Move to Jagran APP

जिले के 71 स्कूलों को मॉडल संस्कृति स्कूल का मिला दर्जा, एनओसी लेने के लिए अब छूट रहे पसीने

जिले के 71 स्कूलों को मॉडल संस्कृति स्कूल का मिला दर्जा एनओसी लेने के लिए अब छूट रहे पसीने

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 06:20 AM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 06:20 AM (IST)
जिले के 71 स्कूलों को मॉडल संस्कृति स्कूल का मिला दर्जा, एनओसी लेने के लिए अब छूट रहे पसीने
जिले के 71 स्कूलों को मॉडल संस्कृति स्कूल का मिला दर्जा, एनओसी लेने के लिए अब छूट रहे पसीने

जिले के 71 स्कूलों को मॉडल संस्कृति स्कूल का मिला दर्जा, एनओसी लेने के लिए अब छूट रहे पसीने

loksabha election banner

फोटो : 01

-जिले के पांच राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों की एनओसी के लिए अध्यापक कार्यालय में काट रहे चक्कर

-दमकल विभाग से एनओसी लेने के लिए करनी होगी माथापची

-सरकारी स्कूल में नहीं फायर सिस्टम

-एनओसी लेने के बाद सीबीएसई से लेनी होगी अनुमति

-प्राथमिक स्कूलों की लिस्ट दोबारा भेजी, एक ही गांव में दो-दो स्कूलों का हुआ चयन

-सरकार ने मॉडल संस्कृति स्कूल के लिए फीस भी की निर्धारित

-गरीब परिवार के लोग कैसे दे पाएंगे फीस, शिक्षा विभाग के अधिकारी भी असमंजस में विनोद कुमार, फतेहाबाद :

प्रदेश सरकार ने 5 सितंबर यानि शिक्षक दिवस पर जिले के 71 स्कूलों को मॉडल संस्कृति स्कूल का दर्जा दिया था। जिसमें से 66 राजकीय प्राथमिक पाठशाला तो 5 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्यों ने एनओसी के लिए संबंधित विभाग के कार्यालय के चक्कर लगाने शुरू कर दिए है। वहीं शिक्षा विभाग की तरफ से एक प्रफोर्माें भी जारी किया गया। इसी के तहत काम करना होगा। लेकिन प्रथम चरण में एनओसी लेने में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पसीने छूट रहे है। वहीं एनओसी देने वाले अधिकारियों को भी ध्यान रखना होगा कि सरकारी स्कूल अवश्य हो लेकिन नियम के अनुसार ही एनओसी दे। अगर किसी प्रकार की गड़बड़ी हुई तो वो खुद जिम्मेदार होंगे। कई अध्यापक एनओसी लेकर भी आ गए है। जिसमें विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें किसी तरह का एतराज नहीं है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि एनओसी किसी आधार पर दी गई। प्राइवेट स्कूल में ये अधिकारी निरीक्षण करने के बाद ही एनओसी दे रहे है जबकि सरकारी स्कूलों में यह नियम लागू नहीं हो रहा है। जिले के पांच राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों का बदला जाएगा नाम

जिले के पांच राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को मॉडल संस्कृति स्कूल बनाया गया है। उनमें से फतेहाबाद शहर का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, भूना शहर का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, रतिया शहर का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, जाखल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय व भट्टूकलां के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। अब इन विद्यालयों को मॉडल संस्कृति स्कूल से जाना जाएगा। 66 राजकीय प्राथमिक पाठशाला भी बनेंगे मॉडल संस्कृति स्कूल

प्राथमिक पाठशाला का भी चयन किया गया। जिसमें जिले के 66 स्कूल है। हालांकि स्कूलों के नाम को लेकर असमंजस में है। शिक्षा विभाग ने उच्चाधिकारियों को दोबारा पत्र भेजा है। एक ही गांव के दो स्कूलों का चयन कर लिया जो सही नहीं है। लेकिन खंड वाइज स्कूल वही रहेंगे। जिसमें फतेहाबाद ब्लॉक के 26, जाखल के 2, रतिया के 13, भट्टू ब्लाक के 3, भूना के 14 व टोहाना के 8 हैं। चार विभागों से लेनी होगी एनओसी

