लेखा शाखा में गड़बड़झाले पर सदन की बैठक में होगा हंगामा
नगर निगम सदन की आठ महीने बाद तीन नवंबर को होने वाली बैठक में जबरदस्त हंगामा होने की उम्मीद है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : नगर निगम सदन की आठ महीने बाद तीन नवंबर को होने वाली बैठक में एक तरफ लेखा शाखा के गड़बड़झाले पर हंगामा होगा, वहीं कई पार्षद मांग करेंगे कि गड़बड़झाले में शामिल अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाए। पार्षद मौजूदा अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर आवाज बुलंद करेंगे, जिनकी लापरवाही के चलते शहर में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। 30 करोड़ के बदले 80 करोड़ का हुआ था भुगतान
नगर निगम सदन की पिछली बैठक तीन मार्च को हुई थी। उस वक्त बैठक में पेयजल और अवैध निर्माण के मुद्दे उठाए गए थे। कई पार्षद इन मुद्दों के साथ ही इस बार सीवर लाइनों के जाम होने का मुद्दा उठाएंगे। बड़ा मुद्दा लेखा शाखा में कई करोड़ के गड़बड़झाले का है। पार्षद दीपक चौधरी, महेंद्र सिंह तथा सुरेंद्र अग्रवाल ने नगर निगम की लेखा शाखा से वर्ष 2017 से 2019 तक किए गए विकास कार्यों का ब्योरा मांगा था। यह भी जानकारी मांगी थी कि इस अवधि में किस ठेकेदार को निगम ने कितना भुगतान किया है। जो जानकारी मिली, उसमें यह बात सामने आई कि 30 करोड़ के काम के बदले 80 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। कई वार्डों में बिना काम के ही ठेकेदार को मोटा भुगतान किया गया था। इसके बाद 16 अगस्त को लेखा शाखा कार्यालय में आग लग गई थी। मामले की जांच हुई तो इसमें यह बात सामने आई कि यहां रिकार्ड को नष्ट करने को आग लगाई गई है। पार्षदों की मांग है कि वर्ष 2017 से 2019 तक यहां रहे निगम के बड़े अफसरों के खिलाफ भी जांच की जानी चाहिए। नगर निगम में संशोधित फाइलों के नाम पर ठेकेदारों को मोटा भुगतान किया गया है। इस मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
-दीपक चौधरी, पार्षद। कोरोना संकट के चलते बैठक आयोजित करने में देरी हुई है। नगर निगम क्षेत्र के अलग-अलग वार्डों में विकास कार्य चल रहे हैं। हम पार्षद साथियों के मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं।
-सुमन बाला, महापौर।