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आपातकाल के विरोध में भाजपा ने मनाया काला दिवस

भाजपा जिला कार्यालय में आज आपातकाल के विरोध में भाजपा द्वारा काला दिवस मनाया गया व एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में सभी भाजपा नेता काली पट्टी बांधकर पहुंचे। भाजपा जिला मीडिया प्रभारी महेश शर्मा ने बताया कि इस गोष्ठी में मुख्यातिथि के तौर पर भाजपा नेता संत कुमार टुटेजा ने शिरकत की व अध्यक्षता भाजपा जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा ने की। इस गोष्ठी में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजपाल बेनीवाल ने विशेष तौर पर भाग लिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 07:00 AM (IST)
आपातकाल के विरोध में भाजपा ने मनाया काला दिवस
आपातकाल के विरोध में भाजपा ने मनाया काला दिवस

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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भाजपा जिला कार्यालय में आज आपातकाल के विरोध में भाजपा द्वारा काला दिवस मनाया गया व एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में सभी भाजपा नेता काली पट्टी बांधकर पहुंचे। भाजपा जिला मीडिया प्रभारी महेश शर्मा ने बताया कि इस गोष्ठी में मुख्यातिथि के तौर पर भाजपा नेता संत कुमार टुटेजा ने शिरकत की व अध्यक्षता भाजपा जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा ने की। इस गोष्ठी में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजपाल बेनीवाल ने विशेष तौर पर भाग लिया।

इस अवसर पर संतकुमार टुटेजा ने कहा कि आज ही के दिन 1975 में देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने देश को आपातकाल के बीच झोंक दिया था। जिससे देश का प्रत्येक नागरिक हताहत हुआ था, लेकिन इंदिरा गांधी ने ना देश के बारे में सोचा और ना ही जनता के बारे में, बल्कि सत्ता लोलुपता के चलते आपातकाल लगा दिया। भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव ग्रोहा ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि आज से 46 साल पहले देश में आपातकाल घोषित किया गया था, जिसे भारतीय राजनीति के इतिहास में काला अध्याय भी कहा जाता है। आपातकाल लगाने की मुख्य वजह तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी का तानाशाही रवैया रहा था। इस दौरान सरकार ने पूरे देश को जेलखाने में तब्दील कर दिया और अनेक नेताओं को जेल में भीतर डाल दिया था। लेकिन बाद में जब चुनाव हुए तो देश की जनता ने कांग्रेस को हराकर करारा सबक सिखाया। भाजपा राज्य कार्यकारिणी के सदस्य राजपाल बेनीवाल ने कहा कि आपातकाल हमारे देश का सबसे बड़ा काला अध्याय है। उस समय आरएसएस को भी बैन कर दिया गया था। लेकिन आरएसएस ने देश की गरिमा बनाए रखने के लिए संघर्ष किया। आपातकाल में मीडिया को बैन कर दिया गया और सभी अखबारों के दफ्तरों को ब्लैकआउट कर दिया गया। जनता के सभी मौलिक अधिकार छीन लिए गए और विपक्षी दलों के सभी नेताओं को जेल में बंद करके यातनाएं दी गई। इसी को लेकर आज काला दिवस मनाया जा रहा है, ताकि कांग्रेस की असलियत जनता के सामने आ जाए। इस अवसर पर जिले के सभी पदाधिकारी, मंडल व मोर्चों के पदाधिकारी मौजूद थे।


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