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लक्ष्य की प्राप्ति के लिए खुद शादी न करवाकर छोटे भाई-बहन की करवाई, यूपीएससी में पाया 56 वां रैंक

जागरण संवाददाता फतेहाबाद यूपीएससी की परीक्षा में फतेहाबाद के नजदीकी गांव बरसीन की बेट

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 11:59 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 07:57 AM (IST)
लक्ष्य की प्राप्ति के लिए खुद शादी न करवाकर छोटे भाई-बहन की करवाई, यूपीएससी में पाया 56 वां रैंक
लक्ष्य की प्राप्ति के लिए खुद शादी न करवाकर छोटे भाई-बहन की करवाई, यूपीएससी में पाया 56 वां रैंक

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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यूपीएससी की परीक्षा में फतेहाबाद के नजदीकी गांव बरसीन की बेटी सुमन ने 56 वां रैंक मिलने से जहां परिवार में खुशी का माहौल है वहीं ग्रामीण भी गर्व महसूस कर रहे हैं। घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है और मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं। खास बात यह है कि सुमन ने अपनी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई सरकारी स्कूल में की है। इसके बाद एमकॉम तथा एमबीए डिस्टेंस से की। पिता ने बेटी को सिविल सर्विस में भेजने का सपना देखा था, जिसे बेटी ने पूरा करके दिखाया है। पिता शेरसिंह की करीब एक साल पहले बीमारी के चलते मौत हो चुकी है।

पिता के सपने को पूरा करने के लिए सुमन दिन-रात पढ़ाई की और मुकाम को हासिल किया। यहां तक लक्ष्य को पाने के लिए शादी नहीं करवाई जबकि छोटे भाई मनोज व बहन संतोष की हो चुकी है। सुमन का कहना है कि लक्ष्य को पाने के लिए उसने अभी तक शादी नहीं करवाई। इसी सोच को लेकर नहीं करवाई पहले सपना को पूरा करना है उसके बाद शादी का सोचना है।

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सरकारी स्कूल में की पढा़ई :

सुमन ने बताया कि उसने दसवीं तक की पढ़ाई गांव बरसीन के ही राजकीय हाई स्कूल, बारहवीं तक की पढ़ाई फतेहाबाद के राजकीय कन्या सीनियर सेंकेंडरी स्कूल तथा ग्रेजुएशन भोड़िया खेड़ा के राजकीय महिला महाविद्यालय में पूरी की। इसके बाद सीए की कोचिग हिसार से ली और इसके बाद एमकॉम और एमबीए की पढ़ाई डिस्टेंस से पूरी की।

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पिता ने देखा था सपना :

सुमन बताती है ये सपना पिता शेरसिंह ने देखा था। पिता सीनियर मॉडल स्कूल में लेक्चरर थे। पिता ने कहा था कि उसे सिविल सर्विस में भेजना है। पिता का सपना मेरा सपना बन गया। इसके बाद सेल्फ स्टडी की और 2017 में यूपीएससी प्री परीक्षा दी थी। परीक्षा पास हुई लेकिन पिता के बीमार होने के कारण मैंस की परीक्षा नहीं दे पाई। इसके बाद उसने दोबारा प्रयास किया और अब परीक्षा पास के 56 वां रैंक पाया है।

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परिवार ने किया सहयोग :

सुमन ने कहा कि इस मुकाम को पाने के लिए सबसे ज्यादा परिवार के लोगों का सहयोग रहा है। मां सावित्री देवी, भाई मनोज, बहन संतोष, भाभी इंदू तथा जीजा राजकीय महाविद्यालय के प्रिसिपल सुरेंद्र ज्याणी व प्रिसिपल कृष्ण का बहुत सहयोग रहा। इन्होंने हमेशा पढ़ने के लिए प्रेरित किया और परीक्षा तैयारी के टिप्स दिए। सुमन का कहना है कि लक्ष्य पर फोकस होना चाहिए। अगर लक्ष्य को पाने के लिए उस पर फोकस करेंगे तो उसे जरूर पा लेंगे।


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