टोहाना खंड के 49 गांवों में जल संरक्षण और उसके उपयोग बारे किसानों को किया जा रहा प्रेरित
संवाद सहयोगी टोहाना भूगर्भ जल संकट से प्रभावित विकास खंडों में भूगर्भ जल की स्थिति में प्र
संवाद सहयोगी, टोहाना :
भूगर्भ जल संकट से प्रभावित विकास खंडों में भूगर्भ जल की स्थिति में प्रभावी सुधार लाये जाने एवं प्रबन्धन उपायों को समेकित ढंग से क्रियान्वित किए जाने के उद्देश्य से अटल भूजल योजना लागू की गई है। इसके अंतर्गत जिला के टोहाना खंड के 49 गांवों को शामिल किया गया है। इस योजना को क्रियान्वयन हरियाणा जल संसाधन विभाग द्वारा किया जाना है। जिला के पूर्ण माजरा, पिरथला, नांगली, गाजूवाला और अमानी गांव में वाटर सिक्योरिटी प्लान के तहत काम शुरू किए गए है। इन गांवों में अटल भूजल योजना के तहत तालाब के जीर्णोद्धार, इंजेक्शन कुओं, वर्षा संचयन संरचनाओं से ग्रामीण बहुत आसानी से भूजल पुनर्भरण कार्य पूर्ण किया गया है।
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि अटल भूजल योजना का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी से अगले पांच वर्षों में भूजल की 50 फीसदी मांग को कम करना है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए टोहाना के 49 ग्राम पंचायतों में वाटर सिक्योरिटी प्लान के तहत जल संरक्षण व प्रबंधन की दिशा में काम हो रहा है। सिचाई व जल संसाधन विभाग द्वारा विभिन्न गतिविधियां आयोजित हो रही है। उन्होंने बताया कि टोहाना ब्लाक के 49 गांवों में भूमिगत पानी से 90 प्रतिशत तक सिचाई हो रही है। भूमिगत पानी के इस्तेमाल को कम करने पर फोक्स किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को फसल विविधिकरण करने बारे जागरूक किया जा रहा है। उन्हें सूक्ष्म सिचाई और अंडर ग्राउंड पाइपलाइन से तालाब बनाकर सिचाई करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। सूक्ष्म सिचाई की योजनाओं पर ड्रिप और फव्वारा तकनीकी के इस्तेमाल पर किसानों को 85 प्रतिशत तक सब्सिडी उपलब्ध करवाई जा रही है। माइक्रो इरीगेशन के लिए वाटर कोर्स और खेत में तालाब बनाने के लिए सोलर पंप भी किसानों को दिए जा रहे हैं।
उपायुक्त ने बताया कि घरेलू और कृषि क्षेत्रों में भूजल के अत्यधिक दोहन और पानी के गलत प्रबंधन के कारण समस्या उत्पन्न हुई। उन्होंने यह भी कहा कि भूजल की समस्या को दूर करने के लिए अटल भूजल योजना शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि भूजल की मांग को कम करने के लक्ष्य को कृषि उपयोगों में ड्रिप और स्प्रिंकलर का उपयोग करके और यूजीपीएल, फसल विविधीकरण और सामुदायिक जुड़ाव द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। अटल भूजल योजना के तहत तालाब के जीर्णोद्धार, इंजेक्शन कुओं, वर्षा संचयन संरचनाओं से ग्रामीण बहुत आसानी से भूजल पुनर्भरण कर सकते हैं। इन सभी तौर तरीकों को क्रियान्वित करने के लिए सिचाई और जल संसाधन विभाग की टीम किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें योजनाओं का लाभ भी दिलवाने के लिए काम कर रही है। उपायुक्त ने किसानों से कहा कि वे अटल भूजल योजना के तहत खेती तकनीक अपनाए।