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कोरोना का नीम से क्या संभव है इलाज, ESIC मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर करेंगे शोध

आयुष मंत्रालय का मानना है कि नीम कोरोना के इलाज में कारगार साबित हो सकती है। इसके चलते नीम पर शोध करने का फैसला लिया गया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 05:43 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 05:43 PM (IST)
कोरोना का नीम से क्या संभव है इलाज, ESIC मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर करेंगे शोध
कोरोना का नीम से क्या संभव है इलाज, ESIC मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर करेंगे शोध

फरीदाबाद [अभिषेक शर्मा]। ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज में कोरोना पर नीम के प्रभाव को जानने के लिए शोध शुरू की गई है। इस शोध में मेडिकल कॉलेज के कोविड ड्यूटी में तैनात 250 कर्मचारियों को शामिल किया गया है। यह शोध केंद्रीय सरकार के अधीनस्थ अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान सहयोग से किया जा रहा है। चयनित स्टाफ में डाक्टर, नर्सिंग स्टाफ, हाउसकीपिंग, सुरक्षाकर्मियों सहित कई को शामिल हैं। यदि शोध के परिणाम सकारात्मक आते हैं, तो कोरोना के मरीजों का इलाज नीम से भी इलाज संभव हो पाएगा।

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कोरोना वायरस के संक्रमण का अभी तक सफल इलाज नहीं मिला है। मरीजों को एलोपैथिक दवाओं के साथ आयुर्वेदिक काढ़ा एवं भाप जरिए मरीजों का इलाज किया जा रहा है। आयुष मंत्रालय का मानना है कि नीम कोरोना के इलाज में कारगार साबित हो सकती है। इसके चलते नीम पर शोध करने का फैसला लिया गया है। नीम में एंटीबायोटिक तत्व काफी मात्रा में होते हैं।

28 दिनों तक की दी जाएगी गोली

शोध में शामिल किए गए डाक्टर एवं अन्य कर्मचारियों को 28 दिन तक नीम की गोलियों की 56 खुराक दी जाएगी। इस दौरान इन कर्मचारियों की नाक एवं मुंह से सैंपल लेकर कोरोना जांच की जाएगी। यदि कोई पाजिटिव पाया जाता है, तो संबंधित व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस के प्रभाव की जांच की जाएगी। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सर्वे में शामिल संक्रमित व्यक्ति में वायरल लोड कम होगा।

रक्त की भी होगी जांच

शोध शामिल कर्मचारियों रक्त की जांच की जाएगी। इसमें सीबीसी, आरबीसी और डब्ल्यूबीसी के अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता की भी जांच की जाएगी। इसमें देखा जाएगा कि नीम गोलियां लेने के बाद संबंधित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर क्या प्रभाव पड़ा। वहीं एंटीबाडी और ईसीजी जांच भी की जाएगी।

कोरोना के मरीजों को भी शामिल किया जाएगा

इस शोध में अभी केवल मेडिकल कॉलेज के स्टाफ को ही शामिल किया गया है। इसमें कोरोना के मरीजों को भी शामिल किए जाने की योजना है। इसमें 30 मरीजों को शामिल किया जा सकता है। इन्हें भी नीम की गोलियां उपचार के दौरान दी जाएगी।

इन्हें सौंपी गई है जिम्मेदारी

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की आयुष निदेशक डॉ. तनुजा, डॉ. गालिब और डॉ. एस राज गोपाल और ईएसआइसी मेडिकल कालेज से डीन डॉ. असीम दास, रजिस्ट्रार डॉ. एके पांडे और डॉ. अंजू को शामिल किया गया।

रजिस्ट्रार डॉ. एके पांडे ने कहा कि हमने कोरोना पर नीम के प्रभाव को जानने के लिए शोध शुरू कर दी है और इनमें 250 स्टाफ को शामिल किया गया है। शोध के दौरान वाली रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्य प्रणाली तय की जाएगी।

आयुर्वेद फिजीशियन डॉ.अंजू भारद्वाज ने कहा कि डीन डॉ.असीम और डॉ. एके पांडे के नेतृत्व में मुझे शोध की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नीम के सकारात्मक के परिणाम देखने को मिल सकता है।


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