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Faridabad School Opening Guidelines: पूरी सतर्कता के साथ फरीदाबाद में खुले स्कूल, मास्क लगाकर पहुंचे छात्र

Faridabad School Opening Guidelines फरीदाबाद जिले के लगभग सभी राजकीय-निजी स्कूलों में केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का पालन जा रहा है। जिले में करीब 40 फीसदी विद्यार्थी ही स्कूलों में पहुंच रहे हैं।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2021 11:47 AM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2021 12:44 PM (IST)
Faridabad School Opening Guidelines: पूरी सतर्कता के साथ फरीदाबाद में खुले स्कूल, मास्क लगाकर पहुंचे छात्र
school reopen after 8 months faridabad .

फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पिछले करीब 9 महीने से बंद स्कूल खुल गए हैं, जिससे क्लास रूम में रौनक लौट आई है। फिलहाल जिले में छठी से आठवीं तक के ही स्कूल खुले हैं। लगभग सभी राजकीय-निजी स्कूलों में केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का पालन जा रहा है। जिले में करीब 40 फीसदी विद्यार्थी ही स्कूलों में पहुंच रहे हैं। क्लास रूम में प्रत्येक बेंच पर एक ही छात्र के बैठने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं के लिए मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के फैलने के बाद मार्च महीने से ही लॉकडाउन के बाद स्कूल बंद थे। करीब आठ माह बाद 9वीं से 12वीं तक के लिए स्कूल खोल दिए गए थे।

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इससे पहले सोमवार से छठी से आठवीं तक की कक्षा के लिए भी स्कूल खोल दिए गए। इस दौरान ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रहीं। स्कूल आने के लिए छात्रों को अपने साथ कोरोना जांच की रिपोर्ट और अभिभावकों से सहमति पत्र लाना अनिवार्य है। सभी छात्र सहमति पत्र तो लेकर पहुंचे, लेकिन स्वास्थ्य जांच की कमी दिखी। इस कारण कई विद्यार्थियों को स्कूल से वापस लौटा दिया गया।

शिक्षा विभाग और निदेशालय ने साफ किया है कि स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को स्वास्थ्य जांच करानी है,   इसलिए उन्हें वापस घर लौटा दिया गया। उधर, कई छात्र बीके सिविल अस्पताल में कोविड जांच कराने भी पहुंचे थे। इस कारण बीके सिविल अस्पताल में छात्रों की लंबी लाइन लगी रही। सामान्य स्वास्थ्य जांच का पत्र स्कूल में प्रवेश से 72 घंटे पुराना नहीं होना चाहिए। वहीं, ज्यादातर छात्र स्कूल तो पहुंचे, लेकिन उनके पास स्वास्थ्य जांच का प्रमाण पत्र नहीं था। 

एनआईटी-5 स्थित राजकीय कन्या विद्यालय में करीब दस माह बाद स्कूल खुलने से छठी कक्षा की छात्रा सीता काफी खुश थी। उसका कहना था कि ऑनलाइन कक्षा में पर्याप्त समय नहीं मिल पाता था। कोरोना के कारण पता चला कि स्कूल की कक्षा में बैठकर पढ़ाई करने का क्या महत्व है। इसी तरह मेट्रो मोड स्थित राजकीय विद्यालय की छात्र कोमल  ने बताया कि वह आठवीं कक्षा की छात्रा है। उसने काफी संघर्ष कर ऑनलाइन पढ़ाई करना सीखा था। अब वह बेहद खुश है कि स्कूल दोबारा खुल गए हैं।

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