Coronavirus: अब सभी लोगों की फ्री में नहीं होगी कोरोना की जांच, सरकार ने निर्धारित किया शुल्क
उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सामान्य लोगों को अपने निजी कार्यों के लिए जांच कराने पर शुल्क भरना पड़ेगा। गर्भवती आवश्यक सर्जरी वाले मरीज फ्लू कॉर्नर के डॉक्टर की सलाह पर कैदी आर्थिक रूप से कमजोर लोग की निशुल्क जांच की जाएगी।
फरीदाबाद [अभिषेक शर्मा]। कोरोना जांच के लिए अब आमजनों को अपनी जेब ढीली करनी होगी। सरकार ने कोरोना जांच का शुल्क निर्धारित कर दिया है। केवल चिकित्सा कारण वाले मरीजों की ही नि:शुल्क जांच होगी। इसे लेकर स्वास्थ्य निदेशालय ने निर्देश भी जारी किए हैं। स्वास्थ्य विभाग की अभी तक हो रही कोरोना जांच नि:शुल्क ही है। इसके चलते हर कोई व्यक्ति अपनी जांच कराने के लिए नागरिक अस्पताल सहित विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंच रहा है।
इस दौरान जिनमें कोरोना संक्रमण से संबंधित लक्षण होते हैं, उनके अलावा लोग निजी कारणों से भी कोरोना की जांच करा रहे हैं। जैसे किसी को अन्य राज्यों में घूमने जाना है, विदेश यात्रा, शिक्षण संस्थानों में दाखिला कराना है। इसके लिए कोरोना जांच की रिपोर्ट जरूरी है। इसके अलावा इन दिनों में दिन और रात के मौसम में अंतर होने लगा है। इसके चलते वायरल बुखार एवं जुकाम, खांसी के मरीज भी बढ़ गए हैं। यह लोग डॉक्टर के परामर्श के बिना जांच कराने के लिए नागरिक अस्पताल की आइडीएसपी (इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोग्राम) लैब में जांच कराने के लिए पहुंच जाते हैं।
अब ऐसे को व्यक्तियों को जांच कराने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा। स्वास्थ्य निदेशालय के अनुसार यह लोग स्वस्थ होते हैं और कोरोना के लिए सैंपल देने के दौरान संक्रमित के संपर्क में आकर संक्रमण की आशंका रहती है और इस फैसले से संक्रमितों की संख्या में कमी आएगी।
यह दर की गई हैं निर्धारित
- आरटीपीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिक्एशन) जांच के लिए 1600 रुपये।
- रेपिड एंटीजन जांच के लिए 650 रुपये।
- एलाइजा टेस्ट (एंटी बॉडी पता लगाने) के लिए 250 रुपये।
कम होने लगी संख्या
कोरोना जांच के लिए शुल्क निर्धारित करने से बृहस्पतिवार को संख्या भी आधी दिखी। लैब टेक्नीशियन सतपाल के अनुसार पहले रोजाना 600 के करीब रोजाना सैंपल होते थे, लेकिन यह संख्या 350 दर्ज की गई।
उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.रामभगत ने बताया कि सामान्य लोगों को अपने निजी कार्यों के लिए जांच कराने पर शुल्क भरना पड़ेगा। गर्भवती, आवश्यक सर्जरी वाले मरीज, फ्लू कॉर्नर के डॉक्टर की सलाह पर, कैदी, आर्थिक रूप से कमजोर लोग की नि:शुल्क जांच की जाएगी। सरकार की ओर से जो आदेश हैं, उन्हें लागू भी करवा दिया गया है।
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