सिविल अस्पताल में आपस में भिड़े डाक्टर, बेलगाम हुई व्यवस्था
सिविल सर्जन कार्यालय के पॉलीक्लीनिक में शिफ्ट होने के बाद सिविल
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : सिविल सर्जन कार्यालय के पॉलीक्लीनिक में शिफ्ट होने के बाद सिविल अस्पताल में व्यवस्था बेलगाम होती जा रही है। डाक्टर मरीजों की ओपीडी छोड़ आपस में ही लड़ रहे हैं। कर्मचारी ड्यूटी समय में शराब पी रहे हैं। यहां तक की अस्पताल में काम करवाने के लिए अधिकारी व कर्मचारी रुपये लेने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। ऐसा ही मामला मंगलवार सुबह सिविल अस्पताल में सामने आया है, यहां पर दो डाक्टर मरीज को पहले देखने को लेकर आपस में भिड़ गए। सिविल अस्पताल में तैनात फिजिशियन डा.अजय चुघ ने इस संबंध में उप सिविल सर्जन डा.गिरीश के खिलाफ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट व सिविल सर्जन डा.मनीष बंसल को शिकायत दी है। वहीं इस मामले में उप सिविल सर्जन डा.गिरीश ने सभी आरोपों को गलत बताते हुए कहा है कि कोर्ट में तैनात रीडर को ओपीडी में पहले देखने के लिए कहा था। इसके अलावा कोई बातचीत नहीं हुई है।
मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा.ओपी दहमीवाल व सिविल सर्जन डा.मनीष बंसल को दी शिकायत में डा.अजय चुघ ने आरोप लगाया कि मंगलवार सुबह डा.गिरीश मेरी ओपीडी मे आया। इस दौरान मैं मरीज देख रहा था। डा.गिरीश ने आते ही दुर्व्यवहार किया। गिरीश ने अपना एक मरीज जीडीए के साथ भेजा था। चुघ ने शिकायत में बताया कि उसने जीडीए को पर्ची देकर मरीज को कमरे में बिठाने के लिए कहा था। इस दौरान वह विकली रिपोर्ट बना रहा था। उस मरीज से पहले 35 से 40 मरीज थे। आरोप है कि डा.गिरीश ने उसे उसके मरीज को पहले देखने की धौंस दिखाई और धमकी दी।
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पहले भी विवादों में रह चुका है सिविल अस्पताल
सिविल सर्जन कार्यालय के शिफ्ट होने के बाद सिविल अस्पताल में व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। यहां पर कर्मचारियों पर रुपये लेकर काम करवाने के आरोप लग चुके हैं। मामले में संबंधित कर्मचारी को भी हटाया जा चुका है। इसके अलावा अस्पताल में ही ड्यूटी के समय कर्मचारी शराब पीते पकड़े जा चुके हैं। ऐमरजेंसी में घायल के उपचार से पहले एमएलआर के रुपये मांगने को लेकर विवादों में रह चुका है।
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निगरानी के लिए नहीं कोई अधिकारी
सिविल अस्पताल की निगरानी के लिए फिलहाल कोई अधिकारी नहीं है। सिविल सर्जन का कार्यालय पॉलीक्लीनिक में शिफ्ट होने के बाद सीएमओ 6 से 7 दिन बाद निरीक्षण के लिए आते हैं। इसका फायदा कर्मचारी ड्यूटी समय में फरलो मारकर उठा रहे हैं। डाक्टर व कर्मचारी सुबह ड्यूटी समय में 30 से 40 मिनट तक लेट पहुंच रहे हैं।
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कोर्ट में तैनात एक रीडर आया था, उसे फिजीशियन को दिखाना था। उसे दिखाने के लिए मैंने जीडीए के साथ भेज दिया। मैंने सिर्फ इतना ही कहा था कि उसे पहले देख लें। मेरा कोई पर्सनल काम नहीं था। स्वास्थ्य विभाग का कोर्ट के अधिकारियों के साथ काम पड़ता रहता है। जो आरोप लगाए गए हैं सभी गलत हैं।
- डा.गिरीश
उप सिविल सर्जन, फतेहाबाद
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मेरे संज्ञान में अभी तक ऐसा कोई मामला नहीं आया है। हो सकता है कार्यालय में शिकायत आई होगी। मेरे पास अभी तक नहीं पहुंची है।
डा.ओपी दहमीवाल
एसएमओ, सिविल अस्पताल फतेहाबाद
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मैं कार्यालय में नहीं हूं। मेरे पास अभी तक कोई शिकायत नहीं पहुंची है। शिकायत मिलने के बाद ही कुछ कह सकता हूं।
- डा.मनीष बंसल
सिविल सर्जन फतेहाबाद