सावधानः ज्यादा फालोअर्स वाले इंटरनेट मीडिया अकाउंट हैकरों के निशाने पर, ऐसे मांगी जाती है रंगदारी
साइबर थाना प्रभारी बसंत कुमार ने बताया कि ट्विटर फेसबुक व इंस्टाग्राम ने हाल ही में वेरिफिकेशन प्रोसेस फिर से शुरू किया है। अब हर इंटरनेट मीडिया यूजर वेरिफिकेशन के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं। इसका फायदा उठा कर लोगों का अकाउंट हैक कर रहे हैं।
फरीदाबाद [हरेंद्र नागर]। ज्यादा फालोअर्स की संख्या वाले ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे इंटरनेट मीडिया अकाउंट हैकरों के निशाने पर हैं। जालसाज इन अकाउंट को टारगेट करते हैं और इन्हें हैक करके फिरौती की मांग करते हैं। इतना ही नहीं, कुछ मामले ऐसे भी सामने आ रहे हैं जिसमें फिरौती की रकम चुकाने के बाद भी लोगों का अकाउंट हैक हो रहा है। ताजा मामलों के तहत फिरौती पाने के बाद भी साइबर जालसाज संबंधित व्यक्ति के अकाउंट में ऐसी सेटिंग कर रहे हैं कि सारे सिक्योरिटी फीचर एक्टिवेट करने के बाद भी जालसाज व्यक्ति के अकाउंट को हैक कर रहे हैं।
हाल में सामने आया मामला
हैकरों ने जवाहर कालोनी निवासी मेकओवर रितु चावला का इंस्टाग्राम अकाउंट हैक कर रंगदारी मांग ली। आर्टिस्ट के अकाउंट पर 23.4 हजार फालोअर हैं। उनका पूरा बिजनेस इस अकाउंट के जरिये चलता है। इसलिए अपना अकाउंट वापस पाने के लिए उन्होंने हैकरों को पांच हजार रुपये का भुगतान भी कर दिया। उनका अकाउंट वापस मिल गया, मगर कुछ घंटे बाद फिर हैक हो गया। इस बार हैकरों ने उसे 14 हजार रुपये मांगे। इस तरह के और भी मामले सामने आए हैं। खास तौर पर से अगर किसी अकाउंट से उपयोगकर्ता के कारोबारी हित जुड़े हुए हैं। हैंकर उन्हें अधिक निशाना बना रहे हैं।
किस तरह करते हैं अकाउंट हैक
साइबर थाना प्रभारी बसंत कुमार ने बताया कि ट्विटर, फेसबुक व इंस्टाग्राम ने हाल ही में वेरिफिकेशन प्रोसेस फिर से शुरू किया है। अब हर इंटरनेट मीडिया यूजर वेरिफिकेशन के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं। इसका फायदा उठा कर लोगों का अकाउंट हैक कर रहे हैं। दरअसल कई लोगों को ईमेल पर अकाउंट वेरिफिकेशन के बारे में कुछ जानकारी ईमेल की जा रही हैं। ये कंपनी की तरफ से नहीं है, लेकिन इसे इस तरह से ड्राफ्ट किया गया है कि देखने में ये असली ही लगता है। अगर थोड़ी भी गलती आपने कर दी तो आपका अकाउंट हैक हो जाएगा। इस ईमेल में वेरिफाइड कंट्रोल लिखा हुआ और संबंधित कंपनी का लोगो बना रहता है। जाहिर है ये कंपनी की तरफ से नहीं है तो इसे भेजने के लिए जी-मेल की आइडी इस्तेमाल की जाती है। थाना प्रभारी बसंत कुमार का कहना है कि इस तरह की किसी ईमेल का जवाब न दें।