धान बेचने के लिए भटक रहे अन्नदाता
किसानों का धान सरकारी केंद्रों पर तभी खरीदा जा रहा है जब ऑनलाइन पंजीकरण हो। बगैर पंजीकरण के धान का सरकारी समर्थन मूल्य उन्हें नहीं मिल सकेगा। वेबसाइट नहीं खुलने से पंजीकरण का कार्य बाधित होने से सैकड़ों किसान परेशान हैं। किसान अपनी समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन समस्या यथावत बनी हुई है।
संवाद सूत्र, कुलां :
किसानों का धान सरकारी केंद्रों पर तभी खरीदा जा रहा है, जब ऑनलाइन पंजीकरण हो। बगैर पंजीकरण के धान का सरकारी समर्थन मूल्य उन्हें नहीं मिल सकेगा। वेबसाइट नहीं खुलने से पंजीकरण का कार्य बाधित होने से सैकड़ों किसान परेशान हैं। किसान अपनी समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन समस्या यथावत बनी हुई है।
कुलां निवासी किसान नंबरदार रामधारी, नम तेस, हरपाल सिंह, सुखदेव, विनोद आदि ने बताया कि उन्होंने धान खरीदी से पूर्व ऑनलाइन धान विक्रय करने पंजीकरण कराया था, परंतु पोर्टल में अपडेट न होने से वह उपज बेचने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इस वर्ष खेत में काफी अच्छी फसल हुई है। फसल को देखते हुए उन्होंने हर साल की तरह इस साल भी धान बेचने के पहले अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराया था। धान उपार्जन केंद्र में धान बेचने पहुंचे तो उन्हें पूरी फसल बिक्री के लिए टोकन जारी नहीं किया गया। उन्हें ये कहकर वापस लौटा दिया गया कि उनका ऑनलाइन पंजीयन नहीं हुआ है, जिसके कारण उन्हें टोकन जारी नहीं किए जा सकते है। इसके बाद पुन पंजीकरण कराने के लिए वह जन सुविधा केंद्रों पर पिछले 10 दिनों से चक्कर काट रहे हैं, परंतु वेबसाइट खुल नहीं रही हैं।