Move to Jagran APP

चार माह में हुई 5951 रजिस्ट्रियां

अवैध कॉलोनियों के प्लॉटों की फर्जीवाड़ा से रजिस्ट्री करने के मामले में जिले की तहसीलें काफी बदनाम हैं। एक-एक प्लॉट की रजिस्ट्री पर अच्छी खासी रकम मिलने की वजह से यह खेल बंद नहीं हो पा रहा है। पूर्व में कई तहसीलदारों सहित कर्मचारियों पर निलंबन जैसी कार्रवाई हो चुकी है इसके बावजूद यह खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब ऐसी रजिस्ट्रियों का मामला सीधे सरकार के संज्ञान में आ गया है तो कार्रवाई की उम्मीद जगी है। अब फर्जीवाड़े से हुई रजिस्ट्रियों के रद होने की सूचना से ऐसे लोगों में भी हलचल है जिन्होंने 50 स से 70 हजार रुपये देकर रजिस्ट्री करा ली हैं। यह पैसा दलालों के माध्यम

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 06:18 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 06:18 PM (IST)
चार माह में  हुई 5951 रजिस्ट्रियां
चार माह में हुई 5951 रजिस्ट्रियां

प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद

prime article banner

तहसीलों में फर्जीवाड़ा कर रजिस्ट्रियों के मामले की जांच में सामने आया है कि जिले में 22 मार्च से 22 जुलाई तक 5951 रजिस्ट्रियां हुई हैं। इनमे सर्वाधिक 1725 रजिस्ट्रियां फरीदाबाद तहसील में हुई हैं। बल्लभगढ़ तहसील में 1486, बड़खल में 1286, तिगांव उपतहसील में 323, दयालपुर में 236, मोहना में 184, गौंछी में 570 और धौज में 141 रजिस्ट्रियां हुई हैं। अब इनमे कितनी अवैध कॉलोनियों के प्लॉटों की रजिस्ट्री बिना नगर योजनाकार विभाग की एनओसी के हुई हैं, इसकी जांच शुरू है। शुक्रवार को सीएम फ्लाइंग और सीआइडी की टीम ने फरीदाबाद तहसील पहुंचकर सभी तहसील व उपतहसीलों का रिकॉर्ड अपने कब्जे में लिया। सीएम फ्लाइंग की ओर से निरीक्षक जगबीर के नेतृत्व में जांच हो रही है। बदनाम हैं सभी तहसीलें

अवैध कॉलोनियों के प्लॉटों की फर्जीवाड़ा से रजिस्ट्री करने के मामले में जिले की तहसीलें काफी बदनाम हैं। एक-एक प्लॉट की रजिस्ट्री पर अच्छी-खासी रकम मिलने से ये खेल बंद नहीं हो पा रहा है। पूर्व में कई तहसीलदारों सहित कर्मचारियों पर निलंबन जैसी कार्रवाई हो चुकी है, पर खेल जारी है। अब ऐसी रजिस्ट्रियों का मामला सीधे सरकार के संज्ञान में है, तो कार्रवाई की उम्मीद जगी है। बता दें जिला नगर योजनाकार इनफोर्समेंट की बिना एनओसी के रजिस्ट्री करने वाले एक क्लर्क बिजेंद्र को फरवरी में निलंबित किया गया था। हो सकती हैं रजिस्ट्रियां रद :

अब फर्जीवाड़े से हुई रजिस्ट्रियों के रद होने की सूचना से ऐसे लोगों में भी हलचल है, जिन्होंने 50 स से 70 हजार रुपये देकर रजिस्ट्री कराई हैं। यह पैसा दलालों से तहसीलदारों की जेब में जा चुका है। अब यह पैसा वापस नहीं आएगा। वहीं जो प्लॉट खरीद चुके हैं, वे अलग से परेशान होंगे। बता दें 2015 से 2020 तक करीब 1300 ऐसी रजिस्ट्रियां होने का मामला सामने आ चुका है। अब सरकार ने 17 अगस्त तक सभी तहसीलों में रजिस्ट्रियों पर रोक लगा दी है। इस दौरान नया साफ्टवेयर बनेगा, जिसके बाद फर्जीवाड़ा समाप्त होने का दावा किया जा रहा है। रजिस्ट्री क्लर्क बदला

शुक्रवार को बड़खल तहसील में नियुक्त रजिस्ट्री क्लर्क सुमेर सिंह को हटा दिया गया। इसकी जगह राजस्व अधिकारी के रीडर खेमचंद चुघ को रजिस्ट्री क्लर्क बनाया गया है। सुमेर अब राजस्व अधिकारी के रीडर होंगे। इस तबादले के पीछे भी रजिस्ट्रियों से जुड़ा मामला बताया जा रहा है। मैंने यहां दिसंबर में पदभार संभालते ही तहसीलदारों को सख्त आदेश दिए थे कि अवैध कालोनियों में प्लॉटों की बिना एनओसी के रजिस्ट्री नहीं होगी। इस पर रोक लगाने में हम काफी हद तक सफल भी रहे हैं। फिर भी जांच होगी कि ऐसी रजिस्ट्रियां हुई तो नहीं हैं।

-यशपाल यादव, जिला उपायुक्त।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.