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सीएम साहब, हमारी तहसीलों का भी हाल देख लीजिए

प्रदेश के राजस्व की मोटी कमाई का केंद्र तहसीलों में किस स्तर पर गड़बड़ी हो रही है यह खुद मुख्यमंत्री करनाल में देख चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 08:43 PM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 06:17 AM (IST)
सीएम साहब, हमारी तहसीलों का भी हाल देख लीजिए

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : प्रदेश के राजस्व की मोटी कमाई का केंद्र तहसीलों में किस स्तर पर गड़बड़ी हो रही है, यह खुद मुख्यमंत्री करनाल में देख चुके हैं। सोमवार को औचक निरीक्षण के दौरान करनाल जिला सचिवालय के तहसील कार्यालय में औचक निरीक्षण के दौरान भ्रष्टाचार और रजिस्ट्रियों में गड़बड़ी के चलते तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी और एक रजिस्ट्रेशन क्लर्क को निलंबित कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने मौके पर कई खामियां पाई। बस ऐसी ही एक कार्रवाई का इंतजार कर रही हैं औद्योगिक नगरी की तहसीलें। यहां अवैध कॉलोनियों में प्लॉटों की और अवैध फ्लैटों की रजिस्ट्रियां हो रही हैं। कई बार इसकी शिकायतें सीएम विडो सहित मुख्यमंत्री व पुलिस थानों में दी जा चुकी हैं, पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। यदि कुछ साल पहले के मामलों पर नजर दौड़ाएं तो यहां तहसीलदार सहित नायब तहसीलदारों को भी निलंबित किया जा चुका है। दो तहसीलदारों के खिलाफ सेंट्रल थाने में मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसके बावजूद गड़बड़ी का खेल आज भी जारी है। बाहरी लोग करते हैं सरकारी काम

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तहसीलों में कई बार ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें बाहरी लोग सरकारी काम करते हुए देखे गए। पूर्व में एक जिला उपायुक्त ने ऐसे ही युवक को तहसील के रिकॉर्ड रूम में पकड़ा था। ये युवक संबंधित अधिकारी के विश्वसनीय होते हैं। इसलिए काम करते हैं। सरल केंद्र से लेकर पटवारघर और तहसीलों में खूब बाहरी युवक सरकारी काम करते हुए देखे जा सकते हैं। अवैध कॉलोनियों में प्लॉटों की धड़ल्ले से रजिस्ट्रियां की जा रही हैं। मैंने कई बार सीएम विडो पर शिकायत दी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बल्कि इस तरह के काम कराने वाले दलाल उन पर तरह-तरह का दबाव बनाते हैं। एक शिकायत एसडीएम के पास लंबित है। लेकिन उसका निपटारा नहीं किया जा रहा है। सभी अधिकारी सिफारिशी होते हैं, इसलिए इनका कुछ नहीं बिगड़ता। इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह है कि यहां की तहसीलों में आकर एक बार रिकॉर्ड चेक कर लें तो पूरी गड़बड़ी सामने आ जाएगी।

-अधिवक्ता गौरव जैन

मैंने कई बार तहसीलों में हो रही गड़बड़ियों के मामले उठाए। यहां तक कि एक ही स्टांप के नंबर पर एक से अधिक रजिस्ट्रियां की गई। कई रजिस्ट्रियां ऐसी मिली जिन पर तहसीलदारों के हस्ताक्षर नहीं थे। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक भेजी गई, पर कार्रवाई नहीं हो सकी। मेरी शिकायत पर सेंट्रल थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। यहां तक कि इन्हीं गड़बड़ी के मामलों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की हुई है जो अभी लंबित है। यदि सीएम नहीं आ सकते तो उपमुख्यमंत्री या गृहमंत्री आकर तहसीलों में औचक निरीक्षण करें, सारे मामले सामने आ जाएंगे। सबसे पहले ऐसे अधिकारियों की सिफारिश बिल्कुल नहीं माननी चाहिए। ये अधिकारी किसी न किसी नेता को अपना आका बना लेते हैं, यही कारण है कि ये किसी से नहीं डरते।

-एलएन पाराशर, अध्यक्ष न्यायिक सुधार संघर्ष समिति मेरे पास अवैध कॉलोनी के प्लॉटों की रजिस्ट्री से संबंधित कोई शिकायत नहीं आई है। कुछ अधिवक्ता इस तरह की रजिस्ट्रियां कराने की कोशिश करते हैं, इसलिए झगड़े व कहासुनी होती है। यहां ऐसा कोई गड़बड़ी वाला काम नहीं हो रहा है।

-बस्तीराम, जिला राजस्व अधिकारी।


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