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सीएम विडो के मामले की जांच करने टिब्बी पहुंची टीम का शिकायतकर्ताओं ने किया विरोध

भूना गांव टिब्बी में बीपीएल परिवारों को शौचालय निर्माण के लिए दी जाने वाले अनुदा

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 06:40 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 06:40 AM (IST)
सीएम विडो के मामले की जांच करने टिब्बी पहुंची टीम का शिकायतकर्ताओं ने किया विरोध
सीएम विडो के मामले की जांच करने टिब्बी पहुंची टीम का शिकायतकर्ताओं ने किया विरोध

संवाद सूत्र, भूना : गांव टिब्बी में बीपीएल परिवारों को शौचालय निर्माण के लिए दी जाने वाले अनुदान राशि में गोलमाल व मनरेगा में लापरवाही की जांच करने के लिए सीएम विडो की टीम मौके पर पहुंची। घर-घर जाकर जांच कार्रवाई करते हुए लाभपात्रों के ब्यान कलमबद्ध किए। इस दौरान उक्त टीम का शिकायतकर्ता पक्ष के लोगों ने कड़ा विरोध भी किया और जांच पत्र पर हस्ताक्षर करने से स्पष्ट इन्कार कर दिया। प्रशासनिक टीम ने निष्पक्ष जांच का हवाला देकर शांत करवा दिया। अतिरिक्त ब्लॉक मनरेगा अधिकारी संदीप कुमार, पुनीत पटवारी, विजय कुमार क‌र्ल्क व जगन्नाथ सेक्रेटरी के नेतृत्व में टीम ने मंगलवार को गांव टिब्बी में जांच कार्रवाई शुरू की। इस दौरान उक्त टीम ने ग्राम पंचायत टिब्बी के सरपंच प्रतिनिधि विनोद कुमार व शिकायतकर्ता राजेश कुमार व श्याम लाल को भी जांच में शामिल किया। उक्त टीम लाभपात्र परिवारों के घरों में पहुंची, जिनमें ग्राम पंचायत के रिकार्ड में अनुदान राशि से शौचालयों का निर्माण करवाया गया था। टीम ने उक्त परिवार के लोगों ने पूछताछ की। लेकिन इनमें से कुछ परिवार के लोग खेतीबाड़ी का सीजन होने के कारण घरों से मौजूद नहीं थे। जिसके चलते शिकायतकर्ताओं में रोष फैल गया और उन्होंने आरोप लगाया कि जांच करने के लिए पहुंची टीम ने पहले से उक्त परिवारों को सूचना नहीं दी थी। जिसके चलते जांच में पारदर्शिता का अभाव पाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जांच टीम मामले की निष्पक्ष जांच करने की बजाए पूरे प्रकरण पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है।

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यह था मामला

बता दें कि टिब्बी निवासी राजेश कुमार व श्याम लाल ने सीएम विडो में शिकायत दी थी कि ग्राम पंचायत द्वारा 9 परिवारों को शौचालय निर्माण के नाम पर कोई अनुदान नहीं दिया। जबकि ग्राम पंचायत के रिकार्ड में शौचालय के लिए प्रयोग की गई सामग्री के बिल काट दिए गए हैं। वहीं शिकायतकर्ताओं ने उल्लेख किया कि मनरेगा मजदूरी के नाम पर भी जहां 4 वर्षों में 400 दिन काम दिया जाना था। वहीं महज 60 दिन की काम दिया गया है, जिसके चलते मनरेगा मजदूरों का शोषण हो रहा है।

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रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी : एबीपीओ संदीप

जांच प्रक्रिया के दौरान एबीपीओ संदीप कुमार ने बताया कि भविष्य में कोई भी मेट या ग्रामीण गांव में कार्य की डिमांड लेकर पहुंच सकता है। जिसे मापदंडों के अनुसार कार्य दिया जाएगा। वहीं पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की गई है और रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी गई है।


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