आंगनबाड़ी वर्करों ने बिना मास्क और दस्ताने के ही शुरू किया गांवों का सर्वे, पहले दिन 25 हजार की हुई स्क्रीनिग
कोरोना वायरस ने अब शहर से ज्यादा गांवों में अटैक करना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि जिला प्रशासन ने सोमवार से पूरे जिले के गांवों का सर्वे करना शुरू कर दिया है। जिले में 260 गांव है। ऐसे में 260 टीमें बनाई गई हैं। लेकिन इसमें अलग अलग कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। पहले ही दिन लापरवाही भी सामने आई। आशा वर्करों को मास्क व सैनिटाइज दिया गया। लेकिन आंगनबाड़ी वर्करों के पास ना तो सैनिटाइजर था और ना ही मास्क था। ऐसे में आंगनबाड़ी वर्करों को चुन्नी से ही मुंह ढकना पड़ा। हालांकि जिला प्रशासन ने दावा किया है कि सभी कर्मचारियों को सुविधा दी गई है। अगर नहीं लगा रहे है तो उनकी कमी है।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
कोरोना वायरस ने अब शहर से ज्यादा गांवों में अटैक करना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि जिला प्रशासन ने सोमवार से पूरे जिले के गांवों का सर्वे करना शुरू कर दिया है। जिले में 260 गांव है। ऐसे में 260 टीमें बनाई गई हैं। लेकिन इसमें अलग अलग कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। पहले ही दिन लापरवाही भी सामने आई। आशा वर्करों को मास्क व सैनिटाइज दिया गया। लेकिन आंगनबाड़ी वर्करों के पास ना तो सैनिटाइजर था और ना ही मास्क था। ऐसे में आंगनबाड़ी वर्करों को चुन्नी से ही मुंह ढकना पड़ा। हालांकि जिला प्रशासन ने दावा किया है कि सभी कर्मचारियों को सुविधा दी गई है। अगर नहीं लगा रहे है तो उनकी कमी है।
पिछले कुछ दिनों से गांवों में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने गांवों की तरफ रूख कर लिया है। पिछले साल जब कोरोना ने दस्तक दी तो पांच बार जिले का सर्वे हुआ था। हर घर में टीम जाने के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिग भी की गई। लेकिन इस प्रथम चरण में शहरों में मरीज अधिक मिले थे इसक कारण स्वास्थ्य विभाग का ढांचा भी गड़बड़ा गया था। लेकिन धीरे-धीरे अब स्थित पटरी पर आ रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने टीमों को गांवों में भेजना शुरू कर दिया है।
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प्रथम दिन 11 हजार घरों का हुआ सर्वे
फतेहाबाद जिले के सभी गांवों में सर्वे शुरू हो गया है। प्रथम दिन 11 हजार घरों का सर्वे करने के साथ ही 25 हजार लोगों की स्क्रीनिग की गई है। लेकिन ग्रामीण है कि सही प्रकार की जानकारी तक नहीं दे रहे है। टीम के सदस्यों की माने तो लोग अपनी बीमारी छिपा रहे है। 25 हजार लोगों की स्क्रीनिग की गई है उनमें से अधिक लोगों ने अपने आप को स्वस्थ बताया है। ऐसे में अगर बीमार हुए तो आने वाले समय में घातक हो सकते है। जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है कि ग्रामीण अपनी बीमारी को छिपाए ना बल्कि टीम को बताए। टीम के बताने के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।
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टीम की रिपोर्ट के बाद ही सैंपल लिए जाएंगे
जिन गांवों में सर्वे हो रहा है वह टीम अपने उच्चाधिकारियों के पास रिपोर्ट भेजेंगे। रिपोर्ट के आधार पर पता लगाया जाएगा कि इस गांव में कितने मरीज है। ऐसे में वहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीम जाएंगी और कोरोना के सैंपल लेगी। एक टीम गांव में सर्वे करेगी दूसरी टीम गांव के अंदर बैठकर यह डाटा ऑनलाइन करेगी ताकि समय पर लोगों को उपचार मिल सके। जिले के 50 आइसोलेशन सेंटर में अभी एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ है।
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स्वास्थ्य विभाग के पास टीम
स्वास्थ्य विभाग की टीमें : 260
आशा वर्कर : 831
एएनएम : 220
बहुउद्देश्यीय कर्मचारी : 85
मोबाइल टीम : 14
अध्यापक : 270
आंगनबाड़ी वर्कर :1200
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पिछले साल जिले में पांच बार हुआ था सर्वे
पहला सर्वे
घर : 182997
लोगों की स्क्रीनिग : 986655
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दूसरा सर्वे
घर : 182989
लोगों की स्क्रीनिग : 966193
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तीसरा सर्वे
घर : 182892
लोगों की स्क्रीनिग : 965720
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चौथा सर्वे
घर : 185329
लोगों की स्क्रीनिग : 965823
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पांचा सर्वे
घर : 148915
लोगों की स्क्रीनिग : 830986
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जिले में डोर-टू-डोर सर्वे शुरू हो गया है। सभी कर्मचारियों को मास्क आदि उपलब्ध करवाए गए है। अगर किसी को नहीं मिले है तो वो ले सकते है। हमारी तैयारी पूरी है। वहीं लोगों से अपील है कि अगर आपके घर में टीम आ रही है तो पूरी जानकारी दे। अगर बीमारी छिपाएंगे तो आने वाले समय में घातक हो सकती है। अगर समय रहते बीमारी का इलाज किया जाएगा तो वो ठीक हो जाएगी।
डा. नरहरि सिंह बांगड़, उपायुक्त फतेहाबाद।