सरकार ने मॉडल संस्कृति स्कूल बनाने के साथ ही सीबीएसई से मान्यता लेनी होगी। इसके लिए फाइल बनानी शुरू कर दी है। अगले साल मार्च महीने में इन स्कूलों में कक्षाएं शुरू हो जाएगी और यहां अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई शुरू हो जाएगी सीबीएसई से मान्यता लेने के लिए जिला शिक्षा विभाग को जिले के 4 विभागों पब्लिक हेल्थ, स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी व फायर विभाग से एनओसी लेनी होगी।

एनओसी से पहले इन कागजों को करना होगा पूरा

स्वास्थ्य विभाग:

सीबीएसई की मान्यता लेने के लिए शिक्षा विभाग को जिला स्वास्थ्य विभाग से एनओसी लेनी होगी। विभाग के अप्लाई करने के बाद स्वास्थ्य विभाग स्कूल में साफ-सफाई व स्वच्छता की जांच करेगा तथा उसके बाद एनओसी जारी करेगा। वही स्कूल में दवाइयों का प्रबंध है या नहीं इसकी जांच भी होगी। दमकल विभाग

शिक्षा विभाग को सबसे अधिक दिक्कत इसी विभाग से होने वाली है। हर स्कूल में फायर सिस्टम भी नहीं मिलेंगे। यही कारण है कि अब शिक्षा विभाग डीसी के सहारे ही इस विभाग के पास पहुंचने वाला है। दमकल विभाग स्कूल में किसी भी आपात स्थिति के लिए की गई व्यवस्थाओं की जांच करेगा की किसी भी आपात स्थिति में बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल के भवन में सभी जरूरी प्रबंध किए गए हैं या नहीं इसकी गहराई से जांच की जाएगी। उसके बाद ही एनओसी मिलेगी। ::::लोकनिर्माण विभाग::::

पीडब्ल्यूडी बीएंडआर विभाग के अधिकारी स्कूल के भवन का निरीक्षण करेगा। स्कूल का भवन कंडम तो नहीं। इसके अलावा भवन में विभिन्न प्रकार की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं या नही। अगर कमरे कंडम है तो विभाग एनओसी नहीं देगा। :::कार्यकारी अभियंता::::

जनस्वास्थ्य विभाग उक्त स्कूलों में पीने की पानी की व्यवस्था व पानी की गुणवत्ता की जांच करेगा। जिन स्कूलों का चयन किया गया है वो शहरों में है। ऐसे में यहां पर पानी पीने की कोई दिक्कत नहीं है। ऐसे में इस विभाग से एनओसी मिलना आसान रहेगा। कई स्कूलों ने एनओसी ले ली है।

200 से 500 रुपये होगी प्रति महीना फीस

राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में अगले साल दाखिले होंगे। शिक्षा विभाग इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से दाखिला और मासिक फीस लेगा। दाखिला फीस 500 से एक हजार रुपये होगी। जबकि मासिक फीस 200 से 500 रुपये तक निर्धारित की है। इन स्कूलों में अंग्रेजी और हिदी मीडियम से पढ़ाई होगी।

यह लगेगी दाखिला फीस

कक्षा दाखिला फीस

1 से 5 500

6 से 12 1000

कक्षा मासिक फीस

1 से 3 200

4 से 5 250

6 से 8 300

9 से 10 400

11 से 12 500

एनओसी के लिए एक प्रफोर्मों जारी कर दिया गया है। इस मामले को लेकर डीसी से भी बात की जाएगी ताकि एनओसी लेने में कोई दिक्कत ना आए। सभी प्राचार्यों से कह दिया है कि प्रफोर्मों के अनुसार ही एनओसी ले। एनओसी लेने के बाद सीबीएसइ से मान्यता ली जाएगी। अगले सत्र से इन स्कूलों में कक्षाएं शुरू करनी है।

दयानंद सिहाग

जिला शिक्षा अधिकारी फतेहाबाद।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.