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स्वजन ने कहा, दोषियों की फांसी तक जारी रहेगी हमारी लड़ाई

निकिता हत्याकांड के दोषियों को उम्रकैद की सजा पर उसके स्वजन ने फांसी की मांग तक जारी रहेगी लड़ाई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 08:23 PM (IST)Updated: Fri, 26 Mar 2021 08:23 PM (IST)
स्वजन ने कहा, दोषियों की फांसी 
तक जारी रहेगी हमारी लड़ाई
स्वजन ने कहा, दोषियों की फांसी तक जारी रहेगी हमारी लड़ाई

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : निकिता हत्याकांड के दोषियों को उम्रकैद की सजा पर उसके स्वजन ने कहा है कि उनके लिए न्याय अभी अधूरा है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि अदालत दोषियों को उनके किए के लिए फांसी की सजा देगी, मगर ऐसा नहीं हुआ। निकिता के पिता मूलचंद तोमर ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी खोई है। दोषियों को फांसी दिलाए जाने तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले का अध्ययन करने के बाद वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और न्याय की अपील करेंगे। वहीं निकिता की मां विजया देवी ने कहा कि निकिता की हत्या के बाद से उनका परिवार हर तरह से टूटा हुआ महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि दोषियों को उनके किए के लिए फांसी होनी चाहिए थी, मगर ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इस मामले से उनका सबकुछ दांव पर लग गया। निकिता के पिता की नौकरी छूट गई। भाई नवीन की पढ़ाई छूट गई और वह निकिता को न्याय दिलाने के लिए जुट गया। उन्होंने बताया कि निकिता की मौत के बाद सरकार और विभिन्न सामाजिक संगठनों की तरफ से की गई घोषणाएं भी पूरी नहीं हुईं। फांसी की मांग को लेकर अदालत के बाहर की नारेबाजी

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दोषियों को फांसी की सजा ना दिए जाने से कुछ संगठनों ने नाराजगी जताई। सजा सुनाए जाने के बाद उन्होंने अदालत के बाहर नारेबाजी करते हुए दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की। इनमें निकिता के मामा हाकिम सिंह भी शामिल रहे। फांसी की मांग को लेकर इंटरनेट मीडिया पर भी मुहिम छिड़ गई है। लोगों ने कहा कि इस मामले में उम्रकैद की बजाय फांसी होनी चाहिए थी। हम उम्मीद कर रहे थे कि इस मामले में दोषियों को फांसी की सजा होगी। अब अदालत ने जो फैसला सुनाया है, वह सिर माथे पर। महज पांच महीने के अंदर इस मामले में फैसला देने के लिए अदालत की सराहना की जानी चाहिए।

-मुकेश अग्रवाल, सचिव, जिला भाजपा निकिता की जघन्य हत्या के दोषी तौशीफ और रेहान को उम्रकैद के स्थान पर फांसी होनी चाहिए थी। कानून व्यवस्था को कहीं ना कहीं उस परिवार और माहौल को भी दोषी मानना चाहिए जिसमें ऐसे अपराधी बनते हैं। उसके प्रति भी सरकार का कड़ा रवैया दिखना चाहिए।

-कुमारी तान्या लूथरा, सामाजिक कार्यकर्ता


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