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व्यापारी ने बनाया देश-विदेश के पुराने सिक्कों का करेंसी म्यूजियम, लिम्का बुक में दर्ज है नाम

सिंघल ने 30 जून 2018 को तत्कालीन उद्योग मंत्री विपुल गोयल की सलाह पर काेइन एंड करेंसी म्यूजियम की स्थापना की थी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 05:36 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 05:36 PM (IST)
व्यापारी ने बनाया देश-विदेश के पुराने सिक्कों का करेंसी म्यूजियम, लिम्का बुक में दर्ज है नाम
व्यापारी ने बनाया देश-विदेश के पुराने सिक्कों का करेंसी म्यूजियम, लिम्का बुक में दर्ज है नाम

फरीदाबाद [ओम प्रकाश पांचाल]। तेल और मसालों के व्यापारी सतीश सिंघल का काम हर समय 99 के फेर में ही पड़े रहने का है, पर उनका जो शौक है, वो भी माया के इर्दगिर्द ही है। औद्योगिक जिले के सेक्टर-16 निवासी सतीश सिंघल के पास देश-विदेश के हजारों सिक्कों का वर्ष 1808 से लेकर 2019 तक का अनोखा संग्रह है। सतीश सिंघल ने इस अनोखी करेंसी का म्यूजियम भी बना रखा है।

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सिंघल ने 30 जून 2018 को तत्कालीन उद्योग मंत्री विपुल गोयल की सलाह पर काेइन एंड करेंसी म्यूजियम की स्थापना की थी। इस शौक ने उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड व लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में भी दर्ज है।

सतीश सिंघल के पास यूके, यूएसए, डेनमार्क, आस्ट्रेलिया, मलेशिया, पाकिस्तान, बंगलादेश, श्रीलंका, इटली जैसे 55 देशों के सिक्कों का संग्रह है। अमेरिका के 50 प्रदेश के 50 सिक्के जिन पर उस राज्य का नाम और वह राज्य कब अमेरिका में शामिल हुआ था, इसके अलावा सिक्कों पर उस राज्य का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह और सिक्का कब ढला था यह भी अंकित है। पुराने भारतीय सिक्के जैसे की 1/12 आना (पाई), आधा आना (धेला), एक आना, दो आना, चार आना, आठ आना, 1/2 पैसा, एक पैसा (छेद वाला सिक्का), दो पैसे से 1000 रुपये का सिक्का भी म्यूजियम की शोभा बढ़ा रहें हैं।

भारत सरकार द्वारा विशेष दिवस पर स्मारक सिक्के जारी किए जाते हैं। इन पर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राष्ट्रपिता, राष्ट्रीय पक्षी फूल और बड़ी बड़ी हस्तियों के विशेष आयोजन के प्रतीक चिन्ह वाले सिक्के भी शामिल है। जिन्हें स्मारक सिक्के कहते हैं। 12 नवंबर 2017 को दिल्ली के सिरीफोर्ट सभागार में वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर स्टेज 2017 के कार्यक्रम में टॉप 100 नेशनल रिकार्ड होल्डर अवार्ड से सतीश सिंघल, धर्म पत्नी वंदना गुप्ता और पुत्र आयुष सिंघल को सम्मानित किया गया।

मार्च 2014 में पहली बार लिम्का बुक आफ रिकार्ड में 20 पैसे के 19 प्रकार के सिक्के और 2 रुपये के 43 तरह के सिक्कों को मान्यता दी गई। परन्तु अब 2 रुपये के सिक्के 51 प्रकार के हैं। 6 मार्च, 2014 को इंडिया बुक रिकार्ड में 5 रुपये के 51 सिक्के और 2 रुपये के 44 तरह के संग्रह को सम्मिलित किया गया। अब 5 रुपये के 76 सिक्के हैं । 4 जून, 2014 को 20 पैसे के 19 प्रकार के सिक्के रिकार्ड में दर्ज किया गया।

