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पांच घंटे में ही बिक गए डीएपी खाद के 13 हजार बैग

जागरण संवाददाता फतेहाबाद जिले में गेहूं की बिजाई शुरू हो गई है लेकिन किसानों को ड

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 10:30 PM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 10:30 PM (IST)
पांच घंटे में ही बिक गए डीएपी खाद के 13 हजार बैग

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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जिले में गेहूं की बिजाई शुरू हो गई है, लेकिन किसानों को डीएपी खाद के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं। डीएपी खाद के बगैर गेहूं की बिजाई मुश्किल है। वही जिले में किसानों को सरसों की बिजाई भी बिना खाद के करनी पड़ी है।

शुक्रवार को जिले के सभी इफको केंद्रों पर करीब 13 हजार बैग डीएपी खाद के पहुंचे। लेकिन बैग पहुंचने के बाद पांच घंटे के बाद किसान इन बैगों को खरीदकर भी ले गए। प्रत्येक किसान को पांच-पांच बैग डीएपी के मिले लेकिन कुछ किसानों को निराश होकर लौटना पड़ा।

शुक्रवार सुबह 8 बजे ही किसान इफको सेंटर के बाहर लाइनों में खड़े हो गए। किसानों की पर्ची भी काटी गई। लेकिन भीड़ इतनी अधिक थी कि एक किसान को कम से कम एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा। अधिकारी खुद मान रहे है कि जिले में डीएपी खाद की किल्लत बनी हुई हैं। किसान बोले, ऐसा तो पहले नहीं हुआ

फतेहाबाद के इफको सेंटर के बाहर लाइनों में लगे किसान दरियापुर निवासी सुरेश कुमार, अहरवां निवासी सुरजीत सिंह, सुखा सिंह, हरमिद्र सिंह, अनूप सिंह व गांव धांगड़ निवासी भूप सिंह, रामनिवास कुमार ने बताया कि वे सुबह आठ बजे से लाइनों में आकर खड़े थे। लेकिन जब तक डीएपी की रैक नहीं आई तब तक पर्ची नहीं काटी गई। तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा। किसानों ने बताया कि वो सुबह बिना रोटी खाये आए थे। वीरवार को भी ऐसा हुआ। ऐसे में दो दिन में केवल पांच बैग डीएपी के मिले है। ऐसा पहले कभी नहीं देखा। किसानों ने बताया कि नरमा की फसल के दौरान यूरिया खाद नहीं मिली। यूरिया खाद के लिए लाइनों में लगना पड़ा था। ऐसे में अगर किसानों को खाद व बीज अगर लाइनों में लगकर लेना पड़ रहा है तो खेतों में कब काम करेंगे। किसानों ने आरोप लगाया कि अधिकारी भी सही ढंग से काम नहीं कर रहे है। कुछ व्यापारी बड़े जिमीदार को डीएपी खाद दे रहे है लेकिन छोटे किसान को एक भी बैग नहीं मिल रहा हैं। ऐसे में निगरानी रखनी होगी। डीसी द्वारा गठित फ्लाइंग टीम ने दुकानों का किया निरीक्षण

जिला उपायुक्त ने पिछले दिनों ही जिले में डीएपी खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए कमेटी का गठन किया था। यह कमेटी अब हर दिन दुकानों पर जाकर डीएपी खाद के स्टाक की जांच कर रही है। कमेटी का गठन करने के बाद अब भी तक कालाबाजारी के मामले सामने नहीं आए है। इससे पहले रतिया में एक गोदाम में डीएपी खाद होने के बावजूद किसानों को न देने पर बवाल खड़ा हो गया था। वहीं जाखल का एक व्यापारी पंजाब में खाद भेज रहा था। वहीं भट्टूकलां में डीएपी खाद राजस्थान जाती हुई पुलिस ने पकड़ी थी। इन तीनों व्यापारियों का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है। यहीं कारण है कि जिला उपायुक्त ने कमेटी का गठन कर खाद स्टाक की जांच कर रहे हैं। जिले में पांच लाख बैग की जरूरत, दो लाख किसानों को मिले

जिले में डीएपी खाद की किल्लत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले में पांच लाख डीएपी खाद के बैग की जरूरत होती है। हर साल इतने बैग जिले को मिले है। लेकिन अब तक केवल दो लाख बैग ही जिले को मिले है। ऐसे में तीन लाख बैग और जरूरत है। लेकिन जिस तरह गेहूं की बिजाई का समय आ रहे है वैसे ही डिमांड भी बढ़ती जा रही है। जिले में करीब 13 हजार डीएपी के बैग आए है। किसानों को मिल भी रहे है। आगामी दिनों में और डीएपी की रैक लगने के बाद किसानों को मिलेगी। किसानों से अपील है कि जितनी जरूरत है उसी के हिसाब से खाद लेकर जाए। आगामी दिनों में किल्लत भी दूर हो जाएगी।

राजेश कुमार, उपकृषि निदेशक फतेहाबाद।


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