प्रधानमंत्री फसल बीमा का क्लेम लेने के लिए 1134 किसानों ने किया आवेदन
जागरण संवाददाता फतेहाबाद किसानों की फसल पहले सफेद मक्खी व तेले से खराब हुई। इसके बा
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
किसानों की फसल पहले सफेद मक्खी व तेले से खराब हुई। इसके बाद पेराबिल्ट रोग से भी नुकसान हुआ। अब रही सही कसर गत दिनों हुई बारिश से पूरी कर दी। बारिश से फसल में जलजमाव होने से नरमा सहित दूसरी खरीफ की फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है। मौसम की मार से किसान हताश है। किसानों को अब आखिरी उम्मीद प्रधानमंत्री फसल बीमा से है। इसी उम्मीद के साथ वे कृषि विभाग के कार्यालय में आवेदन कर रहे हैं। दो दिनों तक कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों से आवेदन लिया। जिसमें 1134 किसानों ने आवेदन किया। अब उन किसानों के खेत में जाकर कंपनी के कर्मचारी सर्वे करेंगे।
--------------------
ब्लॉक स्तर पर आवेदन लेने से किसानों को मिली राहत :
पहले किसानों से खराब हुई फसल के आवेदन जिला कृषि विभाग के कार्यालय में लिए जाते थे। इससे किसानों को बड़ी परेशानी आती थी। अब कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. राजेश सिहाग के आने के बाद किसानों के आवेदन प्रत्येक ब्लाक में लिए जाते है। इससे किसानों को बड़ी राहत मिली है। इससे पहले अगस्त महीने में भी 1184 किसानों ने फसल खराब होने पर आवेदन किया। उसमें सामने आया कि 80 फीसद किसानों की फसल खराब हुई थी। अब फिर से सर्वे के बाद में रिपोर्ट सामने आएगी कि कितनी फसल खराब हुई है।
-----------------------
जिन्होंने आवेदन नहीं किया उनको भी मिल सकता है मुआवजा :
वैसे कई किसानों ने जलजमाव की शिकायत देकर फसल खराब होने का क्लेम किया है। ये तो कृषि विभाग के अधिकारियों व बीमा कंपनी के कर्मचारियों को तय करना हे कि फसल वास्तव में जलजमाव हुआ है या नहीं। यदि किसी किसान की फसल वास्तव में खराब हुई है तो उसको भी मुआवजा मिलेगा। इसकी वजह है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब एक गांव को इकाई माना हुआ है। गांव की क्रॉप कटिग रिपोर्ट गत तीन वर्ष के मुकाबले कम आती है तो किसान को मुआवजा मिलेगा।
------------------------- छुट्टी के दिन हमने दो दिनों तक किसानों से आवेदन लिए। सबसे ज्यादा कॉटन की खराब फसल भट्टू क्षेत्र में हुई है। सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। किसानों को रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा मिलेगा।
- भीम सिंह कुलड़िया, एसडीओ, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग।