मोदी वाला टीका लगाना माथे पर शिकन न आए
जिले में बुजुर्गों को टीका लगाने के अभियान ने बुधवार को जोर पकड़ लिया है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : जिले में बुजुर्गों को टीका लगाने के अभियान ने बुधवार को जोर पकड़ लिया है। सुबह से बादशाह खान नागरिक अस्पताल सहित विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर बुजुर्गों की लंबी लाइन देखने को मिली। नागरिक अस्पताल में लाइन व्यवस्थित करने के लिए सुरक्षाकर्मी को तैनात करना पड़ा। हालांकि तीसरे दिन भी आनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया प्रभावित रहा। अधिकतर लोगों ने आन द स्पाट ही पंजीकरण कराया।
उल्लेखनीय है 60 वर्ष के बुजुर्गों एवं विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे 45 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों को तीन दिन से टीका लगाया जा रहा है। शुरुआत के दो दिनों के दौरान बहुत कम संख्या में लोग टीका लगवाने के लिए आ रहे थे। स्वास्थ्यकर्मी बहुत आराम से ही टीका लगा रहे थे, लेकिन बुधवार को टीकाकरण करने वाली स्वास्थ्यकर्मियों को बिल्कुल भी फुर्सत नहीं मिली। बुधवार को पहुंचे अधिकतर लोगों को टीका लगाने वाली सूई के चुभने का डर सता रहा था। लोग टीका लगवाने से पूर्व स्वास्थ्यकर्मी से आराम से टीका लगाने का अनुरोध कर रहे थे।
बादशाह खान नागरिक अस्पताल में महारानी वैष्णोदेवी मंदिर के चेयरमैन प्रताप भाटिया भी अपने साथियों के साथ टीका लगवाने पहुंचे थे। पंजीकरण कराने के बाद स्वास्थ्यकर्मी अंजू बाला से आंचलिक भाषा बन्नूवाली में कहा कि मोदी वाला टीका लगाना, माथे पर शिकन न आए। इसके बाद उन्होंने टीका लगवाया। टीका लगवाने के बाद उन्हें स्वास्थ्यकर्मी अंजूबाला आवश्यक जानकारी दे रही थीं। इस दौरान उन्होंने टोकते हुए कहा मैडम टीका लगाओ बातें बाद में करना। इस पर स्वास्थ्यकर्मी अंजूबाला हंस पड़ीं और बोली कि अंकल आपको टीका लग गया है। इस पर प्रताप भाटिया ने कहा कि टीका लगाती है या ठगाती है (टीका लगाया भी है या नहीं)। इसके बाद आसपास खड़े लोगों ने ठहाके लगाने शुरू कर दिए। 1379 ने लगवाया टीका
कोरोना टीकाकरण के नोडल अधिकारी डा. रमेश चंद ने बताया कि बुधवार को कुल 1379 लोगों को टीका लगाया गया। निजी अस्पतालों में 727 लोगों ने पहली डोज ली, जबकि 58 ने दूसरी डोज लगवाई। 699 बुजुर्गों एवं 45 वर्ष से अधिक विभिन्न बीमारियों से जूझने वालों में 25 लोगों ने पहली डोज ली। वहीं विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर 437 लोगों ने पहली डोज लगाई। इनमें से 231 बुजुर्ग और 45 वर्ष से अधिक आयुवर्ग में मात्र 13 ने ही टीका लगवाया। वहीं 157 लोगों ने दूसरी डोज लगवाई। मेरी उम्र 94 वर्ष है। कोरोना के संक्रमण से डर लगता है, टीके से नहीं। टीका हमें संक्रमण से बचाएगा। यदि टीका नहीं लगवाता, तो हमेशा संक्रमण का भय सताता रहता।
-अमी चंद, सेक्टर-16ए मेरी उम्र 90 वर्ष की है। बिना दर्द के ही टीका लग गया। एक वर्ष से परेशान है। इसके चलते प्रत्येक व्यक्ति को टीका लगवाना आवश्यक है। सभी टीका लगवाने के लिए आगे आएं।
-गिरिराज प्रसाद, सेक्टर-87 टीका लगवाने के बाद स्वस्थ महसूस कर रही हूं। स्वस्थ समाज के लिए टीका लगवाना बहुत ही आवश्यक है। अब मैं कोरोना संक्रमण से सुरक्षित हो गई हूं।
-प्रभा गर्ग, सेक्टर- 16