Move to Jagran APP

निक्के पैसे दी हेराफेरी करणी नहीं, ते असलूता नूं छडो न

मिल्खा सिंह अपने पूरे जीवन में कड़ी मेहनत की बदौलत उपलब्धियां हासिल की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 07:43 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 07:43 PM (IST)
निक्के पैसे दी हेराफेरी करणी  नहीं, ते असलूता नूं छडो न
निक्के पैसे दी हेराफेरी करणी नहीं, ते असलूता नूं छडो न

सुशील भाटिया, फरीदाबाद : मिल्खा सिंह अपने पूरे जीवन में कड़ी मेहनत की बदौलत उपलब्धियां हासिल करने वाले इंसान के रूप में तो जाने ही गए, साथ ही ईमानदार और जिदादिल इंसान भी थे। वर्ष 1967 से लेकर 70 तक चंडीगढ़ के सेक्टर-16 में पड़ोसी रहे प्रदेश के खेल विभाग के पूर्व उपनिदेशक व हरियाणा रणजी टीम के मुख्य प्रशिक्षक रहे सरकार तलवाड़ ने उनके साथ बिताए पलों व उनकी बताई बातों को याद किया।

loksabha election banner

बकौल सरकार तलवाड़, तब मेरी उम्र 20 वर्ष की थी और उनके पिता संत प्रसाद तलवाड़ उद्योग विभाग में अतिरिक्त आयुक्त थे, जबकि मिल्खा सिंह पंजाब सरकार में निदेशक स्कूल खेल थे। दोनों घरों की दीवार एक ही थी और हर शनिवार को यह तय रहता था कि मिल्खा सिंह ने सुबह की चाय पिता जी के साथ पीनी थी। हम सब सत्संगी परिवार से ताल्लुक रखते हैं और मिल्खा सिंह भी ईमानदारी की मिसाल थे। उनका पंजाबी में कहा गया एक कथन याद आता है कि निक्के पैसे दी हेराफेरी करणी नहीं, ते असूलता नूं छडो न अर्थात एक नए पैसे की बेईमानी कभी नहीं करनी और जो सरकार की ओर से नियमानुसार सुविधाएं मिली हुई हैं, उसका पूरा उपयोग करो। इसी तरह से वर्ष 1984 में आपरेशन ब्लू स्टार हो गया। पंजाब-चंडीगढ़ आदि क्षेत्र में क‌र्फ्यू लग गया। देखते ही गोली मारने के आदेश थे। इस दौरान बीसीसीआइ की ओर से नार्थ जोन का अंडर-15 व 17 क्रिकेट टीम का ग्रीष्मकालीन शिविर श्रीनगर में सरकार तलवाड़ के नेतृत्व में लगा था, जबकि पंजाब स्पो‌र्ट्स का शिविर मिल्खा सिंह की निगरानी में आयोजित हुआ था। तब सरकार तलवाड़ की धर्मपत्नी चंद्रिका तलवाड़ भी श्रीनगर कुछ दिनों के लिए पहुंची थी। क‌र्फ्यू लगने की सूरत में उनको वापस जाना था और कोई साधन नहीं था। ऐसे में मिल्खा सिंह से अनुरोध किया गया, तो उन्होंने सहर्ष स्वीकार करते हुए सुरक्षित चंडीगढ़ पहुंचाया गया। सरकार तलवाड़ के अनुसार यह उनकी जिदादिली थी और मेहनती इतने कि इस उम्र में 18 होल तक गोल्फ खेलना। यही उनके लंबे समय तक स्वस्थ रहने का राज था। लक्ष्य को सामने रखा, उम्र नहीं

कारोबारी लक्की सिंह और उनकी धर्मपत्नी भाजपा नेत्री संदीप कौर रीटा ने भी मिल्खा सिंह को शिद्दत से याद किया। संदीप कौर के अनुसार वर्ष 2019 में किसी काम से चंडीगढ़ गए थे, वहां उनके साथ लंच किया और जब उनसे स्वस्थ रहने के टिप्स पर बात की गई, तो उनका जवाब था कि वो अपने लक्ष्य को सामने रखते हैं, उम्र को नहीं। इसलिए लंबे समय तक सफलताएं हासिल की और अब भी उतने ही तंदुरुस्त हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.