फरीदाबाद (सुशील भाटिया। शहर की धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं का सामूहिक संगठन फरीदाबाद धार्मिक एवं समाजिक संगठन का विवाद गहरा गया है। नगर निगम ने बुधवार को दशहरा ग्राउंड में स्थित संगठन के मुख्यालय पर ताला लगाकर इसे सील कर दिया। मंगलवार को जिला परिवाद एवं कष्ट निवारण समिति की उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में समिति के सदस्य और इस मामले में एक पक्ष कार आनंदकांत भाटिया ने संगठन के कामकाज में अनियमितताएं और सरकारी जमीन का दुरुपयोग होने की शिकायत रखी थी। बैठक में जिला उपायुक्त और निगमायुक्त यशपाल यादव भी मौजूद थे।
इस शिकायत के बाद ही नगर निगम की ओर से यह कार्रवाई की गई है। मौके पर मौजूद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान, एसडीओ जीतराम और जेई सुमेर सिंह के साथ नगर निगम कर्मचारियों ने उस हाल के प्रत्येक कमरे को सील कर दिया जिस हाल का उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने 9 सितंबर 2018 को किया था।
संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान ने बताया कि सीलिंग की कार्रवाई निगम आयुक्त यशपाल यादव के आदेश पर की गई है, उन्होंने बताया कि पहले यह जमीन पुनर्स्थापना विभाग की थी, जिसे नगर निगम को हस्तांतरित किया गया था। नगर निगम की योजना शाखा के अनुसार आज भी यह जमीन नगर निगम के पास है और फरीदाबाद धार्मिक सामाजिक संगठन का जो भवन बना हुआ है, वो अवैध है।
यह है विवाद
शिकायत करने वाले आनंदकांत भाटिया का कहना है कि नगर निगम मुख्यालय से बिल्कुल सटे हुए संगठन का मुख्यालय सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बना हुआ है। संगठन के पदाधिकारियों की ओर से पिछले लंबे समय से संस्था का कोई हिसाब किताब नहीं रखा जा रहा और लगातार अनियमितताएं बढ़ती जा रही हैं। फरीदाबाद धार्मिक सामाजिक संगठन की स्थापना वर्ष 1983 में हुई थी। आनंदकांत के अनुसार मौजूदा प्रधान जोगिंदर चावला और चेयरमैन कंवल खत्री गलत तरीके से संस्था के पदों पर काबिज हुए हैं। जब संस्था की चेयरमैन डा.राधा नरूला का गत वर्ष निधन हुआ, तो उनकी स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में ही पदाधिकारी चुन लिए गए। यह ग़लत परंपरा है।
दूसरी ओर संगठन के प्रधान जोगिंदर चावला ने कहा कि यह मामला कोर्ट में लंबित है और कल इस मामले पर सुनवाई भी होनी है। उन्हें प्रशासन से कोई शिकायत नहीं है संभवतया कहीं कोई गलतफहमी हुई है।
जोगिंदर चावला ने आनंद कांत द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया, साथ ही कहा कि उन्हें सिर्फ फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन ही अवैध दिखता है, जबकि शहर में कई और संस्थाएं कब्जा करके बैठी हुई हैं। जोगिंदर चावला ने यह भी कहा कि उनके पास अलॉटमेंट लेटर भी है।
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