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बॉक्स ऑफिस के कर्मी निकले कार्ड क्लोनिग के मास्टर माइंड

फरीदाबाद शहर में एक मल्टीप्लेक्स की टिकट खिड़की (बॉक्स ऑफिस) के दो कर्मी कार्ड क्लोनिग के मास्टर माइंड निकले। वे डेबिट/क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने वाले दर्शकों के कार्ड क्लोन कर खाते साफ कर देते थे। पुलिस ने दोनों को उनके दो साथियों संग गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान पर्वतीय कॉलोनी निवासी नरेंद्र सिंह राहुल सेक्टर-56 निवासी शिवम सिंह और मुकेश कॉलोनी बल्लभगढ़ निवासी हिमांशु तायल के रूप में हुई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 07:23 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 06:35 AM (IST)
बॉक्स ऑफिस के कर्मी निकले
कार्ड क्लोनिग के मास्टर माइंड
बॉक्स ऑफिस के कर्मी निकले कार्ड क्लोनिग के मास्टर माइंड

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : शहर में एक मल्टीप्लेक्स की टिकट खिड़की (बॉक्स ऑफिस) के दो कर्मी कार्ड क्लोनिग के मास्टर माइंड निकले। वे डेबिट/क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने वाले दर्शकों के कार्ड क्लोन कर खाते साफ कर देते थे। पुलिस ने दोनों को उनके दो साथियों संग गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान पर्वतीय कॉलोनी निवासी नरेंद्र सिंह, राहुल, सेक्टर-56 निवासी शिवम सिंह और मुकेश कॉलोनी बल्लभगढ़ निवासी हिमांशु तायल के रूप में हुई है।

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आरोपितों ने कई लोगों के खाते साफ करने की बात कही है, इनमें से पुलिस को केवल पांच मुकदमे दर्ज मिले हैं। आरोपितों को अदालत से पांच दिन की रिमांड पर लिया है, ताकि उनसे अन्य मामलों के बारे में भी पूछताछ की जा सके। इनके कब्जे से पुलिस ने लैपटॉप, क्लोनिग डिवाइस सहित अन्य सामान बरामद किया है।

एसीपी क्राइम अनिल कुमार ने बताया कि इनमें नरेंद्र सिंह और राहुल सेक्टर-12 में एक मल्टीप्लेक्स की टिकट खिड़की पर काम करते थे। वे एक खास तरह की डिवाइस अपने पास रखते थे। जैसे ही कोई दर्शक डेबिट/क्रेडिट कार्ड से भुगतान करता तो वे पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन के साथ ही अपनी डिवाइस में भी उसका कार्ड स्वाइप कर लेते। इससे उस कार्ड का सारा डाटा उनकी डिवाइस में पहुंच जाता। बाद में इस डाटा से वे क्लोन कार्ड तैयार कर लेते। इसके मदद से वे खाते साफ कर देते थे। नरेंद्र और राहुल लोगों के कार्ड डाटा एकत्र करते थे जबकि शिवम और हिमांशु क्लोन कार्ड तैयार करते थे। आरोपित करीब एक साल से इस धोखाधड़ी में लिप्त थे। सभी आरोपित 12वीं पास हैं। ऑनलाइन सजी है ठगी की दुकान

क्राइम ब्रांच डीएलएफ प्रभारी संजीव कुमार ने बताया कि कार्ड क्लोन कर ठगी करने की पूरी दुकान ऑनलाइन सजी हुई है। आरोपितों ने यू-ट्यूब से कार्ड क्लोन करने की प्रक्रिया सीखी। ऑनलाइन शॉपिग साइट से 35 हजार रुपये में क्लोनिग डिवाइस अपने घर पर मंगवाई। ये लोग बेहद आसानी से इस काम को अंजाम दे रहे थे। चूंकि लोग दिन में कई जगह डेबिट/क्रेडिट कार्ड का प्रयोग करते हैं, ऐसे में उन्हें यह पता नहीं चल पा रहा था कि गड़बड़ कहां हुई। पुलिस एक मुखबिर की सूचना के आधार पर आरोपितों तक पहुंची। सावधानी ही बचाव का उपाय

एसीपी क्राइम अनिल कुमार ने बताया कि डेबिट/क्रेडिट कार्ड क्लोन करने वाले ठग कहीं भी हो सकते हैं। किसी शॉपिग मॉल, एटीएम, पेट्रोल पंप, दुकान, मल्टीप्लेक्स या जहां भी पीओएस मशीन से भुगतान होता है। ऐसे में जरूरत है सावधान होने की। उन्होंने बताया कि कार्ड का प्रयोग करते समय यह सुनिश्चित कर लें कि आपका पिन नंबर किसी को पता ना चले। कई बार आस-पास छुपा हुआ कैमरा भी हो सकता है, ऐसे में एटीएम मशीन या पीओएस मशीन पर हाथ से ओट करके पिन नंबर डालना चाहिए। अगर पिन नंबर नहीं होगा तो कार्ड क्लोन होने पर भी कोई आपके खाते से रुपये नहीं निकाल पाएगा।


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