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औद्योगिक नगरी में शुरू हुई बाल भिक्षुक मुक्त फरीदाबाद योजना

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मंगलेश कुमार चौबे ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा जिले के संबंधित गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से बाल भिक्षुक मुक्त फरीदाबाद योजना का संचालन पहले से ही शुरू किया जा चुका है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 04 Sep 2021 03:46 PM (IST)Updated: Sat, 04 Sep 2021 03:46 PM (IST)
औद्योगिक नगरी में शुरू हुई बाल भिक्षुक मुक्त फरीदाबाद योजना
औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में बाल भिक्षुक मुक्त फरीदाबाद योजना शुरू हुई है।

फरीदाबाद [सुशील भाटिया]। औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में बाल भिक्षुक मुक्त फरीदाबाद योजना शुरू हुई है। ऐसा करने वाला फरीदाबाद देश का पहला जिला होगा। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मंगलेश कुमार चौबे ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा जिले के संबंधित गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से बाल भिक्षुक मुक्त फरीदाबाद योजना का संचालन पहले से ही शुरू किया जा चुका है परंतु इस स्कीम के क्रियान्वयन में आड़े आ रही कुछ समस्याएं प्राधिकरण के नोटिस में आई है।

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यह है सजा का प्रावधान

उन्होंने बताया कि जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटक्शन आफ चिल्ड्रन एक्ट-2015 की धारा-76 के तहत बच्चों को भीख मांगने के कार्य में लगाने अथवा प्रयोग करने का दोषी पाए जाने पर किसी भी संबंधित व्यक्ति को 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। इस प्रकार के बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करके उनके पुनर्स्थापना हेतु गार्जियन अथवा कस्टोडियन नियुक्त करके स्थिति को नियंत्रित किया जाता है। ऐसे बच्चों के पुनर्स्थापन कार्य के लिए जिला विधिक सेवाए प्राधिकरण टीम की आवश्यक सहायतार्थ ड्यूटी बाउंड स्पेशल जुवेनाइल पुलिस ऑफिसर (एसजेपीओ) की नियुक्ति का भी प्रावधान है।

तुरंत कार्रवाई के दिए गए हैं निर्देश

इस संबंध में किसी भी पुलिस थाना द्वारा बरते जाने वाला असहयोग का रवैया एवं लापरवाही प्राधिकरण द्वारा इस संबंध में जारी पत्र की अवमानना तथा संबंधित अधिनियम का उल्लंघन है जो कि गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। मंगलेश कुमार चौबे ने बताया कि इन परिस्थितियो में जिला के सभी एसजेपीओज को प्राधिकरण की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि वे इस प्रकार के बच्चे के पुनर्स्थापन कार्य में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की टीम को सहयोग दें और जो भी दोषी व्यक्ति इस प्रकार से बच्चों को भीख मांगने के लिए बाध्य करते हैं या काम पर रखते हैं तो उनके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करें।


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