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आलू व गेहूं की बिजाई के लिए नहीं मिल रही डीएपी खाद, किसान परेशान

विजय सहारण भिरड़ाना रबी फसलों का बिजाई का सीजन शुरू हो गया। किसान बिजाई के लिए ज

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 11:30 PM (IST)Updated: Sun, 10 Oct 2021 12:50 AM (IST)
आलू व गेहूं की बिजाई के लिए नहीं मिल रही डीएपी खाद, किसान परेशान
आलू व गेहूं की बिजाई के लिए नहीं मिल रही डीएपी खाद, किसान परेशान

विजय सहारण, भिरड़ाना :

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रबी फसलों का बिजाई का सीजन शुरू हो गया। किसान बिजाई के लिए जरूरी डीएपी खाद के लिए सरकारी बिक्री केंद्रों के चक्कर काट रहे है। लेकिन वहां पर उन्हें खाद नहीं मिल रही। इससे किसान परेशान है। लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी सुनवाई नहीं कर रहे। परेशान यह है कि सरकारी केंद्रों पर खाद नहीं है, वहीं प्राइवेट दुकानदारों के पास डीएपी का स्टाक पूरा है, लेकिन वे सरकारी दुकान से एक बैग 300 से 400 रुपये अधिक में बेच रहे है। ऐसे में किसानों को मजबूरी में खाद खरीदनी पड़ रही है।

दरअसल, अक्टूबर में किसान सरसों के अलावा आलू, गाजर सहित अनेक सब्जियों की बिजाई शुरू कर देते। इसके लिए डीएपी खाद की सख्त जरूरत होती है। लेकिन किसानों को खाद नहीं मिल रही। वहीं अनेक किसान ऐसे है जिनको अक्टूबर के आखिर में गेहूं की बिजाई शुरू करनी है। जो मंडी में फसल बेचने आते है। इसके लिए वे चाहते है कि जाते हुए खाद ले जाए, लेकिन सरकारी खरीद केंद्रों पर खाद नहीं मिल रही। इफको और कृभको खाद विक्रय केंद्रों पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या मे किसान डीएपी खाद लेने के लिए आ रहे है। खाद का स्टाक पूरा नहीं होने के कारण यहां आने वाले किसान खाली लौट रहे है। किसानों का कहना है की वह जिस वाहनों में मंडी तक फसल लेकर आते है उसी वाहन में अगर खाद चली जाए तो अलग से किराया न लगाना पडे़।

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पेस्टीसाइड दुकानों के संचालक डीएपी के साथ अन्य कीटनाशक लेने की लगा रहे है शर्त :

सरकारी दुकानों पर डीएपी एक बैग की कीमत करीब 1200 रुपये है। वहीं मंडी के दुकानदार इसी बैग को 1500 रुपये तक बेच रहे है। इतना ही नहीं, वे खाद के साथ किसानों को रबी सीजन के लिए जरूरी खरपतवार नाशक दवा व पेस्टीसाइड भी दे रहे है। इससे किसानों को एक बैग काफी महंगा पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि आलू की बिजाई के लिए एक एकड़ में कम से कम दो बैग की जरूतर पड़ती है, वहीं गेहूं के लिए प्रति एकड़ एक बैग की। जिले में करीब 5 लाख एकड़ में रबी की खेती होनी है। ऐसे में इतने ही बैग खाद की जरूरत होगी, लेकिन जिले में फिलहाल 22 हजार बैग की मौजूद है।

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10 दिन से काट रहा हूं चक्कर : शमशेर

मेरे को 15 बैग डीएपी खाद चाहिए थी। खाद के लिए मुझे गांव से आते लगभग दस दिन हो गये लेकिन अबतक खाद की कोई उम्मीद नहीं है। हमारी मांग है जल्द ही हमें खाद उपलब्ध हो ताकि समय पर हम फसल की बिजाई कर सके।

- शमशेर सिंह, किसान, मुसेअहली।

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आलू की बिजाई में हो देरी : सुनील

अपने खेत में मुझे आलू की फसल लगानी है। जिसके लिए जमीन तैयार है लेकिन डीएपी खाद नहीं मिलने के कारण फसल बिजाई मे देरी हो रही है। जिससे उत्पादन भी कम होगा। इसलिए लिए कृषि विभाग के अधिकारी ही जिम्मेदार है। उन्हें समय रहते खाद का प्रबंध करना चाहिए ताकि किसानों को धक्के न खाने पडे़।

- सुनील कुमार, किसान, भोडियाखेडा़।

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निजी दुकानदार लूट रहे : जोगा सिंह

इफको और कृभको केंद्र मे खाद नहीं है। निजी दुकान वाले खाद के साथ जबरन कीटनाशक या अन्य सामान लेने की शर्त रखते है और जो सामान साथ दे रहे है। उसका मनमाने तरीके से रेट निर्धारित कर रहे है। प्रशासन को ऐसे लोगों पर लगाम लगानी चाहिए जिससे किसानों को राहत मिल सके।

- जोगासिंह, किसान, ढाणी मसींता वाली।

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ऐसे कैसे करेंगे फसलों की बिजाई : संजीव

हमारी अब की फसल तो बरसात के कारण खराब हुई है। जिसकी गिरदावरी भी अबतक नहीं हुई है। मुआवजा मिलने की आस कम ही है। अगली फसल के लिए अबतक खाद उपलब्ध नहीं है। किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। सरकार को किसानों के बारे मे सोचना चाहिए। किसानों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं आनी चाहिए।

- संजीव, किसान, हिजरावां कला।

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नहीं आने दी जाएगी परेशानी : सिहाग

अभी बिजाई का सीजन शुरू होने में समय लगेगा। इसलिए किसान बिजाई के वक्त ही खाद लेकर जाए। अभी रैंक लगेगा जिसमे काफी मात्रा मे खाद आनी है। किसान भाइयों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी। वहीं कोई खाद के साथ सामान लेने के शर्त रखता है तो उसकी शिकायत कृषि विभाग को दे। हमारी ओर से तुरंत कडा़ एक्शन लिया जाएगा।

डा. राजेश सिहाग, कृषि उपनिदेशक एवं किसान कल्याण विभाग फतेहाबाद।


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