क्रिकेट सम्राट पत्रिका हुई बंद, क्रिकेट प्रेमी निराश
जागरण संवाददाता फतेहाबाद देश व प्रदेश में क्रिकेट को घर-घर पहुंचाने में क्रिकेट सम
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : देश व प्रदेश में क्रिकेट को घर-घर पहुंचाने में क्रिकेट सम्राट पत्रिका का अहम योगदान रहा। पिछले चार दशक क्रिकेट प्रतियोगिता से जुड़े लोग अब पत्रिका बंद होने से निराश हैं। उनका कहना है कि जब क्रिकेट के बारे में उनको जानकारी क्रिकेट सम्राट पत्रिका के माध्यम से ही मिलती है। जब इंटरनेट का युग शुरू नहीं हुआ था तब तक क्रिकेट सम्राट ही लोगों को क्रिकेट के बार में जानकारी देती थी। यहां तक कि युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए क्रिकेट की बारीकियां बताती थी। बच्चे और बड़ों में तमाम असहमतियों के बीच एक सहमति इस खेल पर कहीं टिक जाया करती थी और बाकि कहानियों या कॉमिक्सों के बीच क्रिकेट सम्राट को घर में आती थी।
पिछले 42 साल से प्रकाशित हो रही पत्रिका बंद होने की वजह लोग कोरोना को मान रहे है। 2020 के वर्ष में खेलबंदी ने प्रतियोगिता को बंद करने पर मजबूर कर दिया। इसकी वजह है कि अब लोगों को क्रिकेट प्रतियोगिता की जानकारी कई वेब पोर्टल पर मिल जाती है। लेकिन क्रिकेट के दीवानों के लिए पहले आंकड़े सहेजने का काम क्रिकेट सम्राट ही करती थी। क्रिकेट के दीवानों को यह पत्रिका किसी पसंदीदा उपन्यास-सी प्रिय रही थी।
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मैंने क्रिकेट की बारीकियां क्रिकेट सम्राट पत्रिका से सीखी : सिहाग
जिला खेल स्टेडियम में कार्यरत खेल विभाग के वरिष्ठ कोच ओपी सिहाग ने बताया कि जब वे छोटे थे तो क्रिकेट की जानकारी इसी पत्रिका के माध्यम से मिलती थी। उन्होंने क्रिकेट की बारीकियां क्रिकेट सम्राट पत्रिका के माध्यम से सीखी। उसी के बदौलत खेल उन्होंने अपने खेल में निखार लाएं। वो पिछले साढ़े तीन दशक से इस पत्रिका से जुड़े हुए थे। जो क्रिकेट में रूचि रखते थे उनके लिए यह पत्रिका किसी उपन्यास से कम नहीं। क्रिकेट सम्राट का लगाव मेरा बहुत पुराना है। ऐसे में पत्रिका बंद होने से मुझे दुख हुआ।