संपूर्ण विकास के लिए बच्चों को फास्ट फूड से रखें दूर, पौष्टिक आहार दें
जागरण संवाददाता फतेहाबाद शिशु को विकास के लिए 6 माह बाद मां के दूध के अलावा घर का
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद
शिशु को विकास के लिए 6 माह बाद मां के दूध के अलावा घर का हल्का पौष्टिक भोजन देना जरूर शुरू करें, अगर ऐसा नहीं करेंगे तो उसका विकास रूक जाएगा। इस समय में बच्चे को अधिक न्यूट्रिशियन की जरूरत होती है। अधिकतर अभिभावक शिशु को बाहर के बने प्रोडक्ट खिलाना शुरू कर देते हैं इससे बेहतर है कि घर का बना भोजन दें। जिसमें पतली दाल, सूजी की खीर, फ्रूट को मैश करके दे सकते हैं। बच्चों का अगर बेहतर विकास चाहते हैं तो उन्हें फास्ट फूड से दूर रखें। ये बात नागरिक अस्पताल की शिशु रोग विशेषज्ञ डा.ईला नारंग ने शुक्रवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित हेलो जागरण कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए कही। इस दौरान करीब 20 पाठकों ने हेलो जागरण कार्यक्रम में फोन करके बच्चे को स्वस्थ रखने के शिशु रोग विशेषज्ञ से टिप्स पूछे। डा.ईला नारंग ने कहा कि मौसम में परिवर्तन के बाद 10 दिन के शिशु निमोनिया के शिकार हो रहे हैं। ठंड के कारण शिशुओं की छाती जकड़ रही है। ऐसे में शिशु को ठंड से बचाकर रखें। डाक्टर की सलाह के बाद ही दवाई दें। कार्यक्रम में पाठकों ने पूछे यह सवाल।
सवाल : बच्चा बार-बार बीमार हो जाता है। उसे सात माह के समय से ही बाहर का बना प्रोडक्टर शुरू किया था। ऐसा क्या आहार दें जिससे वह स्वस्थ रहें?
-: पूजा, जाखल
जवाब : बच्चे को सात माह में बाहर का प्रोडक्ट शुरू कर दिया गया जबकि उसे घर का बना पौष्टिक आहार देना चाहिए था। बच्चे में न्यूट्रिशियन की कमी हो सकती है। घर का बना खाना खिलाएं और कुछ टेस्ट हैं उन्हें करवाएं। टेस्ट की रिपोर्ट मुताबिक उपचार शुरू किया जा सकता है।
----
सवाल : तीन साल के बच्चे को बुखार आ रहा है और जुकाम के साथ-साथ गला भी बैठा हुआ है। सलाह दें, क्या किया जाए?
-विकास कुमार, एमसी कालोनी फतेहाबाद
जवाब : मौसम में परिवर्तन के कारण बच्चे बुखार की चपेट में आ रहे हैं। बच्चे को डाक्टर की सलाह से दवाई दें और रेस्ट करवाएं। घबराने की जरूरत नहीं है।
--------
सवाल : बच्चा जुकाम से परेशान है, बार-बार हो रहा है। परामर्श दीजिए। -राजकुमार बंसल, टोहाना
जवाब : ये प्लेन वायरल बीमारी है। छोटी बीमारी होना जरूरी है तभी बच्चा बड़ी बीमारी से लड़ने लायक बनता है। बच्चे को घर का बना पौष्टिक भोजन खिलाएं। ध्यान रखें बच्चा भोजना खाने से पहले हाथ और मुंह जरूर धोएं।
-------
सवाल : अधिकतर बच्चे जुकाम-खांसी की चपेट में आ रहे हैं, क्या स्वाइन फ्लू के लक्षण तो नहीं है?
-विनय शर्मा, टोहाना
जवाब : स्वाइन फ्लू के अभी कोई ऐसा केस सामने नहीं आया है। ठंड में वायरस आ जाता है जो कि एक बच्चे के छींकने से दूसरे बच्चे में चला जाता है और वह भी इसका शिकार हो जाता है। बच्चों का कहें कि वह समय-समय पर हाथ और मुंह जरूर धोएं। अगर किसी बच्चे को ज्यादा दिक्कत है तो उसे आराम करने की राय दें।
--------
सवाल : बेटा चार साल का है उसे दो माह से जुकाम है। क्या करूं?
: संदीप कुमार, अग्रोहा
जवाब : जब बच्चा स्कूल जाने लगता है तो वह बार-बार बीमार होने लगता है। इसके पीछे मुख्य कारण वातावरण बदलना है। अगर बच्चे को दो माह से जुकाम है तो उसकी जांच करवाएं। जांच के बाद ही उपचार शुरू किया जाएगा।
-------
सवाल: तीन साल का बेटा है और उसके मुंह में बार-बार छाले हो रहे हैं। बच्चे को अभी तक मां का दूध दे रहे हैं। क्या करना चाहिए?
सचिन कुमार, फतेहाबाद
जवाब : अभी तक सिर्फ मां का दूध देना गलत है, उसे 6 माह बाद ही घर का बना हल्का पौष्टिक आहार देना शुरू करना चाहिए था। छह माह बाद उसे पतला भोजन देना शुरू करें। ऐसे में विकास नहीं होगा। बच्चे को न्यूट्रिशियन चाहिए होता है। आप बच्चे को डाक्टर को जरूर दिखाएं।
------
सवाल : बच्चा सात साल का है, उसके मुंह से दुर्गंध आती है। उपचार बताइए।
संगीता, रतिया
जवाब : बच्चे को सुबह-शाम ब्रुश करवाएं और बाहर का फास्टफूड बिल्कुल मत खाने दें। एक बार चिकित्सक को दिखाएं। कुछ टेस्ट होंगे, इसके बाद उपचार दिया जाएगा।
--------
सवाल : आठ साल का बेटा है और वह रात को बिस्तर में ही पेशाब कर देता है। सलाह दीजिए।
कुलविद्र, म्योंदकलां
जवाब : बच्चे का दिमाग बहुत तेज चलता है और वह उसे बयां नहीं कर सकता है। बच्चा जरूर किसी सदमे में है। उसे किसी अच्छे वातावरण में लेकर जाएं। दूसरा बच्चे को शाम 6 बजे के बाद कोई भी लिक्विड न दें और उससे पहले खूब लिक्विड दें। इसके अलावा एक डायरी में नोट करें कि किस दिन उसने बिस्तर में किया और किस दिन नहीं किया। फिर उसे प्रोत्साहित करें। इसके अलावा आप फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में लाकर बच्चे की जांच करवा लें।
------
सवाल : बेटी का कद कम है और वह 15 साल की है। क्या किया जाए?
नरेश, रतिया
जवाब : बच्चे के कद बढ़ने के पीछे मां-बाप का भी संबंध होता है। दूसरा अगर बच्चे का कद कम है तो उसे एक्सरसाइज के द्वारा बढ़ाया जा सकता है। इस संबंध में फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में स्पेशलिस्ट से सलाह ले सकते हैं।
---------