UPSC Result 2019: 65 वां स्थान पाने वाली आशिमा बोली- जनता की नौकर बनकर करूंगी काम
UPSC Result 2019 यूपीएससी की परीक्षा में 65वां स्थान हासिल करने वाली बल्लभगढ़ निवासी आशिमा गोयल के पिता मित्रसेन साइबर कैफे संचालक हैं।
फरीदाबाद [सुशील भाटिया]। 'मेरी तो स्कूली शिक्षा के दौरान से ही यह चाहत थी कि आइएएस अधिकारी बनूं, पर डर लगता था कि यूपीएससी की परीक्षा पास नहीं कर पाऊंगी। बावजूद इसके मन में विश्वास और इरादे मजबूत रखे और जब 12वीं की परीक्षा 95 फीसद के साथ उत्तीर्ण की, तो आइआइटी दिल्ली में दाखिला हो गया। बीटेक-एमटेक के बाद मुंबई में एक बैंक में नौकरी करने लगी। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही कुछ साथियों ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर भी ली थी, तो एक बार फिर मन में चाहत उत्पन्न हुई। खुद पर यह विश्वास जताया कि डर के आगे ही तो जीत है। बस तैयारी शुरू कर दी, नतीजा सबके सामने है।' पिता मित्रसेन की होनहार बेटी आशिमा गोयल ने कुछ इस अंदाज में अपने संघर्ष और सफलता के पीछे की कहानी बयां की।
यूपीएससी की परीक्षा में 65वां स्थान हासिल करने वाली बल्लभगढ़ निवासी आशिमा गोयल के पिता मित्रसेन साइबर कैफे संचालक हैं। परिवार मूलरूप से नूंह जिले के पुन्हाना कस्बे का है। इस कारण से आशिमा ने 12वीं तक पढ़ाई श्री त्यागी मॉडर्न पब्लिक स्कूल होडल से की। वर्ष 2012 में बल्लभगढ़ आ गए, ताकि दिल्ली आने-जाने में आसानी हो।
आशिमा के अनुसार, पहली बार परीक्षा संभवतया इसीलिए उत्तीर्ण नहीं कर सकी, बैंक की नौकरी के साथ ही यूपीएससी की तैयारी भी की थी, पर परीक्षा में बैठने का अनुभव काम आया और कमियां भी पता चल गईं। बेहतर तैयारी के लिए बैंक की नौकरी छोड़ दी और फिर हर हाल में आइएएस अधिकारी बनने के दृढ़ संकल्प को मन में धारण करते हुए दिन-रात एक कर दिया। आशिमा के अनुसार, कोचिंग इंस्टीट्यूट में जाने की बजाय सेल्फी स्टडी पर ध्यान दिया, जहां कहीं दिक्कत हुई, तो पेन-ड्राइव क्लासिज ली, यू-ट्यूब की मदद भी ली।
देश की प्रथम आइपीएस अधिकारी किरन बेदी से बेहद प्रभावित आशिमा के अनुसार उनका आचार-व्यवहार, अधीनस्थ अधिकारियों से कैसे काम लेना है और बेहद नम्र व सौम्य तरीके से अपनी बात रखने का अंदाज खूब भाता है। खूब प्रेरित करती हैं। कभी किरन बेदी से मिली तो नहीं, पर मिलने की खूब इच्छा है। अब शायद यह चाहत पूरी हो जाए।
आशिमा मानती हैं कि देश बदल रहा है, पर अभी धर्म, जाति के आधार पर भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों को दूर करने की बहुत गुंजाइश है। आशिमा अपने मूल राज्य हरियाणा अथवा राजस्थान में काम करने की इच्छुक हैं, बाकी जो भी कैडर मिलेगा वहीं जनता की भलाई के लिए काम करेंगी। आशिमा के अनुसार उनके कार्यालय में जो भी जरूरत मंद आए, तो उनका समय पर काम हो, यह सुनिश्चित कराएंगी और सामने वाले में यह विश्वास जगाएंगी कि कोई उनके पास आया है, तो नियमानुसा काम जरूर होगा। आशिमा के अनुसार वो जनता की नौकर बन कर काम करेंगी।