Nikita Tomar Murder Case: अपहरण मामले में तौशीफ के स्वजन को गिरफ्तार कर सकती है एसआइटी
तौशीफ ने एसआइटी को बताया कि 2018 मे निकिता का अपहरण कर वह अपने घर लेकर गया था। एसआइटी को उसने कुछ अन्य नाम भी बताए हैं जिन्होंने उसका साथ दिया था। अभी एसआइटी उन नामों को उजागर नहीं कर रही है।
फरीदाबाद, जागरण संवादताता। Nikita Tomar Murder Case: साल 2018 में निकिता तोमर के अपहरण मामले की जांच में जुटी विशेष जांच टीम (Special Investigation Team) आरोपित तौशीफ के किसी स्वजन को भी गिरफ्तार कर सकती है। अपहरण मामले की दोबारा जांच कर रही एसआइटी ने तौशीफ को तीन दिन की रिमांड पर लिया था। पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया है। तौशीफ ने एसआइटी को बताया कि साल 2018 मे निकिता का अपहरण कर वह अपने घर लेकर गया था। एसआइटी को उसने कुछ अन्य नाम भी बताए हैं, जिन्होंने उसका साथ दिया था। अभी एसआइटी उन नामों को उजागर नहीं कर रही है, मगर यह जरूर है कि जल्द ही एक या दो और लोग की गिरफ्तारी होगी। इनकी गिरफ्तारी के बाद ही एसआइटी इस मामले में चालान तैयार करेगी। इस मामले में पुलिस उस वक्त निकिता द्वारा मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत दिए गए कलमबद्ध बयान को भी आधार बना रही है।
निकिता को आरोपित के चंगुल से छुड़ाने के बाद पुलिस ने ये बयान कराए थे। इस बयान की कापी पुलिस के पास है। इसमें निकिता ने तौशीफ और उसके स्वजन द्वारा शादी के लिए दबाव डालने की बात कही है। बाकियों की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी इस बयान को पर्याप्त मान रही है।
बता दें कि पिछले महीने 26 अक्टूबर को सोहना निवासी तौशीफ ने कॉमर्स की छात्रा निकिता की बल्लभगढ़ में अग्रवाल कालेज के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी। निकिता के स्वजन ने बताया कि साल 2018 में भी तौशीफ ने निकिता का अपहरण किया था। इसका मुकदमा भी दर्ज किया गया, मगर आरोपित के स्वजन ने दबाव डालकर उनसे अदालत में हलफनामा दिलाकर मुकदमा बंद करा दिया था। अब एसआइटी उस मामले की जांच नए सिरे से कर रही है। दरअसल, यह पूरा मामला लव जिहाद से भी जुड़ गया है।
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