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सरकार की बिना अनुमति के काटी जा रहीं कालोनी

अधिकारियों की मिलीभगत से कुलां में अवैध कालोनी काटी जा रहीं हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 06:10 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 06:10 AM (IST)
सरकार की बिना अनुमति के काटी जा रहीं कालोनी
सरकार की बिना अनुमति के काटी जा रहीं कालोनी

संवाद सूत्र, कुलां : अधिकारियों की मिलीभगत से कुलां में अवैध कालोनी काटी जा रहीं हैं। इस स्थिति से भलीभांति वाकिफ होने के बावजूद आला अफसर आंखें बंद कर बैठे हैं। जिससे अवैध कोलोनाइजर व राजस्व अधिकारी मोटी कमाई कर रहे हैं। इन लोगों को नेताओं का संरक्षण भी प्राप्त है। बिना सीएलयू के कट रही कालोनी से शासन को भी राजस्व का मोटा चूना लगाया जा रहा है। गांव धारसूल कलां निवासी राजेंद्र सिंह ने अवैध कालोनी काटने वालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अब सीएम विडो से मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी है। शिकायतकर्ता ने सर्वप्रथम इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों को दी, लेकिन अधिकारियों का रवैया ढुलमुल होने पर करीब ढाई माह पूर्व शिकायत राज्य के गृह मंत्री अनिल विज को भेजी थी परंतु इसके बावजूद भी अवैध रूप से कालोनी काटने वालों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में अंतत: अब राजेंद्र सिंह ने ये शिकायत राज्य के मुखिया को भेजी है।

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राजेंद्र सिंह ने सीएम को दी शिकायत में बताया है कि कुलां में कालोनी काटने वालों का धंधा जोरों से जारी है। जिसमें कोलोनाइजर द्वारा स्वयं के निजी फायदे के लिए कृषि योग्य भूमि पर गैर कानूनी ढंग से प्लाट काटकर भोले भाले लोगों को बेचे जा रहे हैं। ऐसा कर लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। उनके मुताबिक इसके लिए सरकार से कोई अनुमति नहीं ली गई है, जबकि मौके पर प्लाटों की नींव भरी हुई है अथवा मकान बनाने का काम भी शुरू हो गया है।

अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप

राजेंद्र सिंह ने शिकायत में बताया कि उक्त कालोनी के अधिकतर प्लाट गैर कानूनी ढंग से बेच दिए गए हैं। जिनकी कीमत 80 हजार से दो लाख रुपये तक बताई गई है। उनका कहना है कि इतने बड़े स्तर पर कालोनी काटा जाना अधिकारियों के साथ मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। ये मिलीभगत का ही परिणाम है कि कुलां के नायब तहसीलदार द्वारा प्लाटों की रजिस्ट्रियां भी करा दी है।

डीटीपी का तर्क

शिकायतकर्ता राजेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में जिला नगर योजनाकार यानि डीटीपी जेपी खासा से भी बात की है। जिस पर डीटीपी ने उन्हें उक्त कालोनी ग्रामीण क्षेत्र में होने का तर्क देते हुए स्वयं को इस पर कार्रवाई करने को अनाधिकृत बताया है।


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