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दोनों आरोपित सबूतों के अभाव में बरी

बहुचर्चित बुढ़ैना हत्याकांड के मुख्य आरोपित ब्रह्मजीत की तीन साल के बाद दोनों मुख्य आरोपितों को बरी कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 08:45 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 08:45 PM (IST)
दोनों आरोपित सबूतों के अभाव में बरी
दोनों आरोपित सबूतों के अभाव में बरी

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : बहुचर्चित बुढ़ैना हत्याकांड के मुख्य आरोपित ब्रह्मजीत की तीन साल पहले हुई हत्या के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नाजर सिंह की अदालत ने दोनों आरोपितों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। ब्रह्मजीत के जिगरी दोस्त राजीव भाटी व उसकी सहयोगी स्वाति सेठी पर हत्या का आरोप लगा था। इस मामले में फरीदाबाद के सेंट्रल थाने में मुकदमा दर्ज था। पीड़ित पक्ष फैसले से असंतुष्ट

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पीड़ित पक्ष ने फैसले पर असंतुष्टि जाहिर की है। पीड़ित पक्ष के वकील जसवीर भड़ाना ने बताया कि उन्हें इस मुकदमे में पुलिस की जांच व कार्रवाई पर पहले से ही शक था। इस मामले में उन्होंने हाई कोर्ट में शिकायत भी कर रखी है। अब फैसले का अध्ययन कर हाई कोर्ट में अपील दायर करेंगे। उधर बचाव पक्ष के वकील प्रशांत यादव ने बताया कि दोनों को इस केस में फंसाया गया है। उन्होंने अदालत में यह सबूत पेश किए कि ब्रह्मजीत का शव राजीव और स्वाति की निशानदेही पर बरामद नहीं हुआ था, बल्कि पुलिस एक दिन पहले घटनास्थल पर मौजूद थी। इस आधार पर अदालत ने उनके मुवक्किल को बरी कर दिया। पुराने दोस्त थे ब्रह्मजीत और राजीव

बता दें कि 24 मार्च 2018 को पुलिस को होडल (पलवल) में राजीव के फार्म हाउस में 10 फुट जमीन में दबा एक शव गली-सड़ी अवस्था में मिला था। तब यह बताया गया था कि यह शव बहुचर्चित बुढ़ैना हत्याकांड के मुख्य आरोपित ब्रह्मजीत का है। इस केस में आरोपित राजीव भाटी मुनीरगढ़ी पलवल का निवासी है और प्रापर्टी डीलर का काम करता था। फरीदाबाद व गुरुग्राम में उसका कार्यालय भी था। ब्रह्मजीत से उसकी पुरानी दोस्ती थी। राजीव की ब्रह्मजीत के गांव बुढ़ैना में ससुराल है। दोनों मिलकर प्रापर्टी खरीद फरोख्त का काम करते थे। जवाहर नगर कैंप पलवल निवासी स्वाति सेठी कई साल से राजीव के साथ काम करती थी। ब्रह्मजीत के स्वजन के अनुसार आरोपित ने 10 करोड़ की देनदारी से बचने के लिए हत्या की साजिश रची थी। वहीं पुलिस ने कहानी बताई थी कि राजीव को तीन-चार महीने पहले ब्रह्मजीत ने थप्पड़ मार दिया था। उसका बदला लेने के लिए उसने हत्या की थी।

गौरतलब है कि 27 फरवरी 2018 को ब्रह्मजीत सेक्टर-11 मिलन वाटिका के सामने से लापता हुआ था। सीसीटीवी में वह लाल रंग की ब्रेजा कार में बैठकर जाता दिखा था। पुलिस ने दावा किया कि वह कार राजीव की थी। पुलिस के मुताबिक शव दफन करने के बाद उन्होंने कार को जयपुर राजस्थान में ले जाकर फूंक दिया था। वहीं जिस पिस्तौल से गोली मारी, उसे आगरा नहर में फेंक दिया था। मामले की जांच पुलिस की मिसिग सेल को सौंपी गई थी। तत्कालीन मिसिग सेल प्रभारी इंस्पेक्टर सतेंद्र रावल मामले की जांच में जुटे हुए थे। उनका कहना है कि सभी एंगल पर जांच करने के बाद आखिर शक की सुई राजीव भाटी पर टिक गई थी। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने सच उगल दिया था। सतेंद्र रावल इस वक्त गुरुग्राम में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस की तरफ से पर्याप्त सबूत पेश किए गए थे। अब आर्डर की स्टडी कर हाई कोर्ट में मामले की पैरवी की जाएगी।


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