बेटे के जिम ट्रेनर दोस्त ने कन्फेशन नोट में किया इकबाल-ए-जुर्म
सेक्टर-7ए में शुक्रवार रात दंपती (रेडियोलॉजिस्ट प्रवीन मेहंदीरत्ता उनकी पत्नी भारती) व उनके बेटी-दामाद (प्रियंका सौरभ कटारिया) की चाकू से गला रेतकर हत्या मामले में पुलिस ने हत्यारे की पहचान का दावा किया है। एसीपी क्राइम अनिल कुमार के मुताबिक उनके पास पर्याप्त तथ्य हैं कि दंपती के बेटे दर्पण के जिम ट्रेनर दोस्त मुकेश ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : सेक्टर-7ए में शुक्रवार रात दंपती (रेडियोलॉजिस्ट प्रवीन मेहंदीरत्ता, उनकी पत्नी भारती) व उनके बेटी-दामाद (प्रियंका, सौरभ कटारिया) की चाकू से गला रेतकर हत्या मामले में पुलिस ने हत्यारे की पहचान का दावा किया है। एसीपी क्राइम अनिल कुमार के मुताबिक उनके पास पर्याप्त तथ्य हैं कि दंपती के बेटे दर्पण के जिम ट्रेनर दोस्त मुकेश ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। 30 वर्षीय मुकेश डबुआ कॉलोनी के पास न्यू राजीव कॉलोनी में परिवार संग रहता है। सेक्टर-7ए में दंपती के घर के पास जिम में वह करीब सात साल से ट्रेनर की नौकरी कर रहा था। यहीं उसकी दर्पण से दोस्ती हुई। पुलिस के मुताबिक मुकेश का दंपती के घर आना-जाना भी था।
क्राइम ब्रांच की टीमों ने सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी जांच के बाद रात में ही चार संदिग्ध चिह्नित किए थे। मुकेश भी उनमें से एक था। पुलिस ने रात में सभी संदिग्धों को फोन कर सुबह पूछताछ के लिए पहुंचने का निर्देश दिया था। सुबह मुकेश को छोड़कर बाकी तीन लोग पूछताछ के लिए पहुंच गए। सुबह पुलिस मुकेश के घर तक पहुंच पाती, इससे पहले ही उसका भाई लाला कन्फेशन नोट लेकर डबुआ थाने पहुंच गया। लाला ने पुलिस को बताया कि मुकेश यह नोट छोड़कर घर से गया है। नोट में चारों हत्या करने की बात कबूल की है, साथ ही लिखा है कि वह आत्महत्या कर सकता है। पुलिस की टीमें उसकी तलाश में जुट गईं। पुलिस ने उसके घर के बाहर से स्कूटी, उसका जिम बैग, स्कूटी की चाबी बरामद की है। सभी पर खून के निशान हैं। उसके परिवार वालों से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि हत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। आरोपित के गिरफ्तार होने पर ही सारी बातें साफ होंगी। अभी कुछ भी कह पाना जल्दबाजी होगी। मुकेश को हमने रात ही संदिग्ध माना था। सुबह उसका कन्फेशन नोट थाने पहुंच गया। हत्या की वजह अभी साफ नहीं है। लूट, रंजिश या कोई और कारण भी हो सकता है।
- अनिल कुमार यादव, एसीपी क्राइम