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ज्ञान की रोशनी से दूर कर रहीं अंधियारा

कोरोना काल में साधन संपन्न लोगों ने तो अपने बच्चों को टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए शिक्षा से जोड़ दिया। लेकिन पहले से ही तंगी की हालत में रह रहे लोग खुद को दो वक्त की रोटी के लिए परेशान होते रहे ऐसे में बच्चों को पढ़ाना तो मुश्किल हो गया। ऐसी हालत में एमसी कालोनी के रहने वाली संगीता जांगड़ा ने गरीब बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए अभियान शुरू किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 07:42 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 07:42 AM (IST)
ज्ञान की रोशनी से दूर कर रहीं अंधियारा
ज्ञान की रोशनी से दूर कर रहीं अंधियारा

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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कोरोना काल में साधन संपन्न लोगों ने तो अपने बच्चों को टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए शिक्षा से जोड़ दिया। लेकिन पहले से ही तंगी की हालत में रह रहे लोग खुद को दो वक्त की रोटी के लिए परेशान होते रहे ऐसे में बच्चों को पढ़ाना तो मुश्किल हो गया। ऐसी हालत में एमसी कालोनी के रहने वाली संगीता जांगड़ा ने गरीब बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए अभियान शुरू किया।

उन्होंने भिक्षा नहीं शिक्षा दो अभियान शुरू किया। अभियान के तहत उन्होंने सेक्टर 10 में रह रहे झुग्गी-झोपड़ी वालों के बच्चे पढ़ाने शुरू किए। शुरूआत में तो उनको परेशानी हुई। लेकिन महज 4 महीने में उनके पास 40 के करीब विद्यार्थी आने लगे। झुग्गी-झोपड़ी के साथ हरनाम कालोनी के अलावा आसपास के बच्चे भी उनके पास पढ़ने के लिए आने लगे। अब वे प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक जरूरतमंद विद्यार्थियों को पढ़ाती है।

उनकी पढ़ाई का असर हुआ कि बच्चे हिदी, अंग्रेजी वर्णमाला के साथ राष्ट्रगान, पहाड़े व प्रार्थना करना भी सीख गए।

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स्वामी राजदास से प्रेरणा लेकर शुरू किया अभियान :

संगीता जांगड़ा ने बताया कि वे बीए जेबीडी व डीईएड हैं। पहले वे पायनियर स्कूल में शिक्षक थी। अब वे बीघड़ रोड स्थित विश्वास दिव्यांग स्कूल में सुबह 8 बजे से लेकर दो बजे तक पढ़ाती है। इसके बाद वे सेक्टर 10 में बनी बस्ती में बच्चे को पढ़ाने के लिए जाती है। संगीता बताती है कि उन्हें इसके लिए प्रेरणा स्वामी राजदास महाराज केमरी वाले से मिली। उन्होंने ही मुझे ये अभियान चलाने के लिए प्रेरित किया। संगीता कहती है कि स्वामी बच्चों को भिक्षा नहीं शिक्षा दो अभियान चलाया हुआ है। उनके मार्गदर्शन में ही पिछले चार महीनों से बच्चों को पढ़ाई करवा रही हूं। इसके अलावा पायनियर कान्वेंट स्कूल प्रिसिपल गीतिका मेहता ने भी खूब सहयोग किया है।

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डांस से जोड़े बच्चे, ऑडियो रिकार्ड का भी सहारा :

संगीता ने बताया कि बच्चों को जोड़ने के लिए अभियान चलाया। पहले बच्चों को डांस व खेल खेल में पढ़ाना शुरू किया। इससे बच्चे आने लगे। अब सप्ताह में दो दिन बच्चों की डांस की कक्षाएं होती है। जिन्हें उन्हें डांस व खेल में पढ़ाई करवाई जाती है। बच्चों को ऑडियो रिकार्ड पर भी पढ़ाया जाता है। हरनाम कालोनी में रहने वाली कृष्णा ने बताया कि वे अपने दो बच्चों को सेक्टर 10 में लगने वाली कक्षा में भेजती है। इससे अब बच्चे पहाड़े व एबीसीडी सीख गए।

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