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रोडवेज बस चलने की उम्मीद से पहुंचे 27 मजदूर, पुलिस ने खदेड़ा

जागरण संवाददाता फतेहाबाद सरकार द्वारा रोडवेज की बसें चलने की बात सुनकर बृहस्पतिवार

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 May 2020 11:21 PM (IST)Updated: Fri, 15 May 2020 06:17 AM (IST)
रोडवेज बस चलने की उम्मीद से पहुंचे 27 मजदूर, पुलिस ने खदेड़ा
रोडवेज बस चलने की उम्मीद से पहुंचे 27 मजदूर, पुलिस ने खदेड़ा

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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सरकार द्वारा रोडवेज की बसें चलने की बात सुनकर बृहस्पतिवार को 27 मजदूर बस स्टैंड के बाहर इकट्ठा हो गए। ये सभी यमुनानगर जाना चाहते थे। पुलिस ने एक साथ इकट्ठा होते देखा तो उन्हें वहां से खदेड़ दिया। सभी लोग अपना सामान उठाकर पैदल ही यमुनानगर के लिए रवाना हो गए। इन लोगों को ना तो पुलिस ने रोका और ना ही जिला प्रशासन ने। हालांकि उन्हें कहा गया था कि वो ऑनलाइन ही अप्लाइ कर दे और बाद में नंबर आने पर भेज दिया जाएगा। लेकिन मजदूर नहीं माने।

जिले से मजदूरों के जाने का क्रम जारी है। किसी को जिला प्रशासन भेज रहा है तो कोई पैदल ही अपने सफर में निकल रहे हैं। बृहस्पतिवार को भी यहीं देखने को मिला। प्रदेश सरकार ने एक दिन पहले कहा था कि रोडवेज की बसें चलाई जाएगी। मजदूरों को पता तक नहीं था और बस स्टैंड के पास इकट्ठा हो गए। लेकिन पुलिस ने इन सभी मजदूरों को खदेड़ दिया और यहां से चले जाने के लिए कहा। ये सभी मजदूर पैदल ही अपने गंतव्य की ओर निकल लिए।

गांव खैरातीखेड़ा में गणपति प्लाइवुड की फैक्ट्री है। करीब पांच महीने पहले यमुनानगर से 27 मजदूर काम करने के लिए आए थे। ये सभी मजदूर बिहार के जिला जिला मध्यपुरा के रहने वाले है। लेकिन उनका परिवार यमुनानगर रहता है। मजदूर रोजी रोटी के लिए यहां पर आ गए। लेकिन यहां पर लॉकडाउन होने के कारण मजदूरी होनी बंद हो गई। मजदूरों को फैक्ट्री मालिक खाना तो दे रहा था लेकिन वेतन देने से मना कर दिया। ऐसे में यहां से 27 मजदूर अपना सामान उठाकर बस स्टैंड पर आ गए। यहां पर किसी ने सूचना दी थी कि रोडवेज की बसें चल रही है। मजदूरों को देखकर पुलिस भी परेशान हो गई। बस स्टैंड पुलिस के कर्मचारी आए और यहां से सभी को भगाना शुरू कर दिया। मजदूरों की मजबूरी थी कि वो सामान उठाकर पैदल ही निकल पड़े। मजदूरों ने बताया कि उनका परिवार यमुनागनर में हैं लेकिन वहां पर भी काम नहीं है। ऐसे में अपने राज्य बिहार के जिला मधेपुरा में ही जाना चाहते है। प्रशासन द्वारा कोई सहायता न मिलने के बाद ये सभी मजदूर पैदल ही जिले से पलायन करना शुरू कर दिया।

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जिले में नहीं चलेंगी रोडवेज की बसें

प्रदेश सरकार ने कुछ जगहों पर रोडवेज की बसें चलाने की बात कही थी। लेकिन जिले में ऐसा कुछ नहीं है। हालांकि रोडवेज विभाग ने 33 फीसद कर्मचारियों को काम पर बुला लिया है। ये कर्मचारी प्रवासी मजदूरों को छोड़कर आ रहे है। ये सभी कर्मचारी सुबह आते है और शाम को घर लौट आते है। रोडवेज के महाप्रबंधक भी मान रहे है कि उनके पास किसी तरह का पत्र नहीं आया कि वो बसें चलाएंगे। इसके अलावा अगर कोई आदेश आता है तो बुकिग के अनुसार ही चलेगी। लोगों को पहले ऑनलाइन बुकिग करनी होगी। अगर एक रूट में 30 लोगों की संख्या हो जाती है तो बसें चलाई जाएगी। लेकिन 15 मई से जिले में बसें नहीं चल रही है। वहीं सिरसा से आने वाली बस फतेहाबाद शहर में नहीं आएगी बल्कि बाइपास होकर ही गुजरेगी।

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अब आंकडों में जाने कितने मजदूर आने हैं और कितने जाने है

राज्य आने जाने

आंध्रप्रदेश 4 1

चंडीगढ़ 25 10

छत्तीसगढ़ 21 10

दमन व दीव 1 00

अरुणाचल प्रदेश 7 00

आसाम 10 10

बिहार 426 4097

दिल्ली 79 40

गोवा 07 00

गुजरात 41 103

हिमाचल 10 27

जम्मूकश्मीर 19 63

झारखंड 42 298

कर्नाटक 32 5

तमिलनाडु 29 3

तेलंगाना 12 01

तिरूपुरा 01 03

उत्तरप्रदेश 321 2100

उतराखंड 32 79

पश्चिम बंगाल 22 210

केरल 2 00

मध्यप्रदेश 44 455

महाराष्ट्र 140 19

मेघालय 01 00

ओड़िशा 07 01

पंजाब 70 40

राजस्थान 155 194

सिक्किम 03 00

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कुल 1663 7759

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जिले में किसी प्रकार की बसें नहीं चल रही है। हमारे पास कोई पत्र नहीं आया है। सिरसा में बस चलेगी वो भी अपने जिले में नहीं आएंगी। अगर बसें चलेगी तो पहले ऑनलाइन बुकिग करनी होगी। उसके बाद ही बसें चलाई जाएगी।

आरएस पूनिया,

महाप्रबंधक, रोडवेज विभाग, फतेहाबाद।


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