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बैंकों की 147 शाखाएं रहीं बंद, 120 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित, लोग हुए परेशान

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले विभिन्न बैंकों की हड़ताल के चलते आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 05:30 AM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 05:30 AM (IST)
बैंकों की 147 शाखाएं रहीं बंद, 120 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित, लोग हुए परेशान
बैंकों की 147 शाखाएं रहीं बंद, 120 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित, लोग हुए परेशान

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले विभिन्न बैंकों की हड़ताल के चलते आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को पूरे जिले में सरकारी बैंक बंद रहे। जिससे उपभोक्ताओं को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। कर्मचारियों ने भट्टू रोड पर स्थित मुख्य एसबीआइ के बाहर धरना देकर रोष जताया। शनिवार व रविवार को भी बैंक बंद थे और मंगलवार को भी हड़ताल रहेगी। ऐसे में चार दिनों से बैंक बंद रहने से लेनदेन भी प्रभावित हुआ है। सोमवार को जिले में 120 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ है। बैंक कर्मचारियों की मानें तो हर दिन औसत करीब 120 करोड़ रुपये का लेनदेन होता है। ऐसे में दो दिनों में 240 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होगा।

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पिछले तीन दिनों से बैंक बंद होने से एटीएम भी खाली हो गए हैं। जिले में बैंकों की संख्या 185 है। जिनमें से 38 बैंक प्राइवेट हैं। ये बैंक खुले रहे। लेकिन इनके पास सरकारी बैंकों की अपेक्षा काम कम है। इसके अलावा जिले में 135 एटीएम हैं। रविवार को शहर के अधिकतर एटीएम बंद हो गई। लोगों को पहले से ही हड़ताल की सूचना थी तो बैंक में लोग नहीं आए। लेकिन एटीएम के बाहर लोगों की भीड़ रही। एटीएम के बाहर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। ये बोले उपभोक्ता

बैंक उपभोक्ता शहरवासी सुरेश, महेश, सुरजीत सिंह ने बताया कि पिछले एक घंटे से रुपये निकासी का प्रयास कर रहे हैं। जिस भी एटीएम पर आए तो रुपये खत्म मिले हैं। जिस एटीएम में रुपये हैं, वहां लोगों की भीड़ लगी हुई थी। ऐसे में उन्हें परेशानी हो रही है। नेट बैंकिग का प्रयोग न करने के कारण नकदी की जरूरत है। वहीं, मंगलवार को भी हड़ताल रहने के कारण लोगों को परेशानी होगी। एटीएम सब खाली हो जाएंगी।

निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

जिला फतेहाबाद में बैंक कर्मचारियों ने बैंक में हड़ताल करके बैंकों के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए। नौ यूनियन के संयुक्त संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिग यूनियन ने इस हड़ताल का आह्वान किया है। वित्तमंत्री द्वारा हाल ही में पेश किए गए बजट में चार बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव आने के बाद बैंक कर्मचारी सरकार के विरोध में संघर्ष के लिए इकट्ठा हुए हैं। फतेहाबाद में एसबीआइ अनाज मंडी ब्रांच के बाहर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के सदस्य बैंकों की हड़ताल कर एकजुट हुए तथा सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारी नेता बीएस सेठी ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर निजी करण नहीं होने देंगे। सभी पब्लिक सेक्टर के बैंकों की यूनियन इस हड़ताल में शामिल हैं। निजीकरण से सरकार द्वारा खुलवाए गए जन धन के खातों पर असर पड़ेगा। उनका कहना है कि 42 करोड़ खाते सरकारी बैंकों में खोले गए हैं। वहीं, क्षेत्रीय सचिव जगदीश मोंगा ने कहा कि सरकार की अधिकांश योजनाएं सरकारी बैंक ही लागू करते हैं। निजीकरण से आम आदमी की पहुंच से बैंक दूर हो जाएंगे और आने वाली पीढ़ी को नौकरी नहीं मिलेगी, जिसके चलते पूरे देश के बैंक कर्मचारी हड़ताल पर हैं। निजीकरण बैंकों के हक में नहीं है। कर्मचारी नेता नरेंद्र लांबा ने कहा कि सरकार उन सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों का निजीकरण करना चाहती है, जो 2010 से 2020 तक 14 लाख 57 हजार करोड़ रुपये का लाभ दे चुके हैं। ऑल इंडिया रिजनल रूरल बैंक एसोसिएशन के सदस्यों ने भी इस हड़ताल में भाग लिया। मौके पर जिलेभर के सभी बैंकों के सैकड़ों अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। अब आंकड़ों पर डालें नजर

जिले में बैंक : 185

जिले में निजी बैंक : 38

जिले में एटीएम : 135 जिले में सभी सरकारी बैंक बंद रहे। ऐसे में सौ फीसद बैंकों को कारोबार खत्म हुआ है। कुछ एटीएम में रुपये खत्म होने की सूचना मिली है। एजेंसी संचालकों को आदेश दिया गया है कि वो एटीएम में रुपये डाले। बैंक बंद होने के कारण कारोबार पर असर पड़ा है। लेकिन लोग अब ऑनलाइन बैंकिग का प्रयोग करते है जिससे कुछ राहत भी मिली है।

- उमाकांत चौधरी, जिला अग्रणी बैंक अधिकारी, फतेहाबाद।


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