134ए: 62 स्कूलों ने नहीं दिया खाली सीटों का ब्योरा, दिया जाएगा नोटिस
जागरण संवाददाता फतेहाबाद नियम 134-ए के तहत हर साल निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले के लिए सी
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: नियम 134-ए के तहत हर साल निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले के लिए सीटें आरक्षित होती हैं। इस आरक्षण का लाभ लेने के लिए बच्चों के अभिभावकों को हर साल संघर्ष करना पड़ता है। इसलिए सरकार ने आदेश जारी किया था कि 24 फरवरी तक सभी निजी स्कूल अपने अपने स्कूलों में आरक्षित सीटों का ब्योरा दें। सोमवार को अंतिम दिन था। इसके बावजूद 62 स्कूलों ने ब्योरा जमा नहीं करवाया है। जिले में 229 निजी स्कूल हैं, जिनमें से 167 स्कूलों के संचालकों ने ही सीटों का विवरण दिया है। अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों की तरफ से उन स्कूलों को नोटिस जारी किया जाएगा जिन्होंने विभाग के आदेशों पर अमल नहीं किया। इन स्कूल संचालकों को स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
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20 मार्च तक होंगे आवेदन
मुफ्त दाखिले लेने के लिए विद्यार्थी 20 मार्च तक आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें आनलाइन फार्म भरना होगा। उसके बाद प्रिट कापी संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करवानी होगी। योग्य प्रार्थियों की सूची खंड शिक्षा अधिकारी व खंड मौलिक शिक्षा की अधिकारी द्वारा 27 मार्च को जारी की जाएगी। 12 अप्रैल को परीक्षा होगी और 18 अप्रैल को प्रथम ड्रा निकाला जाएगा। ड्रा में चयनित विद्यार्थियों को 20 अप्रैल से 28 अप्रैल तक दाखिला मिलेगा।
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मुफ्त दाखिले की प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए विभाग नियमबद्ध तरीके से चल रहा है। जिन स्कूलों ने आरक्षित सीटों का ब्योरा नहीं दिया है, उनके खिलाफ नोटिस जारी होंगे। नोटिस का जवाब मिलने के बाद आगे की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। इस प्रक्रिया में स्कूल संचालक मनमानी नहीं कर सकते। गरीब परिवारों के बच्चों को उनका हक मिलकर रहेगा।
-दयानंद सिहाग, डीइओ, फतेहाबाद।
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यह भी जाने
जिले में कुल निजी स्कूल : 229
ब्योरा देने वाले: 167
नोटिस जारी होंगे: 62
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इनको मिलता है लाभ
नियम के अनुसार जिन परिवारों की सलाना आय 2 लाख रुपये से कम है, उनके बच्चों को आरटीई के रूल 134-ए का लाभ मिलेगा। स्कूलों में इस रूल के अंतर्गत निजी स्कूलों में 10 फीसद सीटें आरक्षित हैं। इसके अंतर्गत दूसरी से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को दाखिला मिलता है। पात्र विद्यार्थियों को 2 से 3 किलोमीटर के दायरे में स्कूल दिया जाता है।
-------------- शिक्षा विभाग की तरफ से जारी होने वाले आदेशों को तमाम प्राइवेट स्कूल गंभीरता से लेते हैं। अधिकतर स्कूलों ने आरक्षित सीटों का ब्योरा दे दिया है। हो सकता है कि कुछ स्कूलों ने यह काम पूरा न किया हो। वे भी जल्द ही उपलब्ध करवा देंगे। किसी आदेश को जानबूझकर नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
-शैलेंद्र गोस्वामी, जिला अध्यक्ष, फेडरेशन आफ प्राइवेट स्कूल।
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