50 पैसे के सिक्कों को 14 मई 2015 में इंडिया बुक आफ रिकार्ड और 30 जुलाई 2015 लिम्का बुक रिकार्ड में 60 प्रकार के सिक्कों को अपने रिकार्ड में वंदना गुप्ता के नाम से लिखा है। अब यह रिकार्ड 62 सिक्कों का है। 25 पैसे के सिक्कों को 14 मई 2015 में इंडिया बुक आफ रिकार्ड और 16 सितंबर 2015 लिम्का बुक रिकार्ड में 50 प्रकार के सिक्कों को अपने रिकार्ड में आयुष सिंघल के नाम से लिखा है। 14 मई 2015 को 10 रुपये के 16 वैरायटी के सिक्के इंडिया बुक आफ रिकार्ड में 14 मई 2015 को दर्ज किया और इसी श्रृंखला में लिम्का बुक आफ रिकार्ड 2101 सिक्के 16 प्रकार के दर्ज किए गए। जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। अब 10 रुपये के सिक्के 31 प्रकार के 2501 हैं।

सन् 1862 मे भारत-ब्रिटिश सरकार ने सिक्कों की पहली सीरिज शुरु की गई और इस सीरिज का एक सिक्का दो आना चांदी का बना हुआ है, जो कि मेरे पास है। छह प्रकार के रिकार्ड (1 पैसा 20 प्रकार के, 2 पैसे 13 प्रकार के , 3 पैसे 4 प्रकार के, 5 पैसे 16 प्रकार के, 10 पैसे 44 प्रकार के और 1 रुपये के 90 प्रकार के सिक्कों के रिकार्ड) के लिए इन्हें लिम्का बुक आफ रिकार्ड और इंडिया बुक आफ रिकार्ड ने आमंत्रित किया गया हैं। इन सभी उपलब्धियों के सर्टिफिकेट अब म्यूजियम में आ चुके हैं।

इस सभी संग्रह के कारण इन्हें वर्ल्ड रिकार्ड स्टेज 2017 पर इनके पूरे परिवार को सम्मानित किया गया। पेपर करेंसी के संग्रह की शुरुआत होती है 000001 नंबर वाले नोट से इसी श्रृंखला में आगे क्रमानुसार 000002, 000003 की सीरिज वाले 000101 तक वाले नोट हैं। इसी तरह 000010, 000020 की सीरिज वाले 000100 तक के नोट हैं। उनके पास नोटों की विभिन्न सीरिज हैं।

000100, 000200, 000300……………….………001000

001000, 002000, 003000 ……………….………010000

010000, 020000, 030000………….…….………100000

100000, 200000, 300000…………..…….………1000000

102020, 102030, 102040………………….………102080

000001, 000011, 000021………………….………000091

000002, 000012, 000022……………………….…000092

000003, 000013, 000023………………….………000093

000004, 000014, 000024……………………….…000094

000005, 000015, 000025……………………….…000095

000006, 000016, 000026……………………….…000096

ये पूरी सिरीज संग्रहालय की शोभा बढ़ा रही है। सीरीज का आखिरी नोट सात डिजिट का होता है वो भी इनके पास है यह संग्रह यहीं पर समाप्त नही होता है। अभी तो इनके पास छह इक्के, छह दुक्की, छह, तिक्की , छह नौ मतलब 111111, 222222, 333333, 999999 नोट भी धरोहर में हैं। 1 रुपये के पेपर करेंसी नोट में 1940 से 2019 तक के सभी भारत के वित्त सचिव के हस्ताक्षर के नोट भी इस म्यूजियम की शान बढ़ा रहे हैं।

इसी प्रकार 2 रुपये से 2000 तक के नोट भी अलग अलग भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर वाले नोट भी इस म्यूजियम की धरोहर हैं। 500 रुपये के 500000, 999999, 1000000 स्पेशल नंबर के नोट भी हैं। 000786, 0786000, 786000, जैसे नंबर के नोट भी इनके पास हैं 100 रुपये, 10 रुपये और 5 रुपये के पुराने बड़े साइज के नोट भी है। 1000 रुपये 100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये, 10 रुपये, 1 रुपया, 50 पैसे, 25 पैसे, और 2 आने के सिक्के चांदी मिश्रित भी इनके रिकार्ड में शामिल हैं।

दोषपूर्ण नोटों की भी एक अलग दुनिया है, अगर इसे देखेंगे तो अचरज में पड़ जाएंगे। कोई नोट खराब हालत में (मार्किट में ना चलने की स्थिति ) और भी बहुत किस्म-किस्म के सिक्के और नोट म्यूजियम में रखे हुए हैं। इस म्यूजियम की विशेषता यह है कि कोई भी सिक्का और रुपये प्रीमियम पर नहीं खरीदा गया है।

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