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Ramleela 2020: जब अचानक कौशल्या को बनना पड़ा कैकेयी

तान्या भाटिया के अनुसार निर्देशक अनिल चावला की ओर से यह निर्देश मिलने पर उनकी चुनौती बढ़ गई थी। उनके पास कैकेयी के संवाद का एक आध बार रिहर्सल का भी समय नहीं था क्योेंकि दिन में तो उन्हें अपने कार्यालय जाना होता है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 03:35 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 05:01 PM (IST)
Ramleela 2020: जब अचानक कौशल्या को बनना पड़ा कैकेयी
जीवन में कभी भी कैकेयी की भूमिका निभाई ही नहीं मगर स्‍टेज पर उतरते ही मिली वाहवाही। फोटो जागरण।

फरीदाबाद (सुशील भाटिया)। पिछले छह वर्ष से लगातार कौशल्या की भूमिका निभा कर पूरी तरह से इस किरदार में रच-बस चुकी महिला रंगकर्मी तान्या भाटिया इस बार भी इसी भूमिका को जीवंत करने के लिए तैयार थी। तान्या ने पिछले एक सप्ताह से जम कर रिहर्सल कर पूरी तरह से अपने आप को निपुण भी कर लिया था, पर उसे इसका जरा भी भान नहीं था कि अचानक से निर्देशक की तरफ से यह आदेश आएगा कि उसे कौशल्या जैसे सौम्य स्वभाव वाले किरदार की जगह नकारात्मक किरदार वाली कैकेयी की भूमिका को साकार करने के लिए मंच पर उतरना पड़ेगा।

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एक जापानी कंपनी में कांउसलर एनआइटी निवासी तान्या भाटिया के साथ मंगलवार रात को यही हुआ। दरअसल हुआ यूं कि कैकेयी का किरदार निभाने वाली मौनिक भाटिया सोमवार शाम को सीढ़ियों से गिर कर बुरी तरह से चोटिल हो गई। मौनिक भाटिया नगर निगम की पूर्व उपमहापौर व हरियाणा महिला आयोग की सदस्य रेनू भाटिया की बेटी हैं और पिछले कई वर्षों से कैकेयी व शूर्पनखा की भूमिका को श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी के मंच पर सार्थक कर रही हैं। इधर सोमवार रात मंच का पर्दा उठने से एक घंटा पहले ही यह सूचना कमेटी के मुख्य निर्देशक अनिल चावला तक पहुंची, तो उनका चिंतित होना लाजमी था, क्योंकि सोमवार रात ही अंतिम सीन कैकेयी का भी था।

बकौल अनिल चावला उनका तो एक तरह से दिमाग ही सुन्न हो गया। खैर उस दिन रामलीला थोड़ी लंबी चली, तो कैकेयी का अंतिम सीन दिखाने का समय ही नहीं बचा। अनिल चावला के अनुसार उन्हें इस तरह कुछ सोचने और आधे दिन में ही भूमिकाओं में बदलाव करने का समय मिल गया। उन्होंने रात को ही कौशल्या की भूमिका निभाने वाल तान्या को कैकेयी के रूप में तब्दील करने और कौशल्या की भूमिका के लिए सीता बनने वाली योगंधा वशिष्ठ की माता दिव्या वशिष्ठ को मंच पर उतारने का फैसला ले लिया।

बढ़ गई थी चुनौती

तान्या भाटिया के अनुसार निर्देशक अनिल चावला की ओर से यह निर्देश मिलने पर उनकी चुनौती बढ़ गई थी। उनके पास कैकेयी के संवाद का एक आध बार रिहर्सल का भी समय नहीं था, क्योेंकि दिन में तो उन्हें अपने कार्यालय जाना होता है। दूसरा जीवन में कभी भी कैकेयी की भूमिका निभाई ही नहीं। शुरू में तीन साल तक सीता बनी और अब छह साल से कौशल्या बन रही थी और इस बार भी इसी भूमिका की रिहर्सल की थी। चुनौती यह भी थी कि इस बार रामलीला एक चैनल पर लाइव दिखाई जा रही है। इसलिए गलती कर सुधारने की भी कोई गुंजाइश नहीं थी। खैर चूंकि रिहर्सल में सभी साथ रहते हैं और मौनिक उनकी छोटी बहन ही है, इसलिए कैकेयी की भूमिका को बेहद नजदीकी से देख चुकी थी। इसलिए इस चुनौती को स्वीकार कर कैकेयी के रूप में मंच पर उतरने पर हामी भरी और प्रभु राम के भरोसे राम बनवास प्रसंग में कैकेयी की नकारात्मक भूमिका को निभाने में सफल रही।

संगीत शिक्षिका को मिल गई कौशल्या की भूमिका

डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर-14 के सभागार में आयोजित की जा रही रामलीला में चूंकि तान्या भाटिया को कौशल्या की जगह कैकेयी बनना पड़ गया था, इसलिए कौशल्या का किरदार निभाने के लिए भी पात्र की जरूरत थी। निर्देशक अनिल चावला ने इसके लिए 44 वर्षीय संगीत शिक्षिका दिव्या वशिष्ठ का चयन किया। दिव्या वशिष्ठ ग्रेंड कोलंबस स्कूल सेक्टर-16ए में संगीत व नृत्य शिक्षक हैं, पर रंगमंच पर कभी नहीं उतरी थी। रामलीला से जुड़ाव यह था कि उनकी पुत्री योगंधा वशिष्ठ पिछले कई वर्षों से इसी मंच पर सीता की भूमिका निभाती आ रही हैं।

दिव्या वशिष्ठ के अनुसार उनके लिए तो यह मुश्किल घड़ी थी, क्योंकि सिर्फ आधा दिन ही मिला था तैयारी के लिए। इस चुनौती को प्रभु राम के भरोसे स्वीकार किया। उनकी मदद की राम बनने वाले मोहित वशिष्ठ ने। राम-बनवास प्रसंग में राम-कौशल्या का आमने-सामने का संवादों से भरा हुआ किरदार है। इसलिए मोहित वशिष्ठ ने दिन में घर पहुंच कर उनके साथ रिहर्सल की। दिव्या वशिष्ठ इस तरह से पहली ही बार में अपनी भूमिका को सार्थक करने में सफल रही। तान्या भाटिया और दिव्या वशिष्ठ को सफल भूमिका निभाने के लिए दर्शकों से खूब दाद भी मिली।

मुंबई में आरके स्टूडियो में दिखा चुके हैं कला

श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी के कलाकार 2017 में मायानगरी मुंबई में स्थित प्रसिद्ध आरके स्टूडियो में कपूर परिवार व अन्य फिल्मी हस्तियों के समक्ष रामलीला मंचन कर चुके हैं। गत वर्ष दिल्ली के जश्न-ए-रेख्ता में भी रामलीला का मंचन इस कमेटी ने कर सुर्खियां बटोरी थी। बता दें कि इस कमेटी के मंच पर महिला किरदारों को महिलाएं ही निभाती हैं।

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