भट्टूकलां में प्रतिदिन रेलवे यात्री आय 45 हजार से घटकर हुई 8 हजार, रेलवे को लग रहा घाटा
-अभी यात्रियों का किसान एक्सप्रेस के प्रति नहीं बढ़ा रुझान
-अभी यात्रियों का किसान एक्सप्रेस के प्रति नहीं बढ़ा रुझान
-इस ट्रैक पर एक्सप्रेस ट्रेन चलने के कारण किराया भी बढ़ा
-पहले भट्टू से हिसार और भट्टू से सिरसा जाने में लगते थे 30 रुपये
-अब यही किराया 30 से बढ़कर हो गया 75 रुपये फोटो : 05 सुरेश सोलंकी, भट्टूकलां : कोरोना महामारी के चलते रेलवे को रेल यात्रा भाड़े में भट्टूकलां से ही हजारों रुपये का घाटा लग रहा है। इस महीने ट्रेन भी शुरू हुई। रेलवे को उम्मीद थी कि ट्रेन चली है तो आमदनी भी बढ़ेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पहले हर दिन 45 हजार रुपये की आय होती थी। लेकिन अब यह घटकर 8 हजार रुपये रह गई है। ऐसे में रेलवे पहले ही घाटे में चल रहा था और अब यात्री न आने के कारण और घाटा लग रहा है। 1 दिसंबर को दिल्ली से चलकर बठिडा जाने वाली किसान एक्सप्रेस का इस रूट पर आवागमन शुरू किया गया। जिसकी रेलवे ने 31 दिसंबर तक अनुमति प्रदान की है। अभी तक इस ट्रेन में 5 से 7 यात्री की रिजर्वेशन टिकट बुकिग हो पा रही है। जबकि यहां से प्रति दिन इस ट्रेन में ही 40 से 50 यात्री से अधिक प्रतिदिन यहां से यात्रा करते थे। अब यहां किसान एक्सप्रेस सहित विभिन्न दूरी की ट्रेनों के लिए हो रही रिजर्वेशन से प्रति दिन मात्र रेलवे को 8 हजार की ही आय हो रही हैं जबकि कोरोना काल से पूर्व भट्टू कलां रेलवे स्टेशन से यात्री भाड़े की आय प्रति दिन 45 हजार से अधिक थी। जिससे इस कोरोना काल में रेलवे को यहां से करोड़ों रुपये का घाटा हुआ है। ये कहना है लोगों का
ग्रामीण मक्खन सिंह, मनीष कुमार, प्रदीप, महावीर ने कहा कि जब तक सभी ट्रेनों का आवागमन शुरू नहीं हो जाता तब तक लोग ट्रेन से यात्रा करने के प्रति कम ही रुचि ले रहे हैं। वहीं किसानों का आंदोलन दिल्ली में चलने के चलते व्यापार के कार्य से जाने वाले लोग अभी नहीं जा रहे हैं। कोरोना के चलते सावधानी बरतने को लेकर भी लोग अभी ट्रेन से दूरी बनाए हुए हैं। वैसे ट्रेन का सफर कम खर्च और समय की बचत के अनुसार सब अच्छा यात्रा करने का वाहन है। जैसे ही स्थिति सामान्य होगी ट्रेन में यात्रियों की संख्या बढ़ जाएगी। किराया बढ़ना भी एक मुख्य कारण
पहले किसी काम के लिए यात्री को हिसार या सिरसा जाना था तो ट्रेन में सफर करता था। ट्रेन में टिकट भी कम लगती थी। अब इस ट्रैक पर सुपर एक्सप्रेस ट्रेन दौड़ने के कारण अब इसका किराया भी बढ़ा दिया है। पहले भट्टूकलां से हिसार या फिर भट्टूकलां से सिरसा जाना हो तो 30 रुपये देने पड़ते थे। लेकिन अब यह किराया 75 रुपये कर दिया है। ऐसे में अगर दोनों ही स्थानों पर बस से जाया जाए तो इतना ही किराया लग रहा है। ऐसे में एक तो समय की बचत होती है साथ ही ट्रेन का इंतजार भी नहीं करना पड़ रहा। अधिकारी भी मान रहे है कि अगर किराया कम होता तो आज 8 हजार की आमदनी बढ़कर 40 हजार से अधिक होती। टिकट बुकिग केंद्र पर टिकट का रिजर्वेशन करवा कर ही लोग यात्रा कर रहे हैं। अभी प्रतिदिन 8 हजार की आय शुरू हुई है। जो पहले 45 हजार से अधिक थी। धीरे धीरे यात्रियों का रुझान बढ़ रहा है। वही किराया बढ़ना भी एक मुख्य कारण है। लेकिन कोरोना को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जब पूरी ट्रेन चलनी शुरू हो जाएगी तो यात्रियों की संख्या भी बढ़ जाएगी।
वासुदेव
स्टेशन मास्टर भट्टूकलां।