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डी-प्लान का बजट मिला, विधायकों के विकास कार्यों पर उपायुक्त ने लगाई मोहर

जागरण संवाददाता फतेहाबाद जिला विकास एवं निगरानी समिति यानी डी-प्लान की बैठक मंगलवार को

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 05:09 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 05:09 AM (IST)
डी-प्लान का बजट मिला, विधायकों के विकास कार्यों पर उपायुक्त ने लगाई मोहर
डी-प्लान का बजट मिला, विधायकों के विकास कार्यों पर उपायुक्त ने लगाई मोहर

जागरण संवाददाता फतेहाबाद : जिला विकास एवं निगरानी समिति यानी डी-प्लान की बैठक मंगलवार को लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए हाल में आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता जिला उपायुक्त एवं जिला विकास एवं निगरानी समिति के उपाध्यक्ष डा. नरहरि सिंह बांगड़ ने की। हालांकि इस समिति की अध्यक्ष संबंधित जिले के मंत्री होते है। फतेहाबाद में इसकी जिम्मेदारी ऊर्जा एवं जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला है। लेकिन वे पिछले एक साल से फतेहाबाद में अधिकारियों की बैठक लेने तक नहीं आ रहे है। अंतिम बार बैठक लेने के लिए वे गत वर्ष जनवरी में आए थे। ऐसे में मंगलवार को सरकार के दिशा-निर्देशानुसार उपायुक्त ने जिला विकास एवं निगरानी समिति की बैठक की। वैसे इस समिति के सदस्य संबंधित जिले के विधायक व चुने हुए चेयरमैन भी होते है। लेकिन जिले के तीनों विधायक बैठक में नहीं पहुंचे।

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कोरोना काल में पहली बार आए डी प्लान के 7 करोड़ 43 लाख रुपये का बजट उपायुक्त ने जारी कर दिया। ये बजट वैसे तो खंडों के अनुसार जारी होता है। हालांकि इनमें उपायुक्त व संबंधित मंत्री उन्हीं कार्यों को मंजूरी देते है जो विधायक द्वारा अनुमोदित होते है। इस बार फतेहाबाद के तीनों विधायक सत्ता से जुड़े हुए है। ऐसे में सामान रूप से जारी कर दिया गया। हालांकि पहले ये बजट क्षेत्र विशेष में जारी होता रहा है। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त समवर्तक सिंह, जिप चेयरमैन राजेश कस्वां, सुरेन्द्र सिहं बेनीवाल, कुलभूषण बंसल, सीटीएम अंकिता वर्मा, डीआरओ राजेश कुमार ख्यालिया, डीडीपीओ बलजीत सिंह चहल, कार्यकारी अभियंता पंचायती राज कुलबीर सिंह, नप चेयरमैन दर्शन नागपाल, पीओ पवन कुमार, ओपी इंदौरा, डीपीआईआरओ आत्माराम गुर्जर, एपीआरओ विनय बेनीवाल सहित समिति के सदस्य मौजूद रहे।

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गत वर्ष मिले थे 11.21 करोड़, इस बार 7.43 करोड़ रुपये :

जिला फतेहाबाद में डी-प्लान के तहत वर्ष 2020-21 के लिए 7 करोड़ 43 लाख 16 हजार रुपये के लगभग संभावित राशि से विभिन्न विकास कार्य करने की स्वीकृति प्रदान की गई। गत वित्त वर्ष 2019-20 में 11 करोड़ 21 लाख 58 हजार रुपये से 345 विकास कार्य करवाए गए थे। हालांकि अभी तक गत वर्ष हुए कई विकास कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र एडीसी कार्यालय में नहीं पहुंचे है। डीसी में उन्हें बैठक में निर्देश दिए कि संबंधित विभाग के अधिकारी एक सप्ताह में उपयोगिता प्रमाण पत्र देने के निर्देश दिए।

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2 करोड़ 97 लाख रुपये अनुसूचित जाति को मिले :

डी प्लान के तहत आए हुए 7 करोड़ 43 लाख रुपयों में से 4 करोड़ 45 लाख 90 हजार रुपये सामान्य वर्ग तथा 2 करोड़ 97 लाख 26 हजार रुपये अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लिए खर्च किए जाएंगे। जिला योजना के तहत करवाए जाने वाले कार्यों में गलियों के निर्माण एवं उनके रखरखाव, मुरम्मत, स्वच्छता व पानी की निकासी के लिए 30 प्रतिशत राशि खर्च की जाती है। 70 प्रतिशत राशि अन्य चहुंमुखी विकास कार्यों पर खर्च की जाएगी। वहीं जिला योजना के तहत जिला के भट्टू कलां, भूना, फतेहाबाद, जाखल, नागपुर, रतिया, टोहाना के लिए कुल 5 करोड़ 77 लाख 74 हजार रुपये विकास कार्यों पर खर्च होंगे। इनमें सबसे अधिक 1 करोड़ 33 लाख रुपये फतेहाबाद ब्लाक के लिए मंजूर हुए है। वहीं टोहाना के लिए 1 करोड़ 1 लाख रुपये मंजूर हुए है। इसका निर्धारण जनसंख्या के अनुसार होता है।

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खंड का नाम बजट

भट्टूकलां 81 लाख 62 हजार

भूना 77 लाख 67 हजार

फतेहाबाद 1 करोड़ 33 लाख 96 हजार

जाखल 40 लाख 54 हजार रुपये

नागपुर 57 लाख 45 हजार रुपये

रतिया 85 लाख 18 हजार रुपये

टोहाना 1 करोड़ 1 लाख 31 हजार रुपये

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नगर निकाय नाम बजट

भूना नगरपालिका 23 लाख 74 हजार

नगरपरिषद फतेहाबाद 55 लाख 84 हजार

जाखल नगरपालिका 6 लाख 14 हजार

रतिया नगरपालिका 29 लाख 21 हजार

नगर परिषद टोहाना 50 लाख 39 हजार

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: क्या होता है डी-प्लान ::

डी-प्लान को डेवलपमेंट प्लान योजना के तहत सरकार जिलों में विकास कार्यों को कराने के लिए किस्तों में धनराशि जारी करती है। जिसमें व्यक्तिगत काम छोड़कर किसी भी प्रकार का विकास का कार्य कराया जा सकता है। डी-प्लान योजना के तहत प्राप्त हुई इस राशि से जिला के श्मशान घाटों में शेड बनवाने, पानी की व्यवस्था करने, फुटपाथ बनाने और श्मशान घाटों को पक्की सड़कों से जोड़ने जैसे कई विकास कार्य कराए जाते हैं। डी प्लान के तहत विकास कार्य करवाने के लिए आने वाली अनुशंसाओं को डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट मानिटरिग कमेटी स्वीकृति देती है। इस कमेटी प्रशासनिक अधिकारी, विधायक, चुने हुए चेयरमैन व सरकार द्वारा नियुक्त विशेष सदस्य होते हैं।


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