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ग्रामीण क्षेत्र में गहराया पेयजल संकट, पृथला क्षेत्र के गांवों का पानी खारा

पृथला विधानसभा क्षेत्र के आधा दर्जन से ज्यादा गांव ऐसे है। जहां पानी की काफी किल्लत हो रही है। ग्रामीण खरीदकर पानी पी रहे हैं।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 05:54 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 05:54 PM (IST)
ग्रामीण क्षेत्र में गहराया पेयजल संकट, पृथला क्षेत्र के गांवों का पानी खारा
ग्रामीण क्षेत्र में गहराया पेयजल संकट, पृथला क्षेत्र के गांवों का पानी खारा

बल्लभगढ़, सुभाष डॉगर। पृथला विधानसभा क्षेत्र के आधा दर्जन से ज्यादा गांव ऐसे हैं, जहां इन दिनों पेयजल संकट गहरा गया है। ग्रामीण खरीदकर पानी पी रहे हैं, तो स्नान व कपड़े धोने के लिए टैंकरों से पानी मंगवाते हैं। हालांकि, यहां पेयजल संकट दूर करने के लिए सरकार ने 2.81 करोड़ रुपये की लागत से रेनीवेल परियोजना शुरू की है। इसमें यमुना किनारे ट्यूबवेल लगाकर पानी पाइपलाइन से लाकर गांव भनकपुर के बूस्टर में भंडारण किया जाएगा। इसके बाद गांवों में आपूर्ति होगी। ग्रामीणों को इस परियोजना के पूरी होने का इंतजार है। उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी प्यास बुझ सकेगी।

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करोड़ से चल रहा है परियोजना पर काम

गांव सिकरौना

गांव सिकरौना की आबादी 2500 है। गांव का भूजल खारा है। पेयजलापूर्ति गांव करनेरा से होती है। आए दिन आंधी आने से रोजाना बिजली लाइन में फॉल्ट होते हैं। इससे गांव के लोग पेयजल खरीद कर पीते हैं। गांव फिरोजपुर कलां के ग्रामीण गांव में टैंकरों से पेयजलापूर्ति करते हैं।

कबूलपुर बांगर

गांव कबूलपुर बांगर की आबादी 2000 है। यहां लोग पशुओं को पानी पिलाने और नहलाने के लिए 250 से 300 रुपये प्रति टैंकर पानी गांव लोहसिंघानी से खरीद कर मंगाते हैं। यहां का पानी कड़वा है, जिसे पीकर लोग बीमार हो जाते हैं। आरओ का पानी खरीद कर पीते हैं। फिरोजपुर कलां से पेयजल खरीदते हैं। गांव का पानी इतना खारा है कि पशु भी पीकर बीमार हो जाते हैं। पशुओं के लिए भी टैंकरों से पानी मंगाना पड़ता है।

राम निवास, सिकरौना बोले की गांव की पंचायत ने दो ट्यूबवेल लगवाए हैं। एक खराब रहता है और एक के जरिए पानी की आपूर्ति होती रहती है। देवीराम, सिकरौना ने कहा कि गांव में खारे पानी को दूर करने के लिए रेनीवेल योजना के तहत पाइपलाइन डाली जा रही है। पंचायत गांव में मीठा पानी उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश में है।

शीलता गुरुदत्त ठोंडा, सरपंच सिकरौना गांव में पेयजल संकट दूर करने के लिए सरकार ने रेनीवेल योजना की घोषणा की है। योजना का पानी कब तक आएगा, कुछ कह नहीं सकते।

भोपाल सिंह, कबूलपुर बांगर बोले की रेनीवेल योजना के तहत गांव में पाइपलाइन डालने का काम शुरू है। यदि योजना पूरी तरह से शुरू भी हुई, तो कम से कम एक वर्ष लगेगा।

भनकपुर के रहने वाले वेदराम कहते हैं कि नहाने और भोजन पकाने के लिए पानी खरीद लाते हैं। रेनीवेल योजना के तहत गांव में पाइपलाइन डालने का काम शुरू है। गांव में भी लाइन पड़ेगी। जल्द पेयजल किल्लत दूर होगी। कल्पना, सरपंच कबूलपुर बांगर गांव का पानी खारा होने से उससे न तो नहा सकते हैं और न ही कपड़े धो सकते हैं। दूसरे गांवों से पानी आने में ही एक घंटा लग जाता है।

सचिन मतोडिया, सरपंच भनकपुर गांव में पहले से ही पानी दूसरी जगह से आता है। गांव की पंचायत ने पहले भी बूस्टर बनवाया था, तब पानी गांव डीग से आता था। अब गांव फतेहपुर तगा से आता है। इससे परेशानी लगातार बनी है।

हरीचंद, भनकपुर ने कहा कि गांव की पेयजल समस्या दूर कराने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग को दो एकड़ जमीन दी है। यहां बूस्टर बन रहा है। रेनीवेल योजना से पहले जल भंडारण और फिर पाइपलाइन से आपूर्ति होगी। अभी इसमें एक वर्ष लग सकता है। 

गांव भनकपुर

गांव भनकपुर की आबादी करीब 3.50 हजार है। यहां पेयजलापूर्ति के लिए पंचायत ने जन स्वास्थ्य विभाग को दो एकड़ जमीन बूस्टर बनाने के लिए निशुल्क दी है। यहां बूस्टर बनाने का काम जारी है। पेयजलापूर्ति के लिए पंचायत ने 10 किलोमीटर दूर गांव फतेहपुर तगा में गुरुग्राम नहर किनारे ट्यूबवेल लगाया है। दूर से जलापूर्ति होने से अक्सर पाइपलाइन टूट जाती है। आंधी से बिजली के खंभे गिर जाते हैं। इससे लोगों को पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ता है।

भनकपुर में रेनीवेल परियोजना के तहत बनाया जा रहा पेयजल बूस्टर

रेनीवेल योजना के तहत पृथला के दर्जन भर गांवों में पेयजलापूर्ति होगी। यहां 2.81 करोड़ रुपये की लागत से काम चल रहा है। पलवल के कार्यकारी अभियंता की देखरेख में काम हो रहा है। अभी इसमें करीब एक वर्ष लग सकता है। दीपेंद्र राज, कार्यकारी अभियंता, स्वच्छ जलापूर्ति अभियांत्रिकी विभाग, फरीदाबाद

लॉकडाउन से रेनीवेल योजना का काम लटका है। अगले तीन महीने में योजना का काम पूरा हो जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का योजना पर खास ध्यान है। क्षेत्र के गांवों की पेयजल समस्या काफी गंभीर है।


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