धि में इफको का महत्व किसानों को बताते हुए इफको की कृषि कल्याण में की जा रही महत्वपूर्ण एवं नई योजनाओं की जानकारी किसानों को दी। डा. पुष्पेंद्र वर्मा ने किसानों को इफको के विशिष्ट उर्वरक उपयोग करने की सलाह दी। डा. राजेश सिहाग ने सरकार द्वारा चलाई जा रही किसान हितैषी कल्याणकारी योजनाओं के बारे जानकारी दी एवं सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल के बारे बताया। उन्होंने नैनो यूरिया तरल को क्रांतिकारी आविष्कार बताते हुए किसानों को 50 प्रतिशत परंपरागत यूरिया की जगह नैनो यूरिया तरल उपयोग करने के लिए कहा। इस मौके पर विनय मणि ने रबी फसलों में कीट प्रबंधन, खरपतवार नाशक व फंफूदनाशक रसायनों को जानकारी दी।