किसान और आगे बढ़े, आज पहुंचेंगे बदरपुर बार्डर
दो दिन से पुलिस की रोक-टोक का सामना कर रहे किसानों के लिए कुछ राहत रही।
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : दो दिन से पुलिस की रोक-टोक का सामना कर रहे किसानों ने शनिवार को राहत महसूस की। झाड़सेतली से किसानों का पैदल मार्च बिना किसी विरोध के आगे बढ़ा और दोपहर बाद हाईवे पर स्थित अजरौंदा मोड़ के पास बसंत वाटिका में डेरा डाला। अब किसान रविवार को दिल्ली के लिए कूच करेंगे और बदरपुर बार्डर पहुंच सकते हैं।
किसान संघर्ष समिति के बैनर तले पलवल से निकले किसानों को गांव झाड़सेतली के रहने वाले प्रगतिशील किसान मंच के जिला अध्यक्ष सत्यवीर डागर व पूर्व पार्षद जगन डागर ने नाश्ता कराया, लड्डू वितरित कराए। किसान के पैदल मार्च की अध्यक्षता वयोवृद्ध करतार सिंह जेलदार दूधौला ने की। किसानों में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव रतन सिंह सौरोत, स्वामी श्रद्धानंद, नरवीर सिंह दलाल, जिला इनेलो अध्यक्ष देवेंद्र चौहान, नरवीर सिंह तेवतिया, पृथला के विधायक रघुबीर सिंह तेवतिया के पुत्र व युवा कांग्रेस नेता तरुण तेवतिया, पराग शर्मा, मास्टर अमीचंद, मास्टर विरेंद्र सिंह, विरेंद्र मान, बबलू हुड्डा, गजना, ब्रजमोहन वशिष्ठ, डीके शर्मा, किशन चहल प्रमुख रूप से शामिल थे। सुरक्षा की ²ष्टि से भारी पुलिस बल के साथ एसडीएम जितेंद्र कुमार, बल्लभगढ़ के नायब तहसीलदार कन्हैया लाल, एससीपी जयवीर राठी, एससीपी अनिल यादव मौजूद थे।
बल्लभगढ़ बस अड्डे के बाहर जब किसान पहुंचे, तो यहां सर्व कर्मचारी संघ व हरियाणा किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारियों में सतपाल नर्वत, नरेश शास्त्री, युद्धवीर खत्री, राजबीर देशवाल, शब्बीर अहमद गनी, रविद्र नागर, कृष्ण कुमार, सुनील चिडालिया ने समर्थन किया।
बता दें कि शुक्रवार को गदपुरी से सीकरी में प्रवेश करते समय किसानों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की थी, पर किसान बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ गए थे और झाड़सेतली पहुंच कर रुके थे। शनिवार कुछ स्थानों पर यातायात भी प्रभावित हुआ। कोरोना से बचाव भी जरूरी
किसानों के पैदल मार्च में कई किसान कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक मास्क नहीं लगाए हुए थे। ऐसे में कुछ किसान अपने साथियों को मास्क लगाने का भी आग्रह करते नजर आए। मास्क लगाने वाले किसान सतपाल ने कहा कि चूंकि दिल्ली में कोरोना ज्यादा फैला हुए है, इसलिए संक्रमण से बचाव के लिए मास्क जरूरी है। मैं बल्लभगढ़ से बादशाह खान तक आटोरिक्शा चलाता हूं। किसान राजमार्ग पर पैदल चल रहे हैं। पुलिस ने आटो चालकों को भगा दिया। यह उचित नहीं है।
-मदन, आटो चालक आंदोलन से हमेशा आम आदमी ही प्रभावित होता है। क्योंकि राजमार्ग से आने-जाने वालों को जाम का सामना करना पड़ता है। वे अपनी दिहाड़ी के लिए भी मौके पर नहीं पहुंच पाए।
-खालिद, श्रमिक अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करना किसानों का हक है, पर यह भी देखा जाना चाहिए कि उनके आंदोलन से किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
-कुबेर, बाइक चालक आंदोलन शुरू करने से पहले कम से कम किसानों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए, कि कोई बीमार हो सकता है। कोई जरूरी काम से कहीं जा रहा है। ऐसे लोगों को कितनी परेशानी होगी।
-राजेश, बाइक चालक