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सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीद की गवाही ने शीशे की तरह साफ किया मुकदमा

निकिता तोमर हत्याकांड में सीसीटीवी फुटेज और हत्या के वक्त दो लोगों की गवाही से साफ हुई तस्वीर।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 07:34 PM (IST)Updated: Fri, 26 Mar 2021 07:34 PM (IST)
सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीद की  गवाही ने शीशे की तरह साफ किया मुकदमा
सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीद की गवाही ने शीशे की तरह साफ किया मुकदमा

हरेंद्र नागर, फरीदाबाद : निकिता तोमर हत्याकांड में सीसीटीवी फुटेज और हत्या के वक्त दोषियों की मौके पर मौजूदगी के सबूत अहम साबित हुए। दोनों सबूतों से पूरा मुकदमा अदालत के सामने शीशे की तरह साफ हो गया। अदालत ने तौशीफ और रेहान को दोषी करार दिया। तौशीफ और रेहान द्वारा निकिता के अपहरण की कोशिश व देसी पिस्तौल से गोली मारकर भागने की घटना कालेज के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। एसआइटी (विशेष जांच दल) ने यह फुटेज कब्जे में लेकर जांच के लिए भिजवाई। फारेंसिक जांच से साफ हो गया कि फुटेज से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई। इसके अलावा हत्या के वक्त तौशीफ और रेहान के मोबाइल की लोकेशन अग्रवाल कालेज के आस-पास मिली। हत्या से पहले भी लगातार तीन दिन तक उनके मोबाइल की लोकेशन कालेज के आस-पास थी। दोषी अपनी वहां मौजूदगी का कोई स्पष्ट कारण नहीं बता पाए। यह भी एक अहम सबूत रहा। सीसीटीवी फुटेज में कार और उसके नंबर स्पष्ट दिख रहे थे। बाद में पुलिस ने कार बरामद की। कार के रियर मिरर पर तौशीफ के अंगुलियों के निशान मिले। इससे कार में तौशीफ की उपस्थिति साबित हुई। तौशीफ के कपड़ों पर पुलिस को रक्त के निशान मिले थे। फारेंसिक जांच से यह साबित हुआ कि वह इंसानी रक्त था। इस मामले में कुल 57 गवाह पेश हुए। इनमें चश्मदीद तरुण की गवाही सबसे अहम रही। निकिता का फुफेरा भाई तरुण उस वक्त मौके पर मौजूद था। उसने अदालत को बताया कि उसके सामने तौशीफ ने निकिता को गोली मारी। उसने सीसीटीवी फुटेज में भी तौशीफ की पहचान कर ली। देसी पिस्तौल पर नहीं मिले थे अंगुलियों के निशान

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मुकदमे में कुछ खामियां भी रहीं, जिनका बचाव पक्ष ने फायदा लेने की कोशिश की। जिस देसी पिस्तौल से निकिता की हत्या की गई, वह मौके पर ही मिल गई थी। बैलेस्टिक रिपोर्ट से साफ हो गया कि निकिता के सिर में मिली गोली मौके पर मिली देसी पिस्तौल से ही चलाई गई थी। मगर पिस्तौल पर तौशीफ की अंगुलियों के निशान नहीं मिले थे। तब एसआइटी ने अदालत को बताया कि गोली चलाते वक्त तौशीफ ने सर्जिकल दस्ताने पहने हुए थे। एसआइटी ने वे दस्ताने भी अदालत के सामने पेश किए। एसआइटी ने वारदात के वक्त तौशीफ द्वारा पहनी हुई शर्ट की बाजू काटकर फारेंसिक जांच के लिए भिजवाई थी। दरअसल, गोली चलाने पर पिस्तौल पीछे की तरफ खास तरह का पाउडर फेंकती है। पुलिस का अनुमान था कि यह पाउडर तौशीफ की शर्ट के बाजू पर चिपका होगा, मगर फारेंसिक जांच में उसकी बाजू पर गन पाउडर नहीं मिला। हमने अपनी तरफ से हर बारीक से बारीक सबूत एकत्र कर पहले मान्यता प्राप्त एजेंसी से सत्यापित कराए। इसके बाद अदालत के समक्ष रखे। उन्हीं सबूतों की बदौलत पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने में सफल हुए।

-एसीपी अनिल कुमार, एसआइटी प्रभारी जांच टीम ने दिन-रात एक कर काम किया। कम समय में अधिक से अधिक सबूत जुटाकर मजबूत चार्जशीट पेश की। दोषियों के खिलाफ ऐसे सबूत दिए जिनसे उनका अपराध साबित हो गया। पूरी टीम बधाई की पात्र है।

-ओपी सिंह, पुलिस आयुक्त फरीदाबाद


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