Move to Jagran APP

एक हजार के पीछे 924 जन्मीं बेटियां, पिछले साल की तुलना में 31 बढ़ीं

मुकेश खुराना फतेहाबाद बेटियों के लिए इस बार जिला सुखद रहा है पिछले तीन सालों की

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 12:19 AM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 06:14 AM (IST)
एक हजार के पीछे 924 जन्मीं बेटियां, पिछले साल की तुलना में 31 बढ़ीं
एक हजार के पीछे 924 जन्मीं बेटियां, पिछले साल की तुलना में 31 बढ़ीं

मुकेश खुराना, फतेहाबाद :

loksabha election banner

बेटियों के लिए इस बार जिला सुखद रहा है, पिछले तीन सालों की तुलना में इस बार बेटियों की किलकारियां सबसे ज्यादा गूंजी है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत के बाद पहली बार लिगानुपात ने पिछले रिकार्ड तोड़ दिए हैं। अब तक जिला का लिगानुपात 924 सामने आया है। जबकि पिछले साल जिला का लिगानुपात 893 था यानि की यहां पर एक हजार के पीछे 107 बेटियों ने कम जन्म लिया था जबकि इस बार पिछले साल की तुलना में 31 बेटियां ज्यादा जन्मीं हैं। स्वास्थ्य विभाग इसे आशा वर्करों और एएनएम पर सख्ती के परिणाम बता रहा है। विभाग के मुताबिक आशा वर्करों और एएनएम को गर्भवती की ट्रेकिग करने के आदेश दिए गए थे। इस बार लिग जांच का कोई मामला भी सामने नहीं आया है हालांकि गर्भपात के लिए किट बेचते के दो मामले पकड़े जा चुके हैं।

स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों की माने तो दो माह में लिगानुपात और सुधरने की उम्मीद है। 2016 में लिगानुपात 923 रहा था, इसके बाद 2017 में 912 तो 2018 में 893 रहा था।

------

शहर के मुकाबले गांव का लिगानुपात बेहतर :

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक शहर के मुकाबले गांवों का लिगानुपात बेहतर है। गांवों में एक हजार के पीछे 938 बेटियों ने जन्म लिया है जबकि शहर में एक हजार के पीछे 920 बेटियों ने जन्म लिया है।

--------

जाने कहां कितना लिगानुपात

पीएचसी,भट्टूकलां - 862

पीएचसी, बनगांव - 800

पीएचसी, बड़ोपल - 716

पीएचसी, पीलीमंदोरी - 932

पीएचसी, रतिया - 894

पीएचसी, भिरड़ाना - 795

पीएचसी, नागपुर - 1281

पीएचसी, भूना - 1011

पीएचसी, झलनिया - 897

पीएचसी, नहला - 823

पीएचसी, पिरथला - 1231

पीएचसी, जाखल - 982

पीएचसी, कुलां - 743

पीएचसी, म्योंद कलां - 1000

पीएचसी, मामुपुर - 1000

पीएचसी, समैन - 875

------

जानिए शहर की स्थिति -

शहर फतेहाबाद - 982

शहर रतिया - 1054

शहर टोहाना - 830

सिविल अस्पताल फतेहाबाद - 915

सिविल अस्पताल टोहाना - 945

--------

शहरी - 920

ग्रामीण - 938

---------

जानिए कब क्या रहा लिगानुपात

वर्ष लिगानुपात

2015 894

2016 923

2017 912

2018 893

2019 924

---------

मार्च माह में एक ने बिगाड़ा लिगानुपात :

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी माह में 928, फरवरी में 922, मार्च में 999, अप्रैल में 959, मई में 848, जून 867, जुलाई 869, अगस्त 925, सितंबर 958 तथा अक्टूबर में 945 लिगानुपात रहा है।

-------

आशा वर्कर को यूं करनी होती है ट्रेकिग :

आशा वर्कर को अपने एरिया के गर्भवती का रिकार्ड दर्ज करना होता है। इसके बाद वह उसका चेकअप चार बार करवाती है। अगर प्राइवेट से भी उपचार ले रही है तो भी उसका रिकार्ड दर्ज होता है। रिकार्ड में दर्ज होता है कि गर्भवती ने कब अल्ट्रासाउंड कब और कहां से करवाया है। कहां से उपचार ले रही है पहले कितने बच्चे हैं। पहले कितनी बेटियां है। गर्भवती की डिलीवरी होने तक पूरा रिकार्ड रखती है।

--------

पिछले साल की तुलना में इस बार लिगानुपात अब तक बेहतर रहा है, जिला का लिगानुपात 924 तक पहुंच गया है। आशा वर्करों और एएनएम की मीटिग लेकर उन्हें अपने एरिया में निगरानी रखने के आदेश दिए गए हैं। विभाग की टीमें भी पूरी तरह से निगरानी रख रही हैं। सरकार की तरफ से लिग जांच की सूचना देने वाले को सम्मानित भी किया जा रहा है।

- डा.मनीष बंसल

सिविल सर्जन, फतेहाबाद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.