सुभाष चंद्र बोस जयंती: इस संग्रालय जुड़ी हैं नेताजी, गांधी, जेपी और लाला लाजपत राय से जुड़ी कई यादें
गुरुकुल इंद्रप्रस्थ में योग प्रशिक्षक स्वामी सुरेंद्रानंद रोजाना बच्चों को योग कराते हैं। बच्चे मलखंभ प्रदर्शन भी करते हैं। यहां के शिक्षक कवि धर्मेश अविचल तथा कमलेश यादव बच्चों को नेता जी सुभाष चंद्र बोस तथा शहीद भगत सिंह की कुर्बानी की कहानियां सुनाते हैं
फरीदाबाद, अनिल बेताब। दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास स्थित गुरुकुल इंद्रप्रस्थ में नेता जी सुभाष चंद्र बोस आजादी से पहले 8 दिन तक एक कोठरी में भूमिगत रहे थे। गुरुकुल इंद्रप्रस्थ वही जगह है, जहां आजादी के दीवाने आंदोलन की रणनीति बनाया करते थे। नेता जी के अलावा कई वीरों की यादें गुरुकुल इंद्रप्रस्थ से जुड़ी हुई हैं।
गुरुकुल इंद्रप्रस्थ की स्थापना स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज ने जून 1916 को की थी। गुरुकुल के प्रवेश द्वार पर ही स्थापना का ब्योरा लिखा हुआ है। प्रवेश द्वार से थोड़ा सा आगे चलें, तो नेता जी के नाम से शहीद स्मृति संग्रहालय है। आज जहां संग्रहालय बना हुआ है, वहीं नेता जी के अलावा आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी, जय प्रकाश नारायण तथा लाला लाजपत राय जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानी आए थे।
इसी, गुरुकुल में सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद तथा अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल आकर योजनाएं बनाया करते थे। गुरुकुल इंद्रप्रस्थ में अक्सर स्कूलों और कालेजों के विद्यार्थी आते हैं। गुरुकुल आते ही हर कोई यहां की माटी को नमन करता है और आगे बढ़ता है। यहां एक स्कूल भी चल रहा है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से संबंधित पाठयक्रम के हिसाब से यहां विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा शिक्षा दी जाती है।
नेता जी की कुर्बानी से कराया जाता है अवगत
गुरुकुल इंद्रप्रस्थ में योग प्रशिक्षक स्वामी सुरेंद्रानंद रोजाना बच्चों को योग कराते हैं। बच्चे मलखंभ प्रदर्शन भी करते हैं। पर्यावरण संरक्षण के मकसद से राेजाना हवन किया जाता है। यहां के शिक्षक कवि धर्मेश अविचल तथा कमलेश यादव बच्चों को नेता जी सुभाष चंद्र बोस तथा शहीद भगत सिंह की कुर्बानी की कहानियां सुनाते हैं, ताकि बच्चों में देशभक्ति का जज्बा पैदा हो। अन्य स्कूलों से जब यहां विद्यार्थी आते हैं, तो उन्हें शहीद स्मृति संग्रहालय लेकर वीरों की कुर्बानी से अवगत कराया जाता है।
हमने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग की है कि गुरुकुल में नेता जी के नाम से जिम की स्थापना की जाए। गरुकुल वही स्थान है, जहां नेता जी सुभाष चंद्र बोस जैसे और कई स्वतंत्रता सेनानी आकर आजादी के आंदोलन की योजनाएं बनाते थे। हम अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं कि युवा पीढ़ी में देशभक्ति का भाव जागृत हो। सरकार को भी इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
आचार्य ऋषिपाल आर्य, संचालक, गुरुकुल इंद्रप्रस्थ।
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